Wednesday, October 27, 2010

वो दिन आखिरी हो गा, जिस दिन इस्लाम पुरे विश्व पे राज करेगा. - तारकेश्वर गिरी.

शायद वो दिन दुनिया का या मानवता का आखिरी दिन होगा जिस दिन इस्लाम पूरी दुनिया पर छा जायेगा। कल्पना कीजिये कि आपके घर मैं सिर्फ और सिर्फ मीठा रखा हैं खाने के लिए तो आप कब तक उसे खा सकते हैं. स्वाद तो बदलना ही पड़ेगा।



कुछ bloger बंधू जोर -शोर से ये प्रचार करने मैं लगे हुए हैं कि टोनी ब्ल्येयर कि साली ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया हैं। मैं कहता हूँ जिसे जो अच्छा लगे वो करना चाहिए. और येही वजह हैं कि भारत मैं सर्व धर्म संप्रदाय आज भी जीवित हैं.



और येही वजह हैं कि पूरी दुनिया से ज्यादा शांति देश हमारा हिंदुस्तान ही हैं। हर धर्म के लोग हर रंग के लोग हर समाज के लोग एक साथ एक जगह प्यार से रहते हैं.

१५ वीं शताब्दी कि बात करे तो पूरा यूरोप (इसाई समाज) Protestantism और Roman Catholicism लोगो का राज रहा हैं और लोग आपस मैं लड़ते भी रहे हैं. धर्म सदा से ही राज्य (सरकार) पर हावी रहा हैं। प्रथम विश्व युद्ध कि सबसे बड़ी वजह भी एही थी.



येही बात अगर हम इस्लाम कि करे तो , इस्लामिक समाज मैं भी(Sunni Islam ) और (Shia Islam) का और अब Sufism और Ahmadiyya का बहुत ही तगड़ा लफड़ा चलता हैं. इस्लाम के विद्वान जिस शांति कि बात करते हैं वो उनके Islamic military jurisprudence जिसे दुनिया जिहाद के नाम से जानती हैं और पूरी तरह से परिचित भी हैं। आज हालत ये हैं कि मुसलमान ही मुसलमान का दुश्मन बना बैठा हैं। कभी किसी शिया मस्जिद मैं बम धमाका हो रहा हैं तो कभी सुन्नी मस्जिद मैं । कभी अहमदियों को मारने कि बात कि जाती हैं तो कभी सूफियों के बहिस्कार कि।



खुद सोचिये कि जिस दिन पूरा संसार इस्लाम मय हो जायेगा उस दिन शिया और सुन्नी समुदाय मैं क्या प्यार रहेगा ??????????????????????????????????????????.



आपको बहुत से इसाई धर्म के लोग अपना धर्म परिवर्तन करते हुए मिल जायेंगे। काशी, मथुरा, वृन्दावन, उज्जैन, नासिक और भी हिन्दू तीर्थस्थल पर इसाई (यूरोपियन मूल) के लोग हिन्दू धर्म अपनाते हुए मिल जायेंगे। रूस मैं इस्कान नाम कि संस्था पुरे रूस को कृष्ण मय बना चुकी हैं।


लेकिन इस से हमें अं किसी भारतीय को क्या फर्क पड़ता हैं, रूस के लोग हिन्दू धर्म को अपनाये या टोनी जी कि साली साहिबा इस्लाम अपनायेना तो हमें या आपको वो लोग कुछ देने आ रहे हैं और ना हमसे या आपसे कुछ लेने आ रहे हैं। ये उनकी मर्जी हैं।




सलीम खान जी, अनवर जमाल, और भी बहुत से मुस्लिम ब्लोगेर बंधुवो से मेरी येही प्रार्थना हैं कि धर्म प्रचार कि जगह समाज सुधार का काम करे तो ज्यादा अच्छा रहता।





हमारे समाज मैं बहुत सी बुराइयाँ फैली हुई हैं जिसे सभी धर्म के लोग मिल करके ही दूर कर सकते हैं। और इन्सान बन करके । ना कि हिन्दू या मुस्लमान बन करके।

Tuesday, October 26, 2010

कंही आपके पति महोयद आपकी सौतन के साथ तो करवा चौथ नहीं मना रहे हैं- व्यंग्य- तारकेश्वर गिरी.

मौसम में ठण्ड बढ़ चुकी हैं, गर्मी चार महीने बाद आएगी, लेकिन हाल -फ़िलहाल खुद को गरम रखने के लिए हंसना-हंसना भी जरुरी हैं.

आज करवा चौथ का व्रत हैं, सभी शादी -शुदा महिलाएं अपने पति परमेश्वर कि लम्बी उम्र कि प्रार्थना में लगी हुई हैं. लेकिन इसी दौरान कुछ पति परमेश्वर ऐसे होते हैं जो जाने या अनजाने में किसी और के भी पति बन चुके होते हैं.

पता चला कि बेचारी पत्नी सुबह से शाम तक व्रत के नियम का पालन कर रही हैं और पति महोदय दूसरी वाली के साथ बंगाली मार्केट में गोले गप्पे खा रहे हैं. और खांए भी क्यों नहीं उसका भी तो हक़ हैं. लेकिन बेचारी पहली वाली का क्या दोष. .....


तो जरा ध्यान से रहिएगा आज, क्या पता आप कि श्रीमती जी आपके पीछे जासूस छोड़ चुकी हो.

और मैं तो थोड़ी सी सलाह उन श्रीमती जी लोगो को दूंगा जिन्हें अपने पति पर जरा सा भी शक हैं.-
  1. अगर आप अपने पति के ऊपर जरा सा भी शक करती हैं , तो कोई भी बहाना बनाइये आज उनकी छुट्टी करवा दीजिये. क्योंकि अगर ये जनाब निकल गये तो पता चला कि किसी और के छत पे उल्लू पूजन हो रहा हैं. - अभी समय हैं- कुछ भी बहाना बना लीजिये.
  2. अगर आप नहीं जानती हैं कि आपके पति के साथ कोई और (सौतन) हैं तो कोई बात नहीं लेकिन शाम के चार बजते ही उनके मोबाइल कि घंटी बजाना शुरू कर दीजिये, अगर आप लेट हो गई तो क्या पता दूसरी वाली पहले ही फ़ोन करके उनको अपने पास बुला चुकी हो. और आप को चाँद देखने के बाद अपने पति का मुखड़ा देखने के लिए इंतजार करना पड़े.
  3. आस - पास भी नजर रखिये क्या पता किसी के पति महोदय ने अपनी दूसरी पत्नी के लिए आपके ऊपर वाला फ्लैट दिला रखा हो , और जब आप उल्लू पूजन कर रही हो तो आपकी सौतन भी ऊपर से उल्लू पूजन मैं व्यस्त हो जाये.

इसे शक कि नज़रो से ना पढ़े, अंन्यथा ना ले, ये सिर्फ आपका थोडा सा खून बढ़ाने के लिए हैं.

चलते - चलते एक बात और अगर किसी के भी पति अगर चाँद निकल जाने के बाद घर आ रहें हैं तो समझ जाइये कि इनका तो उल्लू पूजन हो चूका हैं.

Monday, October 25, 2010

उल्लू पूजन समारोह -ब्यंग - तारकेश्वर गिरी.



लक्ष्मी जी कि पूजा तो आम बात हैं और हिंदुस्तान में लगभग हर घर में होती हैं, लेकिन बेचारा उल्लू परेशान रात दिन लक्ष्मी जी को अपनी पीठ पर बैठा कर घूमता रहता हैं।




एक दिन दुखी हो करके उल्लू ने लक्ष्मी जी को अपनी पीठ पर से उतार दिया और लक्ष्मी जी से बोला- मैडम बहुत हो गया, लोग तो आप कि सेवा के लिए तैयार रहते हैं दिन रात इंतजार करते रहते हैं। और मुझे कोई पूछता ही नहीं मैं तो ऐसे ही टेंशन में रहने लगा हूँ। मुझे आप से ईर्ष्या होने लगी हैं। दिवाली आने वाली हैं, कोई उल्लू देखना भी पसंद नहीं कर रहा हैं।




लक्ष्मी जी बोली- पुत्र टेंशन मत लो मैं तुम्हारे लिए भी कुछ जुगाड़ करती हूँ।




उल्लू बोला - क्या खाक जुगाड़ करेंगी आप, गणेश जी को देखिये , आप के साथ लोग उन्हें तो पूजते ही हैं उनके रूप मैं हाथी को भी सलाम ठोक देते हैं और तो और उनकी सवारी हर घर मैं मौजूद रहती हैं। मुझे तो कोई अपने घर क्या अपने मोहल्ले मैं भी नहीं घुसने देता।




लक्ष्मी जी बोली : बेटा क्या करू तुम्हारी शक्ल ही डरावनी हैं लेकिन तुम बिलकुल चिंता मत कर, दिवाली से ठीक ११ दिन पहले शादी - शुदा औरते तुम्हारी पूजा अपने - अपने पति के रूप मैं करेंगी।




और बस ये वरदान ही उल्लू को पतिदेव के रूप मैं ले आया और शुरू हो गया करवा चौथ का वर्त। कल के दिन सारे पति देव महोदय लोग उल्लू के रूप मैं हो जायेंगे और उनकी आरती उतारेंगी उनकी- उनकी धर्म पत्निया।
मैं भी हूँ .................................


Tuesday, October 19, 2010

शरीफ खान जी- एक मुसलमान बन करके नहीं एक इन्सान बन करके सोचिये- तारकेश्वर गिरी.

आदरणीय शरीफ खान जी चरण स्पर्श।
मान्यवर बुजुर्ग महोदय , मुझसे कंही ज्यादे दुनिया देखि हैं आपने , बहुत करीब से आपने बहुत से दंगो को देखा होगा, हर धर्म के लोग आपके साथ होंगे।
लेकिन श्रीमान जी ये भी सत्य हैं कि http://haqnama.blogspot.com/2010/10/definition-of-terrorism-sharif-khan.html
आतंकवाद का नाम आते ही इस्लाम सामने आ जाता हैं। लड़ाई झगडे तो हर समाज और हर धर्म में होते हैं, और कभी - कभी भयानक भी हो जाते हैं, लेकिन अगर वोही लड़ाई झगडे अगर इस्लाम से जुड़े हो तो सदैव भयानक ही होगा।
श्रीमान जी अगर भारत भी इस्लामिक देश होता तो शायद आप और आप का पूरा कुनबा इतना सुरक्षित नहीं होता जितना कि आज आप हैं। पाकिस्तान , अफगानिस्तान , इराक में आज हालत ये हैं कि मुसलमान मस्जिद में नमाज पढने से डरता हैं। कब कौन सा आदमी मानव बम हो और कितनो को अपने साथ उडा ले जाये पता नहीं।
भारत के अन्दर जितने दंगे हिन्दू और मुसलमानों के बीच हुए हैं उनसे ज्यादा दंगे शिया और सुन्नी के बीच रोज होते हैं।
आप कहते हैं कि बाबरी मस्जिद गिरा करके लोगो ने गलत किया।
आतंक कि शुरवात तो खुद मुस्लिम आक्रमण कारियों ने कि हैं, क्यों भूल गए आप जब तैमुर लंग ने पूरी दिल्ली को आग के हवाले कर दिया था। क्यों भूल रहे हैं आप कि हिंदुस्तान में जितने भी मस्जिदे उस ज़माने में बनाई गई थी या तो मंदिर कि जगह या मंदिर के मलवे को इस्तेमाल कर के ही बनाई गई थी।
कभी मौका मिले तो दिल्ली कि कुतुबमीनार देखने जरुर जाइएगा, तब आप को पता चलेगा कि आप के पूर्वजो ने कितनी अच्छी जमीन आप लोगो के लिए तैयार कि हैं। पुरे कुतुबमीनार कि दिवालो और आस पास के भवनों पर आप को आज भी हिन्दू और जैन देवी - देवातावो कि तस्वीर नजर आ जाएगी।
कुछ बुरा लगा हो तो बच्चा समझ कर के माफ़ कर दीजियेगा। क्योंकि हमारी संस्कृति हमें बड़ो कि इज्जत करना सिखाती हैं।

Sunday, October 17, 2010

हे राम कंहा हैं आप - तारकेश्वर गिरी.

हे राम कंहा हैं आप ,

हर तरफ हाहाकार , लुट, घोटाले,
पूरी दुनिया में रावण घूम रहा हैं , हे राम कंहा हैं आप.

सीता का पता नहीं, सुपनखा लिए तलवार,
महिलावो कि इज्जत हो रही हैं तार-तार , हे राम कंहा हैं आप.

हर साल रावण मरता हैं, रावण के हाथो,
हर इन्सान में बस गया हैं रावण , हे राम कंहा हैं आप.

जाती- पति , हिन्दू - मुस्लिम , मंदिर - मस्जिद ,
रोज रोज एक नई बीमारी , हे राम कंहा हैं आप.

सैकड़ो सोने कि लंका , इस भारत वर्ष में
कितने रावण और जन्म लेंगे इस धरती पे, हे राम कंहा हैं आप.

Wednesday, October 13, 2010

क्या बेटा सचमुच माँ और बाप के बुढ़ापे में सहारा बनता हैं- तारकेश्वर गिरी.


क्या सचमुच बेटा माँ और बाप के बुढ़ापे में सहारा देता हैं, हैं लेकिन बहुत ही कम और इसकी वजह पता नहीं ,....... आप लोगो को पता हो तो बताइए।
कल रात को मैंने आपने गाँव में फ़ोन किया ( फ़ोन तो में रोज ही करता हूँ) फ़ोन मेरे पिताजी जी ने उठाया और मैंने उनसे नमस्ते कर के हाल चाल पूछा , उनका जबाब था क्या यार बस तुम लोग तो बेकार हो .....................
मैंने पूछा - पापा क्या हुआ , उन्होंने जबाब देने कि बजाय फ़ोन मेरे बहन को दे दिया । बहन से बात करने से पता चला कि माँ कि तबियत ख़राब चल रही हैं।
मैंने भी सोचा कि दुनिया लडको कि बात करती हैं और माँ और बाप का साथ लड़कियां देती हैं। खैर मेरे गाँव पे मुझसे दो छोटे भाई और उनके बच्चे भी रहते हैं। ऐसी कोई दिक्कत नहीं हैं।
मगर उनका क्या जिनके माँ और बाप अकेले रहते हैं।
किसी ने सही कहा हैं कि बच्चे और बूढ़े सब एक ही सामान होते हैं। जब बच्चा छोटा हो तो उसे हमेशा माँ और बाप का सहारा चाहिए और जब माँ और बाप बूढ़े हो जाय तो उनको आपने बच्चो का सहारा भी चाहिए हो ता हा।
और शायद ये ही सच हैं। मगर सहारा देता कितने हैं आज के दिन में। सब अपने - अपने बीबी बच्चो के प्यार में खोये रहते हैं।

Tuesday, October 12, 2010

चोर -चोर चोर , जल्दी पकड़ो नहीं तो भाग जायेगा- तारकेश्वर गिरी.

चोर चोर चिल्लाता हुआ एक आदमी गली में दौड़ रहा हैं, उसके पीछे उसकी बीबी आपने बच्चो को साथ लिए दौड़ रही हैं, उसकी बीबी भी चोर चोर चिल्ला रही हैं, साथ में बच्चे भी चोल चोल चिल्ला रहे हैं।
पहले तो किसी के समझ में नहीं आया कि माज़रा क्या हैं, लेकिन जब आदमी अपनी गली से निकल कर के दूसरी गली में पहुंचा तो देखा कि चोर तो नदारत हैं, कुछ आदमी इधर उधर घूम रहे हैं, उसी दौरान उसकी बीबी भी अपने बच्चो के साथ गली मुडती हैं और जोर से चिल्लाती हैं चोर चोर पकड़ो नहीं तो भाग जायेगा ।
अगला सीन :
गली में तुरंत भीड़ जमा हो जाती हैं और उस आदमी को चोर समझ कर के पीटने लगती हैं, जब तक उसकी बीबी अपने बच्चो के साथ पहुँचती तब तक भीड़ ने अपने - अपने हाथ का दर्द उस बेचारे आदमी को दे दिया।
ऐसा ही कुछ आज कल हमारे मोहल्ले में भी हो रहा हैं, हमारे मोहल्ले का मतलब ब्लॉग जगत :-
कुछ ब्लोगेर लोगो के फर्जी नाम से टिप्पड़ी करते हैं , तो कुछ गाली गलोज, तो कुरान कि पोल खोलने में लगे हुए हैं तो कुछ हिन्दू देवी देवातावो को अपना बनाने पर लगे हुए हैं।
आज पहली बार मेरे नाम से किसी सज्जन पुरष ने टिप्पड़ी कि हैं, उसका लिंक दे रहा हूँ -

Friday, October 8, 2010

बुद्धि दो माँ - तारकेश्वर गिरी.



हे जगजननी माँ सबसे पहले तो आपको मेरा प्रणाम।

, दुर्गा पार्वती का दूसरा नाम है। हिन्दुओं के शाक्त साम्प्रदाय में भगवती दुर्गा को ही दुनिया की पराशक्ति और सर्वोच्च देवता माना जाता है (शाक्त साम्प्रदाय ईश्वर को देवी के रूप में मानता है) । उपनिषद में देवी "उमा हैमवती" (उमा, हिमालय की पुत्री) का वर्णन है । पुराण में दुर्गा को आदिशक्ति माना गया है । दुर्गा असल में शिव की पत्नी पार्वती का एक रूप हैं, जिसकी उत्पत्ति राक्षसों का नाश करने के लिये देवताओं की प्रार्थना पर पार्वती ने लिया था -- इस तरह दुर्गा युद्ध की देवी हैं । देवी दुर्गा के स्वयं कई रूप हैं । मुख्य रूप उनका "गौरी" है, अर्थात शान्तमय, सुन्दर और गोरा रूप । उनका सबसे भयानक रूप काली है, अर्थात काला रूप । विभिन्न रूपों में दुर्गा भारत और नेपाल के कई मन्दिरों और तीर्थस्थानों में पूजी जाती हैं । कुछ दुर्गा मन्दिरों में पशुबलि भी चढ़ती है । भगवती दुर्गा की सवारी शेर है ।
अफ्रीका के आदिवाशी आज भी देवी कि पूजा करते हैं लेकिन किसी और नाम से।

Sunday, October 3, 2010

जनता शांत रही और हरामी चिल्लाते रहे- तारकेश्वर गिरी.

पुरे देश कि जनता शांत रही और साले देश के गद्दार हरामी कि औलाद चिल्लाते रहे कि नहीं , हमें ये फैसला मंजूर नहीं हैं, कोई साला कहता हैं कि हम तो सुप्रीम कोर्ट जायेंगे और कोई हरामी कहता हैं कि नहीं ये गलत हैं।
में तो उन हरामीकि औलादों से पूछता हूँ कि तुम लोग थे कंहा जब अयोध्या का मामला कोर्ट में गया था , तुम्हारी गां..........................ड़ में दम था तो पहले क्यों नहीं समझौता करा लिया ।
अब जब पुरे देश के हिन्दू और मुस्लमान भाई शांत हो गये तो सालो अपनी - अपनी रोटी सेकने आ गए।
पुरे भारत वर्ष के हिन्दू और मुसलमानों ने एक आवाज में ये माना कि कोर्ट का फैसला सब मानेगे तो सालो तुम्हारी क्यों फट रही हैं ,
क्या तुम्हे मजा तभी आएगा जब दोनों भाई आपस में लड़ेंगे।