Monday, May 25, 2009

हस्पताल या अस्पताल

राम राम जी
लोग रोज -रोज कोई ना कोई मुद्दा ले कर के बैठ जाते हें बहस करने के लिए, आज मैं आप सभी लेखक बंधू और पाठक बंधू से अपने इस बिषय पर आपके विचार की उम्मीद रखता हूँ /
हस्पताल या अस्पताल इसमे से सही शब्द क्या है , ये सबको पता है की ये तो सिर्फ़ उच्चारण की गलती है, लेकिन उच्चारण भी क्या , हम जब भी अपनी मात्र भाषा के आलावा कोई और भाषा बोलेंगे और उस भाषा में हम अगर पुरी तरह से निपुड नही है तो उच्चारण तो ग़लत होगा ही/ और इसी ग़लत उच्चारण की वजह से हम भारतीयों को भारत की जगह इंडियन और हिंदू नाम मिला है/ आज से लगभग दो हज़ार साल पहले जब सिकंदर ने भारत पर आक्रमण किया था तो उस समय उसके सेना और उसके अधिकारिओं के द्वारा सिन्धु नदी का उच्चारण सिन्धु ना करके इन्दुस किया गया जिस से उस दौरान बिदेशियों के द्वारा हमें इन्दुस या इंडियन नाम मिला, आज भी अगर आप सिन्धु नदी या सिन्धु घाटी सभ्यता के बारे में कंही पड़ेंगे तो इंग्लिश में उसका नाम इन्दुस (INDUS RIVER) ही मिलेगा/
फारसियों ने जब भारत पर आक्रमण किया तो वो भी सबसे पहले सिन्धु नदी के किनारे आकर के रुके और सिन्धु नदी को उन्होंने हिंदू नदी कहा और सिन्धु नदी के इस तरफ़ रहने वालो को हिंदू कहा / इस तरह से उच्चारण बदलते -बदलते आज हम भारतीय एक जातिसूचक शब्द में बाँध कर के रह गए/

Sunday, May 24, 2009

संगीता पुरी जी और उनके पाठको के लिए

मेरा ये लेख संगीता सूरी जी के ब्लॉग : क्‍या पाठक ज्‍योतिष की वैज्ञानिकता को सिद्ध करने में मेरी मदद करेंगे ?????
बहुत बढ़िया लिखा है आपने , मेरे नजर में तो साइंस और ज्योतिष दोनों अपनी अपनी जगह पर उचित हैं,
साइंस आज का पढ़ा जाने वाला लोकप्रिय सुब्जेक्ट है और ज्योतिष को लोग पार्ट टाइम ले रहे है ज्योतिष पर ज्यादा ध्यान दे तो सचमुच ज्योतिष आगे निकले जाएगा।

संगीता जी ज्योतिष को सिद्ध करने की जरुरत नही है, ज्योतिष तो खुद मैं एक पेर्फक्ट सुब्जेक्ट है / जिसने पुरी दुनिया को जानकारी दिया है/ हमारे देश के पूर्वजो ने आज से हजारो साल पहले इतना गहन आध्यनकिया था, जिसका फायदा आज पुरी दुनिया उठा रही है, सूर्य की पृथ्वी से दुरी, पृथ्वी कितने चक्कर पुरे साल मैं लगाती है , चंद्रमा और तारो का रहस्य, कब कौन सा मौषम , दिशावों की जानकारी , मैथ की jankari और बहुत से एक्साम्प्ले है जो ज्योतिष को सही बताएँगे ,
क्या साइंस बता पायेगा की हमारे हाथ और पैर की अंगुली मैं सिर्फ़ तीन पार्ट क्यों होते हैं और हमारे हाथ मैं भी तीन पार्ट क्यों होते हैं और हमारे पुरे शरीर पर भी तीन पार्ट क्यों होते हैं /

आप सबको अच्छी तरह से पता है की हमारा देश ज्योतिष पर ही टिका हुआ है , हमारे देश नो जो अपनी सभ्यता हजारो सालो से बचा रखी वो भी ज्योतिष की देन है

रेल गाड़ी में मुफ्त सफर- छात्रो के लिए

ये ख़बर बहुत अच्छी तो नही हैं मगर फिर भी ठीक है, क्योंकि छात्र तो पहले से ही मुफ्त सफर का आनंद उठाते रहे हैं / आज तक कौन से छात्र ने टिकेट ख़रीदा है, अगर ख़रीदा भी है तो सिर्फ़ जुर्माने से बचने के लिए और वो भी पुरे साल में एक बार या दो बार। लेकिन फिर भी ममता जी का कदम ठीक है कम से कम छात्रो को सरकारी लाइसेंस तो मिल ही जाएगा/ और देखा जाए तो ममता जी के इस कदम से रेल मंत्रालय को कोई नुकसान तो होने वाला है नही/ पहले ही कौन सा टिकेट खरीदते थे,

लालू जी को जरुर अस्चर्या होगा की घाटे में जा रही ट्रेन को मैंने ही तो फायदा ला कर के दिखाया , ये वाला आइडिया कयों नही आया /

खैर मेरे छात्र बंदू अ़ब मजे से टेंशन फ्री हो कर के यात्रा करो / मुझे तो अफसोश इस बात का है की हमारे ज़माने में एसा मंत्री क्यों नही हुआ /