Monday, June 17, 2013

गुजरात दंगो का असली जिम्मेदार कौन :-

गुजरात दंगो का असली जिम्मेदार कौन :- नरेन्द्र मोदी , या गुजरती हिन्दू, या गुजरती मुसलमान .

पुरे हिंदुस्तान के लोगो को ये बात पता है की गुजरात दंगो की शुरुवात , अयोध्या से कार  सेवा कर के लौट रहे कार  सेवको को गोधरा मैं  ट्रेन की पूरी बोगी को को चारो तरफ से बंद करके जिन्दा जला देने के बाद शुरू हुई .

इस भीषण हत्या कांड के पीछे ना तो मोदी का हाथ है और न ही गुजरती हिन्दू या गुजरती मुसलमानों का, इस भीषण हत्या कांड के पीछे  कट्टर पंथी ताकतों का हाथ था, जिनका न तो कोई धर्म होता है और न ही कोई जाती .


लेकिन 1984 में देश की राजधानी दिल्ली में हुए सिखों के खुले आम कत्ल , लुट, बलात्कार का जिम्मेदार सिर्फ  कांग्रेस पार्टी और उस पार्टी के चमचे ही शामिल थे. ये बात भी पुरे भारत के लोगो को पता है,

लेकिन उसके बाद भी ये हमारे देश के चुरकुट , हरामी , और बेईमान , और निक्कमे नेता इस बात को भूल करके , आम आदमी, गरीब इन्सान , और साथ मैं भोले भाले देशवाशियों को फंसाते रहते हैं, और इस देश के कुछ बेवकूफ लोग जाती वाद , पार्टी वाद मैं फंस करके , इस देश का बेडा गर्ग करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं .

Wednesday, June 12, 2013

सबसे बड़ी सांप्रदायिक राजनीतिक पार्टी और सरकार .

सबसे बड़ी सांप्रदायिक राजनीतिक  पार्टी और सरकार .

आज कल या आज से काफी पहले से हमारे देश में जब भी कोई चुनाव की बात आती है तो सांप्रदायिक और अ सांप्रदायिक सरकार या राजनीतिक पार्टियों के बारे में जोर शोर से बहस चालू हो जाती है.

देश की सबसे बड़ी सांप्रदायिक पार्टी भाजपा ( बाकि राजनीतिक पार्टियों की नज़र से)  है, जिसने राम मंदिर के नाम पे राजनीती की शुरुवात की और बाबरी मस्जिद का ढांचा तुडवा दिया . अयोध्या से  गुजरात लौट रहे कार सेवको पर ट्रेन मैं हुए हमले के बाद गुजरात में दंगा फैला कर के तमाशा देखा , जिसमे लगभग 800 मुस्लिम और लगभग 300 हिन्दू मारे गये.

उसे भी पहले राम मंदिर का विवादित ढांचा गिराते समय मुलायम सिंह की सरकार में लगभग 1000 हिन्दू मारे गए थे जिसका कोई सरकारी दस्त वेज ही नहीं बचा , क्योंकि अयोध्या में मीडिया के घुसने पे ही प्रतिबन्ध लगा दिया गया था .

थोडा और पीछे जांए तो 1984  श्रीमती इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद कांग्रेस सरकार ने सिर्फ दिल्ली मैं ही 3000 सिखों का क़त्ल करवा दिया . 

समस्या ये है की सारी पार्टियाँ ही भ्रष्ट और सांप्रदायिक हैं, भरोसा करे तो किस पर,  ममता बनर्जी ने जिस समय कांग्रेस की सरकार से अपना समर्थन वापस लिया था उस समय मुलायम भी ममता के साथ थे और मायावती भी, लेकिन C B I की डर से दोनों पीछे हट गए ,

गुजरात दंगो में मारे गए मुसलमानों की सबकी चिंता है , लेकिन मारे गए हिंदुवो और सिखों की किसी को भी नहीं .

अब ममता और मुलायम जी मिल करके तीसरे मोर्चे का सपना देख रहे हैं तो कांग्रेस अपने तीसरे टर्म का,

डर  है तो सिर्फ नरेन्द्र मोदी का .





बुजुर्गो का हमेशा सम्मान करना चहिये.

बुजुर्गो का हमेशा सम्मान करना चहिये. 

हमारे देश की परंपरा रही है , की अपने बुजुर्गो को हमेशा सम्मान देना चाहिए . अब चाहे बुजुर्ग हमारे घर परिवार से हो, या किसी भी राजनितिक पार्टी से, क्या फर्क पड़ता है. 

अब भारतीय जनता पार्टी के संयोजक श्रीमान अडवाणी जी को ही ले लीजिये , पार्टी के लोगो ने सम्मान पूर्वक वापस घर बुला ही लिया .

सोनिया जी को ही देख लीजिये , परिवारवाद को छोड़ कर के श्रीमान मनमोहन सिंह जी को  लम्बे अरसे से गद्दी पे बिठा रखा है, 

Tuesday, June 4, 2013

कुछ यूँ ही खाली खाली सा .

कुछ यूँ ही खाली खाली सा
अजीब बेपरवाह ,

निरंतर सुना- पन लिए
एकांत में  बैठा , ये मन.

बड़ी देर से एक ही धुन में
खोया हुआ अपनों से दूर,

जीवन के बन्धनों से बंधा
जीने का ख्वाब लिए , ये मन.




Sunday, June 2, 2013

एक साल बाद

फेसबुक मैं स्टेट्स अपडेट करने और काम मैं इतना बिजी हो गया की मैं ये भी भूल गया था की मेरा कोई अपना ब्लॉग भी है…। 

दरअसल अपने ब्लॉग की तबियत पिछले साल से ही ख़राब चल रही थी . जब उसको जगाने के लिए तैयार होता वो उठता ही नहीं था. बार बार हैंग हो जाता था , परन्तु आज जाके इस कुम्भकरण की नीद खुली है. तो फिर मैंने भी सोचा की चलो सबसे राम-राम और सलाम ही कर ले.