कुछ bloger बंधू जोर -शोर से ये प्रचार करने मैं लगे हुए हैं कि टोनी ब्ल्येयर कि साली ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया हैं। मैं कहता हूँ जिसे जो अच्छा लगे वो करना चाहिए. और येही वजह हैं कि भारत मैं सर्व धर्म संप्रदाय आज भी जीवित हैं.
और येही वजह हैं कि पूरी दुनिया से ज्यादा शांति देश हमारा हिंदुस्तान ही हैं। हर धर्म के लोग हर रंग के लोग हर समाज के लोग एक साथ एक जगह प्यार से रहते हैं.
१५ वीं शताब्दी कि बात करे तो पूरा यूरोप (इसाई समाज) Protestantism और Roman Catholicism लोगो का राज रहा हैं और लोग आपस मैं लड़ते भी रहे हैं. धर्म सदा से ही राज्य (सरकार) पर हावी रहा हैं। प्रथम विश्व युद्ध कि सबसे बड़ी वजह भी एही थी.
येही बात अगर हम इस्लाम कि करे तो , इस्लामिक समाज मैं भी(Sunni Islam ) और (Shia Islam) का और अब Sufism और Ahmadiyya का बहुत ही तगड़ा लफड़ा चलता हैं. इस्लाम के विद्वान जिस शांति कि बात करते हैं वो उनके Islamic military jurisprudence जिसे दुनिया जिहाद के नाम से जानती हैं और पूरी तरह से परिचित भी हैं। आज हालत ये हैं कि मुसलमान ही मुसलमान का दुश्मन बना बैठा हैं। कभी किसी शिया मस्जिद मैं बम धमाका हो रहा हैं तो कभी सुन्नी मस्जिद मैं । कभी अहमदियों को मारने कि बात कि जाती हैं तो कभी सूफियों के बहिस्कार कि।
खुद सोचिये कि जिस दिन पूरा संसार इस्लाम मय हो जायेगा उस दिन शिया और सुन्नी समुदाय मैं क्या प्यार रहेगा ??????????????????????????????????????????.
आपको बहुत से इसाई धर्म के लोग अपना धर्म परिवर्तन करते हुए मिल जायेंगे। काशी, मथुरा, वृन्दावन, उज्जैन, नासिक और भी हिन्दू तीर्थस्थल पर इसाई (यूरोपियन मूल) के लोग हिन्दू धर्म अपनाते हुए मिल जायेंगे। रूस मैं इस्कान नाम कि संस्था पुरे रूस को कृष्ण मय बना चुकी हैं।
लेकिन इस से हमें अं किसी भारतीय को क्या फर्क पड़ता हैं, रूस के लोग हिन्दू धर्म को अपनाये या टोनी जी कि साली साहिबा इस्लाम अपनाये। ना तो हमें या आपको वो लोग कुछ देने आ रहे हैं और ना हमसे या आपसे कुछ लेने आ रहे हैं। ये उनकी मर्जी हैं।
सलीम खान जी, अनवर जमाल, और भी बहुत से मुस्लिम ब्लोगेर बंधुवो से मेरी येही प्रार्थना हैं कि धर्म प्रचार कि जगह समाज सुधार का काम करे तो ज्यादा अच्छा रहता।
हमारे समाज मैं बहुत सी बुराइयाँ फैली हुई हैं जिसे सभी धर्म के लोग मिल करके ही दूर कर सकते हैं। और इन्सान बन करके । ना कि हिन्दू या मुस्लमान बन करके।