Saturday, November 13, 2010

दूसरो कि बीबी और अपने बच्चे सबको अच्छे लगते हैं-तारकेश्वर गिरी.

दूसरो कि बीबी और अपने बच्चे सबको अच्छे लगते हैं, अपनी क्यों नहीं पता नहीं , या ये हो सकता हैं कि अपनी तो अपनी हैं ही कंहा जाएगी, दूसरी को भी अपना लेते हैं।

और ये सब कोई ,आज का नया तरीका तो हैं नहीं , ये तरीका तो सदियों से चला आ रहा हैं, कौन किसे रोक सकता हैं, और ना ही कोई रुकने वाला हैं, लेकिन फिर भी अगर लोग बोलना छोड़ दे या लोग इस पर लिखना छोड़ दे तो फिर वोही जंगल राज।

एक कुंवारा लड़का और लड़की एक दुसरे से प्यार करते हैं तो कुछ हद तो ठीक हैं लेकिन अफ़सोस तब होता हैं जब एक शादी -शुदा महिला या पुरुष भी एक दुसरे से प्यार करने लगते हैं ( मतलब सिर्फ ........)। प्यार करना कोई बुरी बात तो हैं भी नहीं।

लेकिन उन मनचले लोगो का क्या .... जो मौका मिलते ही शुरू हो जाते हैं, :- अबे... देख क्या माल जा रहा हैं..... या काश .............. या सिर्फ हाय...................... कह के भी । हद तो तब हो जाती हैं जब कुछ बत्तमीज किस्म के लोग छेड़खानी पर उतर जाते हैं।

दुनिया के हर समाज ने इस तरह कि हरकतों को गलत कहा हैं, और तरह - तरह कि बंदिशे भी डाली गईं हैं, जिस से कि लोग सामाजिक नियमो का पालन करे। और इन्सान ही बने रहे ना कि जानवरों कि तरह ........

10 comments:

अन्तर सोहिल said...

एक सच्ची घटना
मेरे पडोस के एक लडके ने अपनी सगी माँ को ही पीछे से देखकर "माल" का सम्बोधन दिया था।
और रोहतक में एक लडके ने खुदकुशी की, क्योंकि जिस लडकी के सूट की सरेराह उसने पीछे से जिप खोल दी थी, वो उसकी सगी बहन थी।

प्रणाम

Taarkeshwar Giri said...

he bhagwan ye to bahut hi dardnak ghatna hai , isiliye mann - bap ko chahiye ki apne baccho main achhe sanskar de......aur sahi samaj bhi...

Shah Nawaz said...

भाई साहब तो सही कह रहे हो, अभी तो आपके साथ ब्लोगर मिलन में जा रहे हैं आकर पूरा पढ़ते हैं... :-)

Shah Nawaz said...

भाई साहब तो सही कह रहे हो, अभी तो आपके साथ ब्लोगर मिलन में जा रहे हैं आकर पूरा पढ़ते हैं... :-)

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

समाज का घोर नैतिक पतन हो चुका है...

नीरज मुसाफ़िर said...

मन तो हमारा भी करता है हाय हाय करने का। लेकिन अपने गांव के संस्कार करने नहीं देते।

Anonymous said...
This comment has been removed by the author.
Anonymous said...

मेरे साथ में पड़ने वाले लडको की राय थी की
लडकियों को ये सब पसंद है
पर जब मै बोलता था की तुमारी बहन को भी ये पसंद है तब उनका मुह बन जाता है

आदमी यदि अपने परिवार की सोच कर करे तो काफी सुधार आ जाये

संजय भास्‍कर said...

i agree with
Alok Mohan ji....

संजय भास्‍कर said...

i agree with
Alok Mohan ji....