Friday, September 24, 2010
C. W. G., कुत्ते वाला गेम- तारकेश्वर गिरी.
दिल्ली तो बिलकुल कुत्ते के गेम के लिए तैयार बैठी हैं। देखते हैं कि अभी कितने कुत्ते मैदान में आते हैं। लेकिन शायद ये गिनती अगले महीने ही होगी।
Thursday, September 23, 2010
मेरे मोहल्ले को ISO 9001-9002 अवार्ड मिलेगा.- तारकेश्वर गिरी.
Wednesday, September 22, 2010
तेरी आँखों कि नमी - तारकेश्वर गिरी.
ये आसमान गीला ये धरा गीली।
हर जगह नमी हैं , तेरी आँखों में सूनापन,
धरा हरी-भरी हैं, लगता अपनापन हैं।
कोई रूठा हैं अपना, जैसे एहसास होता हैं,
जब याद आती हैं उनकी, तो लगता सब कुछ पास पास होता हैं।
तेरी आँखों कि नमी , हमें रुला न दे,
ये दूरियां कभी हमें, हमेशा के लिए सुला ना दे.
Tuesday, September 21, 2010
ये कैसी दिल्ली- तारकेश्वर गिरी.
पूरा का पूरा ब्रह्माण्ड सिर्फ ३ परा आधारित हैं.-तारकेश्वर गिरी.

- तीनो लोक, - पृथ्वी, आकाश और पाताल।
- त्रिकोणीय (गणितीय चमत्कार)
- तीन प्रमुख ग्रह- खुद पृथ्वी, और उसके नजदीक सूरज और चाँद ( जो आसानी से देखे जा सकते हैं)।
- तीन विश्वयुद्ध - १ महाभारत , २ प्रथम विश्वयुद्ध, और ३। दूसरा विश्वयुद्ध।( अब और कोई भी विश्व युद्ध नहीं होगा)।
चलते चलते :- बिजुली के पंखे में तीन पत्तिया, बिजुली के तीन तार और तीन फेस। भारत के झंडे में तीन रंग, भारत के पास तीन सेना ( नौ सेना, थल सेना और वायु सेना) । छोटे छोटे मोहल्ले में तीन मंजिल ईमारत। तीन कमरों का मकान, भारत में तीन प्रमुख व्यक्ति १- राष्ट्रपति, २- प्रधान मंत्री, ३- सर्वोच्च न्यायलय के मुख्या न्यायाधीश ।
पढ़ते रहिये और आनंद लेते रहिये : अभी जारी रहेगा। बहुत मसाला पड़ा हैं, तीन पे।
Monday, September 20, 2010
पूरा कापूरा ब्रह्माण्ड सिर्फ तीन पर आधारित हैं- पार्ट -२- तारकेश्वर गिरी.
अगर पूरा विश्व सिर्फ तीन शब्द में निहित हैं तो इसका मतलब ये भी होगा कि जरुर कंही ना कंही वो तत्वा भी इसी शब्द में छुपा होगा जिसके पीछे पूरी दुनिया के वैज्ञानिक भाग रहे हैं या ये कह ले कि वो सच जो अभी तक लोगो के सामने नहीं आया हैं।
अपनी तीन शब्दों वाली श्रृखला को आगे बढ़ाते हुए आज कुछ और नए उदहारण आप के सामने रखने जा रहा हूँ :
- ॐ नम: शिवाय : - कुल तीन शब्द।
- अल्लाह हो अकबर :- कुल तीन शब्द।
- कुरान : - इसमें तीन अक्षर ।
- पुराण : - इसमें तीन अक्षर।
पूरी धरती पर सिर्फ तीन तरह कि मानव जाती रहती हैं
- १- वो लोग जो पूर्वी एशिया और उत्तरी एशिया के देशो में रहते हैं जिनका कद छोटा और चेहरा गोले होता हैं।
- २- वो लोग जो मध्य एशिया में रहते हैं जिनका कद लम्बा चेहरा गोरा या गेन्हुया और चेहरा लम्बा ( जिनको आर्य भी कह सके हैं।) पूरा का पूरा यूरोप, अरब, इराक, इरान और भारतीय महादीप के कुछ हिस्से में।
- ३- वो लोग जो पृथ्वी के दक्षिणी हिस्से में रहते हैं , कद लम्बा या छोटा लेकिन, रंग काला , - साउथ इंडिया , अफ्रीका और भी निचले हिस्से।
लाइट चली गई बाकि कड़ी शाम को
Friday, September 17, 2010
पूरा का पूरा ब्रहमांड सिर्फ तीन पर आधारित हैं।- तारकेश्वर गिरी.
पूरा का पूरा ब्रहमांड सिर्फ तीन पर आधारित हैं। श्रृष्टि के निर्माता ने जब श्रृष्टि कि रचना कि होगी तो उस समय इस ब्रहमांड में क्या रहा होगा, किसी को भी नहीं पता। लेकिन मेरा मानना हैं कि उसकी रचना के दौरान गिनती कि संख्या ३ जरुर महत्वपूर्ण रही होगी.
लेकिन हमारे हिंदुस्तान में संख्या ३ को अपशगुन मानते हैं , जैसे कि तीन जने एक साथ घर से साथ नहीं निकलना और वेगैरह - वेगैरह।
लेकिन में आपको कुछ ऐसे उदहारण दूंगा जिससे ये साबित होगा कि संख्या ३ जरुर कंही न कंही आपने आप में महत्वपूर्ण हैं। लेकिन उससे पहले एक और दो के बारे में भी बता दूँ।
१- ईश्वर एक हैं, और सिर्फ एक ही हैं।
२- + और - जीवन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं, इस के बिना जीवन अधुरा हैं। ( नर और मादा)।
३-
- हिन्दू धर्म के अन्दर ३ भगवान और तीन ही देवियाँ हैं [( ब्रम्हा , विष्णु और महेश- लक्ष्मी , सरस्वती और पार्वती)]।
- हमारे शरीर के तीन हिस्से हैं , ( सर , धड और कमर के नीचे का हिस्सा)
- हमारी अँगुलियों में भी तीन ही हिस्से हैं और फिर पुरे हाथ में भी तीन ही हिस्से हैं और उसी तरह हमारे पैर में भी।
- पूरी दुनिया में पांच महादीप हैं लेकिन अफ्रीका , एशिया और यूरोप ये तीनो एक साथ जुड़े हुए हैं और इनको एक साथ जोड़ दिया जाय तो सिर्फ तीन ही महादीप कहलायेंगे - अमेरिका , आस्ट्रेलिया और यूरेशिया महादीप।
- हिंदुस्तान तीन प्रमुख नदिया हैं - गंगा , जमुना और सरस्वती ( सरस्वती विलुप्त हो चुकी हैं और यमुना होने वाली हैं उसके बाद गंगा भी विलुप्त हो जाएँगी)।
- भारत तीन तरफ समुद्रो से घिरा हुआ हैं और तीन समुद्रो से घिरा हैं ( हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल कि खाड़ी )।
- भारत में तीन प्रमुख धर्म हैं - हिन्दू , मुस्लिम और इसाई (सिख , बौध और जैन हिन्दू धर्म के ही हिस्से हैं)
- भारत में हिन्दू धर्म से भी तीन धर्म निकले हुए हैं - बौध, जैन और सिख.
- पूरी दुनिया में तीन प्रमुख धर्म हैं - इसाई, बौध और इस्लाम।
पोस्ट काफी लम्बी हो रही हैं , इस लिए इस कड़ी को इसी जगह पर रोक रहा हूँ अगर आप सबको पसंद आएगी तो अगली कड़ी लिखूंगा ................
Thursday, September 16, 2010
तेरी यादो के सहारे जी लेंगे , तेरी बातो के सहारे । -तारकेश्वर गिरी.
तेरी यादो के सहारे जी लेंगे , तेरी बातो के सहारे ।
तू ना आई तो क्या, तेरी सांसो के सहारे जी लेंगे।।
वो दिन भी क्या दिन थे , जब हम इंतजार किया करते थे।
महीने , हर पल कि तरह लगते थे, जब हम तुम्हे याद किया करते थे॥
जमाना गुजर गया , यादे गुजर गई।
तू चली गई , तेरी यादे रह गई॥
Monday, September 13, 2010
तन्हाई में बैठे चुप-चाप, -तारकेश्वर गिरी.
उनकी यादो में खोया रहते थे।
जागते हुए भी दिन में,
उनके सपने देखा करते थे।
जमाना बदल गया लोग बदल गये।
यादे बदल गई , तरीके बदल गये।
प्यार का येहशाश वो दीवानगी,
सारे तौर तरीके बदल गये।
उनकी यादो में हम,
आज भी खोये रहते हैं।
ना जाने वो किसकी,
यादो में खोये रहते हैं।
Sunday, September 12, 2010
दिल्ली बदनाम हुई, डार्लिंग तेरे लिए-तारकेश्वर गिरी.
दिल्ली बदनाम हुई, डार्लिंग तेरे लिए ।
दिल्ली तो झंडू बाम हुई, डार्लिंग तेरे लिए।
दिल्ली में बारिश , बाढ़ और पूरी दिल्ली जाम हैं,
डार्लिंग तेरे लिए.
यमुना का पूरा पानी साफ हैं, डार्लिंग तेरे लिए।
एक बात तो पक्की हैं कि , जब विदेशी मेहमान दिल्ली में यमुना के किनारे जायेंगे, तो उन्हें बदबू नहीं आएगी।
क्योंकि सारा पानी साफ हैं, वो डार्लिंग तेरे लिए।
कॉमन वेल्थ गेम के बाद सारे ठेकेदारे का सूपड़ा साफ हैं,
डार्लिंग तेरे लिए।
क्योंकि गेम के बाद
sabki payment hold ho jayegi aur ghotale ki janch shuru ho jayegi.
Saturday, September 11, 2010
दवु-दवु बर्षा, गगरी में अडंसा -तारकेश्वर गिरी.
दवु - दवु वर्षा , गगरी में अडंसा।
दवु - दवु घाम करा , सुगवा सलाम करा।
ये वो कहावते हैं जो हम बचपन में अपने दोस्तों के साथ खेलते हुए गाया करते थे। जब हलकी फुलकी बारिश होती थी तो हमारे सारे मित्र ये गाना गाया करते थे - जिसका मतलब ये हैं कि ये बादल देवता इतना वर्षो को हर जगह खूब पानी हो जाये, या ये कह ले कि सबकी गगरी में पूरा पानी भर जाये।
दूसरी लाइन का मतलब ये हैं कि जब बारिश ज्यादा हो ने लगे उस समय इस का मतलब ये था कि हे बादल देवता अब बारिश बंद करके धुप ले आये ।
कितना प्यारा होता हैं बचपन और वो भी उस ज़माने के गाँव का। और साथ में लोक गीत और भी अपने मात्र भाषा भोजपुरी में।
Friday, September 10, 2010
बारिश को बंद करने का कारगर उपाय. - तारकेश्वर गिरी.

Wednesday, September 8, 2010
ईद मुबारक हो. -तारकेश्वर गिरी.
