Monday, December 20, 2010

रात भर मुआ सोने न दे..........तारकेश्वर गिरी.

रात भर मुआ सोने न दे....


इंजेक्सन लगावे घडी -घडी।



ये गाना तो मैंने बचपन में सुना था। लेकिन आज इसकी याद तब ताजा हो गई। जब रात कि बात सोचने लगा। अब सोचे भी क्यों नहीं मसला ही कुछ ऐसा था। अब आप खाली इत्मिनान से पढ़िए और हाँ इधर उधर सोचने कि जरुरत नहीं हैं..... ठीक हैं।


हाँ तो में बात कर रहा था उस गाने कि ... रात भर मुआ सोने ना दे इंजेक्सन लगावे घडी -घडी। हुआ ये कि खाना-पीना से फ्री होने के बाद बिस्तर पार लेटा और लेटते ही नीद आ गई।



भाई पूरी रात मच्छरों ने परेशान कर दिया था। पूरी रात सेल इंजेक्सन लगते रहे।

6 comments:

राज भाटिय़ा said...

मुझे आज समझ मे आया यह गाना कि वो मच्छरो के बारे कह रही थी,आप का धन्यवाद जी :-)

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

वाह आपने आज इसका राज खोल दिया...

Anonymous said...

गिरी जी आपने तो नई व्याख्या दे दी इस गाने को अब राखी सावंत, शर्लिन चोपडा, इरफान हाशमी इस पर क्या बोलते हैं जानना दिलचस्प रहेगा।

एस एम् मासूम said...

लगता है मच्छरों की मछरी माएके गयी है..

Shah Nawaz said...

:-) sahi hai bhai!!!

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

तारकेश्‍वर भाई, बहुत बढिया। आपने तो ये गाना ही याद दिला दिया।

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आपका सुनहरा भविष्‍यफल, सिर्फ आपके लिए।
खूबसूरत क्लियोपेट्रा के बारे में आप क्‍या जानते हैं?