मेरे मोहल्ले को बहुत जल्द ही वार्ड मिलने वाला हैं। अरे नहीं भाई अवार्ड मिलने वाला हैं और भी कोई छोटा मोटा नहीं , पहले तो मेरा मोहल्ला ISO 9001-9002 से नवाजा जायेगा उसके बाद इसको विश्व प्रसिद्ध धरोहर का दर्जा मिलेगा।
और मिले भी क्यों नहीं इतने तालाब और खुली हुई बदबूदार गन्दी नालियां जगह -जगह कूड़े का ढेर और फिर देखिये भाई साहेब एक भी मच्छर नहीं हैं, वो अलग बात हैं कि रोज कोई न कोई बीमार हो करके गुरु तेग बहादुर अस्पताल में जा करके भर्ती हो जाता, मगर क्या मजाल कि आज तक किसी को डेंगू बुखार हुआ हो, और हो भी गया तो क्या अस्पताल तो खाली मिल जाता हैं , बेड मिले या ना मिले जमीन पर लोग सो जाते हैं।
हमारी प्रदेश कि सरकार इतनी ब्यस्त हैं कि बस क्या बताएं , रोज पुलिस मार्च होता हैं , मच्छर मारने कि दवा गाजियाबाद में बर्षो पहले खत्म हो चुकी थी , तब से अभी तक आई नहीं हैं। पिछले साल नगर निगम के कार्यालय में मैंने पता किया था तो उस समय दवा तो थी मगर डीजल नहीं था।
वो तो भला हो दिल्ली सरकार का जो हमारे पड़ोस में ही गुरु तेग बहादुर अस्पताल हैं वर्ना तो ...............
5 comments:
बढ़िया है...
जब देश ऎसी सरकार के हाथो सोंपो गे तो यही होगा जी,
हा हा हा.... बढ़िया व्यंग है तारकेश्वर भाई. युपी में जय हो BMW, दिल्ली में जय हो शीला मय्या और केंद में जय हो सोनिया मय्या! बहुत खूब भय्या! :-)
मेरे मौहल्ले को तो मिल भी चुका है....वहां जब गाङी गड्ढें मैं घुसती तो वापिस निकलना पक्का नहीं
छोटा पर बढ़िया व्यंग .
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