मुसलमान और अरबी, बिलकुल सही बात है , मुसलमान दुनिया के किसी भी कोने में रहे, सिर्फ अरबी सभ्यता को मानता है। खास करके भारतीय मुसलमान , जिनकी इज्जत बाकि मुष्लिम देश नहीं करते। वो भारतीय मुसलमान अपने आप को भारतीय संस्कृत और सभ्यता से दूर करते जा रहे हैं. हमारे देश के मुसलमान ये भूल रहे हैं की वो भारतीय हैं।
और येही वजह है की भारत में मुसलमान आज भी पीछे हैं.
5 comments:
एकदम सही और सटीक कहा आपने...
सही कहा जी
यदि दोहराव न माना जाये तो महफूज जी को दोहराऊंगा. दर-अस्ल अधिकांश मुसलमान अपने लिये आयातित मानते हैं. यदि वह अपने लिये देश का हिस्सा, संस्कृति का हिस्सा और बाकी धर्मों के लोगों को अपना सहोदर मानने लगें तो समस्या खत्म न हो जाये.
bhaie taarke, mujhe tumhari Baton men dam lagta he....gazab ki jaankari he tumhari,,, men yeh post apne blog par lagana chahta hoon, batyn Laga Loon,,komint se batana
Rahul ji Namashkar. Aap is post ko laga sakte hain.
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