Thursday, June 9, 2011

खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे...

बड़ी पुरानी कहावत हैं , आज ब्लॉग का शीर्षक बन गई. वजह कि थोडा सा समय मिल जाये केंद्र मैं बैठे मंत्री और अधिकारीयों को कि वो अपने -अपने मॉल को स्वीटजर लैंड से इटली तक पहुंचा दे.

जनता का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने में लगी केंद्र सरकार इतनी पगला गई हैं कि अपना गिरेबान ही भूल गई. जनता के बीच बैठे कुछ भ्रस्टाचार के समर्थको कि जरा सी हाँ उनके लिए ताकत सी बन गई और पेट्रोल के दाम बढ़ाने को तैयार हो गये.

बहुत से बुधजिवी ब्लोगेर जो बाबा रामदेव और श्रीमान अन्ना हजारे का विरोध करते हैं शायद उनको पेट्रोल कम कीमत पर मिल जाये. मंत्री अधिकारी और नेतावो का क्या, उनके लिए क्या महंगाई और क्या भ्रस्टाचार.

वो वाकया ध्यान हैं जब दूसरी बार प्रधान मंत्री बने मनमोहन सिंह कि पत्नी से पत्रकारों ने पूछा कि " रसोई गैस कल से महंगी हो रही हैं , ईस से आपके बजट पर क्या फर्क पड़ेगा ?" तो श्रीमती जी ( मनमोहन सिंह जी कि ) बोलती हैं कि अब बजट बिगाड़ गया. में पूछता हूँ कि उन्होंने ख़रीदा क्या ? सब मॉल तो फ्री में मिलता हैं.

बाबा राम देव हो या अन्ना हजारे, जो भी जनता कि भलाई के लिए सरकार के खिलाफ लडेगा , मैं उसके साथ रहूँगा.

आज जब केंद्र सरकार चारो तरफ से घिर चुकी हैं तो बाबा रामदेव के पीछे लगी हुई हैं, कि किस तरह से जनता का ध्यान उनकी तरफ से हटाया जाय. आन्दोलन क्यों शुरू किया गया ....... सब भूल गये.

पश्चिम से चली आंधी पूर्व मैं आ कर रुक गई हैं, और एक ना एक दिन भ्रस्टाचार को उखाड़ फेकेगी .
खैर, देश कि जनता मैं जान फूंक देने वाले अन्ना हजारे और बाबा रामदेव जैसे लोगो ने कम से कम ये शुरवात तो कि.

13 comments:

Arun sathi said...

बस सरजी

संध संध चिल्लाते रहे.... और आतंकबाद बुलाते रहे, रामदेव से अन्ना तक सबको हड़काते रहे?

ZEAL said...

तारकेश्वर जी ,
बहुत सटीक लिखा है आपने।

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

संघ वह दवाई है जो इन सब के काम आ जाती है.

Taarkeshwar Giri said...

बिलकुल सही कहा हैं अपने कि इनके पास सिर्फ संघ का ही राग हैं अलापने को.......लेकिन अब ये जनता को नहीं रोक सकते , एक न एक दिन जनता रूपी बम फटेगा ही . तब इनके चीथड़े उड़ेंगे.

S.M.Masoom said...

अन्ना हजारे और बाबा रामदेव का फर्क भी मालूम करें. यह भी जानना आवश्यक है.

निर्मला कपिला said...

खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे तो बाबा इसी लिये इतने उग्र हो गये हैं सश्त्र सेना बना कर देश को पाकिस्तान बनाना चाहते हैं जो खुद काली कमाई से विदेशों मे जमीन खरीद रहा हो वो भ्र्ष्टाचार की बात करे??????? क्या फर्क होगा सिर्फ इतना कि अब रिमोट इटालियन है फिर नेपाली बन जायेगा इस लिये कि देश के लोग सक्षम ही नही कि लोक तन्त्र से उनि गयी सरकार को लोक तन्त्र से ही हटा सकें। बाबा का असली चेहरा देख कर लगता है सरकार ने सही किया । सन्यासी मे इतना दंभ और् उग्रता??????????? लगता है अनुलोम विलोम कुछ जरूरत से अधिक हो गया है।

Ram Shiv Murti Yadav said...

काफी हद तक आपसे सहमत हूँ...

ROHIT said...

दिग्विजय सिँह के घर बच्चा पैदा हुआ
पत्रकारो ने पूछा तो उन्होने बताया

"इसके पीछे RSS और बीजेपी का हाथ है"

हा हा हा

ROHIT said...

निर्मला कपिला जी आपने नई जानकारी दी
कि बाबा रामदेव नेपाली है.

ROHIT said...

और सुनो भाई . रामलीला मैदान मे हुये राक्षसी काम को जायज ठहराने वाले
प्रधानमंत्री ने एक 95 साल के बूढ़े हुसैन की मौत को राष्ट्रीय क्षति बताया है.

Taarkeshwar Giri said...

निर्मला जी जैसे बुधजिवी वर्ग अगर अंग्रेजो के ज़माने मैं होता तो शायद महात्मा गाँधी जी को गलत कहता और अंग्रेजी हकुमत को सही. निर्मला जी यंहा बात हो रही हैं सिर्फ भ्रस्टाचार के विरोध कि.

आप मैं इतनी हिम्मत हैं कि आप खुले रूप से भ्रस्टाचार का विरोध कर सकती हैं तो आइये हम आपके साथ हैं.

मगर आप सिर्फ लिख सकती हैं .................. कुछ कर नहीं सकती .

Anonymous said...

निर्मला जी आप बिल्कुल सही कह रही हैं, बाबा मे इतनी उग्रता, ऐसा तो किई सन्यासी पहले नही हुआ। दुर्वासा की बात दूसरी है वो अपवाद हैं। कश्यप मुनि ने सगर के साठ हजार पुरों को भस्म कर दिया उसके बारे मे बात करना व्यर्थ है वो पुरानी बात है। संपूर्ण द्वारिका को नष्ट हो जाने का श्राप देने वाले साधुओं की बात क्या करना ऐसा तो हो जाता है कभी कभी। नहुष को श्राप दिया, न जाने किन किन को श्राप दिया इन साधुओं ने पर "बाबा रामदेव को गुस्सा नही आना चाहिए" आप सही हैं।

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

तारकेश्‍वर जी, बाबा रामदेव भ्रष्‍टाचार पर कितने गम्‍भीर हैं, यह उन्‍होंने कल फिर साबित कर दिया अपनी कितनी कम्‍पनियां है, उनकी कितनी कम्‍पनियों के डायरेक्‍टर बालकृष्‍ण है और उनकी कम्‍पनियां कितना इनकमटैक्‍स देती हैं जैसे सवालों पर प्रेस कांफ्रेस से भाग करके। और तो और अब अपनी सेना भी बनाने जा रहे हैं। आगे देखिए, बम वम भी न बनाने लगें, आखिर सुरक्षा का मामला है। :)
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बाबूजी, न लो इतने मज़े...
चलते-चलते बात कहे वह खरी-खरी।