सुप्रीम कोर्ट ने गुटका बनाने वाली कम्पनियों के उपर प्लास्टिक के उपयोग पर रोक क्या लगा दिया, इनका कमाई दोगुनी हो गई.
जो गुटका पहले एक रुपये में मिलता था अब वो खुले आम तीन रूपये में बिक रहा हैं. लेकिन उसके उपर दाम आज भी एक रूपया ही प्रिंट हैं. गुटका बनाने वाली कम्पनिया आज कि तारीख में फैक्ट्री से गुटका बेचते समय अपने डीलर से दो रूपया ले रही हैं जबकि टैक्स और EXISE ड्यूटी वो सिर्फ एक रुपये पर ही दे रही हैं.
7 comments:
यही तो भारत में रहने का आनन्द है...
भैया कहां गुटका अब नहीं मिलता जौनपुर मैं. बंद हो गया है. सुना है ब्लैक मैं ५-७ रूपी मैं मिल जाता है..
चिंता की बात है।
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गुडिया रानी हुई सयानी..
सीधे सच्चे लोग सदा दिल में उतर जाते हैं।
मेरे प्रिय अद्र्ध मित्र तारकेश्वर गिरी जी ! जिसका अनुसरण मैं करता हूं आप भी उसका करो या फिर मेरा ही कर लो। आपको और सरकार को चोरी के ग़म से मुक्ति मिल जाएगी।
अल्कोहल मैं पीता नहीं, सिग्रेट और गुटखा मैं खाता नहीं। मेरा कोई रूपया इन कंपनियों के पास जाता ही नहीं। इसलिए कोई भी कंपनी मेरे पैसे में से टैक्स चोरी नहीं कर पाती। चोरों को अपना पैसा देने वाले भी दोषी हैं। आज ही लोग नशा करना और गुटखा खाना छोड़ दें। टैक्स चोरी और ब्लैकमार्किटिंग आज ही बंद हो जाएगी।
आप दुनिया में देख रहे हो। वह यह कर रहा है और यह वो कर रहा है लेकिन शराब पीकर शादियों में तो आप ही नाच रहे हैं न ?
छोड़ दो यह शराब और छोड़ दो आडंबरपूर्ण विवाह करना। कुछ तो ख़ुद भी कीजिए न। सोनिया-सानिया और गुटखा-तंबाकू से हटकर यह सोचिए कि इस्लाम कैसे अपनाया जाए ?
इस्लाम अपनाते हुए शर्म आए या किसी का डर लगे तो कम से कम नीचे वाला लेख तो अपने अमल में ले आएं आप लोग।
ख़ुशी के अहसास के लिए आपको जानना होगा कि ‘ख़ुशी का डिज़ायन और आनंद का मॉडल‘ क्या है ? - Dr. Anwer Jamal
अरे यह गुटका अगर सरकार १०० रुपये का कर दे तो अच्छा हे, एक रुपये का गुटका ९९ रुपये का टेक्स...
वैसे मै एक कहानी लिखने वाला हुं... *हम सब चोर*
इस अनवर ने अच्छी-खासी पोस्ट का कबाडा कर दिया। भाई, इसके चक्कर में मत पडो।
सही कहा
हल्ला बोल: धन्य है वो मानव जिन्होने पवित्र भारतवर्ष मे सनातन धर्म मे जन्म लिया है.
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