Sunday, May 15, 2011

बढ़ा लो बेटा , बढ़ा लो - जितना बढ़ा सकते हो. ---- तारकेश्वर गिरी.

ससुरो तुम्हारे बाप का क्या. तुम्हे रहना खाना आना जाना सब फ्री में मिलता और कभी ज्यादा खा लिया तो जेल भी मुफ्त में मिलती हैं.

लेकिन बेटा चिंता नहीं करना , हमारे मुंह से आवाज नहीं आएगी. आखिर हम जो ठहरे हिन्दुस्तानी. जूता सर पे खायेंगे लेकिन साला तमाशा खुस कर देखेंगे.

वो तो बेरोजगार गली -मोहल्ले के नेता होते हैं , जो पुतला जलाने चले आते हैं, और पुलिश कि लाठी खा करके अपने -अपने घर वापस चले जाते हैं.

हम जैसे लोगो के पास टाइम किधर हैं, कि चौराहे पर जा करके विरोध करे या किसी और तरीके से महंगाई का विरोध करे. अरे पेट्रोल ही तो महंगा हुआ हैं. थोडा ओवर टाइम और सही.

अब किसे बताये कि पेट्रोल के चक्कर में हर चीज महंगी हो गई हैं. अब मेरे जैसे छुट भईया ब्लोगेर खाली लिख ही तो सकते हैं, बड़े ब्लोगेर तो पढने भी नहीं आयेंगे , उनके पास टाइम कंहा हैं.

भाई हिंदुस्तान में किसी के पास टाइम तो हैं नहीं , सब खाली -पीली ब्यस्त हैं. और नेता और मंत्री इसी का तो फायदा उठाते हैं कि जनता तो बोलेगी नहीं. लुट लो सबको.

अभी ब्लोगेर का सम्मलेन करना हो या कोई समूह ब्लॉग बनना हो तो सब चले आयेंगे बिना न्योता मिले भी. टाइम नहीं हैं ना.

वो तो अच्छा हैं कि मैंने अपनी कार में CNG फिट करवा रखा हैं. ससुरा भाड़ में जाये पेट्रोल और पेट्रोल कि कीमत.

8 comments:

राज भाटिय़ा said...

अरे जिनता मंहगा हुआ, आप उतने से कम डलबा दे हिसाब बराबर:) पांच रुपये मंहगा तो आप ५० लिटर की जगह ४४ लीटर डलवा ले:) पैसे तो बच्चे ना फ़िर भी.... कितनी कीमती सलाह मुफ़त मे दे दी...

Amit Chandra said...

बढ़ाने दे सर जी। अभी उनका टाईम है। अभी हमारा टाईम आया कहॉ है। जब आयेगा तब हम भी उन्हे दिखा देगें। कुछ सालों की ही तो बात है। क्या समझे।

रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक said...

काफी अच्छा लेख और आम-आदमी व ब्लॉगर की मज़बूरी का भी उल्लेख बखूबी किया है.मगर कई स्थानों पर हिंदी के शब्दों के उच्चारण में गलती हैं.कृपया उनको सुधारने का प्रयास करें. इससे लेख की सुन्दरता में दाग लगता हैं

पति द्वारा क्रूरता की धारा 498A में संशोधन हेतु सुझावअपने अनुभवों से तैयार पति के नातेदारों द्वारा क्रूरता के विषय में दंड संबंधी भा.दं.संहिता की धारा 498A में संशोधन हेतु सुझाव विधि आयोग में भेज रहा हूँ.जिसने भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए के दुरुपयोग और उसे रोके जाने और प्रभावी बनाए जाने के लिए सुझाव आमंत्रित किए गए हैं. अगर आपने भी अपने आस-पास देखा हो या आप या आपने अपने किसी रिश्तेदार को महिलाओं के हितों में बनाये कानूनों के दुरूपयोग पर परेशान देखकर कोई मन में इन कानून लेकर बदलाव हेतु कोई सुझाव आया हो तब आप भी बताये.

समयचक्र said...

वाह सटीक अभिव्यक्ति...

Urmi said...

बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ शानदार प्रस्तुती!

Satish Saxena said...

आज बड़े खतरनाक मूड में हो तारकेश्वर भैया ....मगर सुनेगा कौन ??

Satish Saxena said...

आज बड़े खतरनाक मूड में हो तारकेश्वर भैया ....मगर सुनेगा कौन ??

Shah Nawaz said...

:-) हा हा हा...

वैसे अपने पास भी टाइम नहीं है... इसलिए ना तो आपकी पेट्रोल का रोने वाली यह पोस्ट पढेंगे और ना ही कोई कमेन्ट करेंगे...

वैसे भी हमारे पेट्रोल पम्प पर महंगा नहीं हुआ है, पहले भी पेट्रोल 100 रूपये का ही डालता था अभी भी पेट्रोल 100 का ही डाल रहा है.