सरकार ने गाँव में शौचालय कि व्यस्था के सुधारने के लिए अभूतपूर्व कदम उठायें हैं, जगह -जगह दीवाल पर और मीडिया के माध्यम से गाँव कि जनता को जागरूक भी किया जाता रहा हैं कि , अपने घर या आस-पास शौचालय का निर्माण कराएँ जिससे कि महिलावो को परेशानी ना हो.
गाँव में शौचालय के निर्माण में होने वाले खर्च में प्रदेश कि सरकार भी आर्थिक रूप से मदद करती हैं. जिससे कि गाँव के अन्दर खास कर के महिलावो को आसानी हो और खुले में ना जाना पड़े.
लेकिन एक दूसरा पहलु ये हैं कि ये शौचालय जमीन के अन्दर पीने के पानी को प्रदूषित कर रहे हैं. क्योंकि जो शौचालय गाँव में बनाये जा रहे हैं , उनमे लगभग पांच से आठ फुट तक का गहरा गड्ढा ( छोटा सा कुंवा ) बनाया जाता हैं जिसकी दिवाले झरोके दार होती हैं और नीचे का हिस्सा कच्चा होता हैं . उसकी वजह ये होती हैं कि शौचालय का गड्ढा जल्दी ना भरे और उसके अन्दर का पानी मिटटी सोख ले.
मिटटी पानी सोखती तो हैं , मगर वो पानी रिस कर के और नीचे पीने के पानी में मिल जाता हैं. और शौचालय के आस पास जो भी हैण्ड पम्प होते हैं उनसे ये पानी बाहर आता हैं . क्योंकि मिटटी से रिस करके गन्दा पानी पीने के पानी में मिलता हैं , इसीलिए ये हमेशा साफ दीखता हैं.
और नतीजा नई - नई बीमारी........................................................................
10 comments:
badi gadbad hai...
इसके लिए हमें ministry of renewable energy www.mnre.gov.in/ और ministry of science and technology www.dst.gov.in/ में बात करनी चाहिए.
तारकेश्वर बन्धु ऐसी कोई बात नही जो पानी रिस कर जा रहा है वह filtered है अगर ऐसे हो तो गाँव में खेतो में लोग मल मूत्र विसर्जन करते है तो फसलो में गन्दगी चली जानी चाहिए. शीर्षक बड़ा भड़काऊ है
मै PRO. PAWAN K MISHRA जी से सहमत हुं, यह पानी फ़िलटर हो जाता हे,इस मे कोई सोचनिया बात नही, हां कुआं एक दम सटा ना हो बस
Pawan ji Fillter hone ke bawjud swad nahi badalta,
Kheto main jo mal mutra jata hai, use kheto ki mitti recycle kar leti hai.
जनहित में इस तरह के मुद्दे उठाने के लिए आभार ...
मेरी यह पोस्ट उन तमाम लोगो के लिए है जिनको बात बात में कब्ज की शिकायत हो जाती है (डाक्टरों का मानना है की कब्ज तनाव की वजह से भी होता है ) अब ब्लाहिंग करना और तनाव का होना एक दुसरे से सम्बंधित है. पोस्ट डाल दी लेकिन एकु कमेंटवा नाही दिख रहा. नतीजा तनाव. लोग मेरी पोस्ट को पढ़ नही रहे. नतीजा तनाव. रात में दो बजे उठकर देखा की सूर्यभान ने पोस्ट लिख दी. तनाव हुई गवा. लोग मेरी इज्जत नही कर रहे सम्मान नही कर रहे बड़ा ब्लॉगर नही मान रहे. फिर तनाव अब क्या होगा? होगा क्या कब्ज हो जाएगा और क्या? तो साहिबान ऐसे लोगो के लिए एक शफाखाना खुल गया है. इस शफेखाने में जाने के बाद आपकी कब्जियत दूर की जायेगी. गारटेड इलाज. चैलेन्ज . गलत साबित करने वाले को एक लाख रूपये का नकद ईनाम. इस पोस्ट की कटिंग लाने वाले को ९०० रूपये की छूट दी जायेगी. लेकिन सावधान नक्कालों से इस नाम से मिलते जुलते लोगो के यहाँ जाकर मरीजों ने शिकायत की है. डॉ जानवर शौचाल खानदानी एक मात्र असली सबसे बड़े वाले डाक्टर साहब है हालांकि शौचक्रिया होनोलूलू रिटर्न . तो आज ही अपनी बुकिंग कराइए.
श्रीमान जी, क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
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एक कडवा सच जो हमारे गावो में ही नहीं हर गरीब बस्ती में है।
हमारे यहाँ का पानी १५ साल पहले पीने लायक था, आज नहीं है।
क्या ब्लॉगर मेरी थोड़ी मदद कर सकते हैं अगर मुझे थोडा-सा साथ(धर्म और जाति से ऊपर उठकर"इंसानियत" के फर्ज के चलते ब्लॉगर भाइयों का ही)और तकनीकी जानकारी मिल जाए तो मैं इन भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने के साथ ही अपने प्राणों की आहुति देने को भी तैयार हूँ. आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें
अगर आप चाहे तो मेरे इस संकल्प को पूरा करने में अपना सहयोग कर सकते हैं. आप द्वारा दी दो आँखों से दो व्यक्तियों को रोशनी मिलती हैं. क्या आप किन्ही दो व्यक्तियों को रोशनी देना चाहेंगे? नेत्रदान आप करें और दूसरों को भी प्रेरित करें क्या है आपकी नेत्रदान पर विचारधारा?
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