जी बिलकुल आज कल अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी का नाम बदल कर के अखिल भारतीय भ्रस्टाचार कमिटी कर दिया गया हैं. और ये सुझाव भारत सरकार के मंत्रिमंडल कि अहम् बैठक में लिया गया हैं. क्योंकि आये दिन नए नए टाइप के घोटाला, मीडिया और जनता के सामने आ रहे हैं. तदुपरांत भ्रस्टाचार पार्टी कि मुखिया श्रीमती सोनिया गाँधी (जन्म स्थान इटली) ने ये फैसला लिया कि हम अपनी पार्टी का नाम बदल कर के अखिल भारतीय भ्रस्टाचार कमिटी रख देते हैं. जिस से कि जनता और मीडिया को आसानी रहेगी.
भारत सरकार के माननीय प्रधान मंत्री महोदय, श्रीमान मनमोहन सिंह जी ने भी अपनी मोहर लगा दी हैं.इसकी वजह उनकी चुप्पी हैं. लगातार चुप रहने कि आदत ने मनमोहन सिंह कि खुद कि छवि को और निखार दिया हैं. श्रीमान मनमोहन सिंह जी आजाद भारत के ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो आदेश देते नहीं बल्कि किसी और के आदेशो पर चलते हैं. पूरी दुनिया में अपने ज्ञान का लोहा मनवा चुके हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री श्रीमान मनमोहन जी के ज्ञान पर अब जंग लग गया हैं. आखिर लोहे कि भी कोई उम्र होती हैं.
श्रीमती सोनिया गाँधी जी अपने भ्रष्ट शासन काल के दौरन ( अभी चल रहा हैं) दो कामो पर ज्यादा ध्यान दिया हैं, पहला दबा करके घोटाले बाज मंत्री और अधिकारीयों कि भर्ती करना और दूसरा हिन्दू जाती को आतंकवादी घोषित करना.
खैर मिश्र कि जनता ने पुरे संसार के लिए बहुत ही नायब उदहारण पेश किया हैं, देखते हैं कि भारत कि जनता अपने देश के विकास के लिए क्या करती हैं.
जय हिंद.
7 comments:
अगर भारत की जनता जाग भी गई ( यह हो नही सकता) तो किसे किसे भागना होगा??? क्योकि इतने कमीने भरे हे सरकार मे जिन की कोई गिनती भी नही, "अखिल भारतीय भ्रस्टाचार कमिटी" नाम पसंद आया
तारकेश्वर जी यह नामकरण काफैसला बहुत पहले ही हो चुका था अब तो बस प्रस्ताव पारित किया है। रही बात भारत के जनता के जागने की तो निश्चित ही यह जनता जागेगी पर कब यह एक यक्ष प्रश्न है।
जो भ्रष्ट होता है वही नेता बन पता है ऐसे मैं भ्रष्टाचार नहीं बढेगा तो और क्या होगा
@ भाई तारकेश्वर जी ! भारत में या महाभारत में कोई काल बताएं जब भ्रष्टाचार न हो .
तब सोनिया जी को ही दोष क्यों ?
आडंबरों के बंद होते ही धन विकास कार्यों में खर्च होने लगा और बहुत कम मुद्दत में ही भारत बौद्ध काल में सोने की चिड़िया बन गया Golden bird
भाई तारकेश्वर जी कृपया आप किसी गलत बात का विरोढ न किया करें कुछ लोगो के पेट मे मरोड़ उठने लगता है, अब देखिए न महाभारत काल मे भी भ्रष्टाचार था अतः आप को भी इसे स्वीकार करना पड़ेगा (आखिरकार इस ब्रहमाण्ड का सबसे ज्ञानी व्यक्ति, मेरा गुरु घंटाल, बोल रहा है यह)। अब वो महाभारत काल मे जो भ्रष्ट आचरण के कारण अंत हुआ उसके बारे मे बात नही करेगा (भाई वो कैसे कर सकता है?)।
आउर दूसरी बात दोष सोनिया 'जी' को ही क्यों? हाँ भाई आपको दोष देना है तो बुश को दीजीए, ओबामा को दीजीए, चाहे तो अब्राहम लिंकन को दे दीजीए पर सोनिया जी को मत दीजीए (ऐसा क्यों? यह मत पूछिएगा, मैं तो अपने गुरु घंटाल का चेला हूँ बस।)
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व्यंग्य अच्छा है. पर सिर्फ एक ही व्यक्ति को क्यों दोष दिया जाए. इस हमाम में तो सब नंगे हैं.
अरे गिरी जी, सरकार चाहे कोई भी आये, छिछोरपंती हमेशा बरक़रार रहेगी, पिसेगा केवल आपके हमारे जैसा आम आदमी ही, afterall we are mango people.
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