आज सुबह मुझे फरीदा बानो जी के घर जाना हुआ, और जब में उनके घर पर पहुँच कर के घंटी बजाई तो अन्दर से गायत्री मन्त्र कि धुन सुनाई दी. मैं आश्चर्य चकित, मुंह बंद और कान खोल कर के सुनने लगा और मन ही मन सोचने लगा कि कंही मैंने किसी और कि घंटी तो नहीं बजा दी. खैर कुछ पल के इंतजार के बाद दरवाजा खुला और सामने नज़र आई फरीदा जी, मैंने नमस्ते किया और काम कि बात चालू, बीच मैं चाय -पानी भी हुआ. उनका कमरा पूरा कृष्ण मय था.
बाद मैं पता चला कि उनके पति देव महोदय हिन्दू हैं.
7 comments:
वाह वाह पति प्रेम मैं कृष्णमय हो गयीं फरीदा जी.
भाई तारकेश्वर जी ! अपनी पोस्ट के जरिए आज आपने एक बहुत बड़ा सच समाज के सामने रख दिया है । वह यह है कि मुसलमान लड़कियों को हिन्दू भाई फुसलाकर गायत्री मंत्र सुना रहे हैं और मुसलमान हैं कि फिर भी उन पर कोई इल्ज़ाम नहीं लगाते कि हिँदुओं ने कोई मिशन इस नापाक काम के लिए चला रखा है । क्योंकि हकीकत यह है कि ये सब सहशिक्षा आदि के परिणाम हैं । बड़े शहरों में आज हरेक तरह के प्रेम विवाह होना सामान्य चलन है ।
'Love jihad' की पोलपट्टी खोलने के लिए आपको बधाई ।
मालिक आपको बुलंद कर दे , इतना बुलंद कि हरेक बेकार बात आपसे गिरकर नीचे जा पड़े ।
जो हिंदू युवक गायत्री सुन रहा है और मुसलमान लड़की को भगाकर उससे विवाह भी रचाए बैठा है , अगर वह अपने पापकर्म से तौबा नहीं करता है तो ईश्वर की ओर से उस पर सदा श्राप रहेगा , जिनमें से एक मुख्य यह होगा कि उसके घर में ऐसे बच्चे पैदा होंगे जिन्हें हिन्दू शास्त्र 'वर्णसंकर' घोषित करते हैं और आम बोलचाल की भाषा में लोग उन्हें हरामी कहते हैं ।
गायत्री के ज़रिए सन्मार्ग वही पा सकता है जो हराम की औलाद पैदा करने का ख़्वाहिशमंद न हो ।
अनवर साहेब आप से तो मैं ऐसी उम्मीद नहीं करता था.
खैर आप ये बताये कि हराम कि औलाद किसे कहते हैं. क्या अकबर के बेटे जहाँगीर को या किसी और को.
'Live in relationship' पूरी तरह व्याभिचार है , अनैतिक है और पाप है । हिंदू और मुस्लिम , दोनों समुदाय के प्रबुद्ध लोगों को समान पवित्र मूल्यों की रक्षा के लिए मिलकर इस पापकर्म की निंदा करनी चाहिए ।
कृप्या देखिए मेरी नई पोस्ट मेरे ब्लाग पर
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ब्लोगिंग में कुछ भी पोस्ट हो सकता है.
क्या आप भारत में नए हैं जो ये कह रहे हैं "मुस्लिम महिला के घर"
मुस्लिम महिलाओं का अपना घर होता कहाँ है.
खैर पोस्ट थोड़ा और लम्बा होना चाहिए था. फिर से एक अच्छी बहस हो जाती.
चलिए आज बहुत दिनों बाद आप के घर आया तो सोचा नमस्ते कह दूं.
good post.
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