उत्तर प्रदेश में बिजुली कि चोरी में सबसे बड़ा हाथ बिजुली विभाग के कर्मचारियों का होता हैं, और हो भी क्यों नहीं , आखिर चोरी हों भी क्यों नहीं, मोटी कमाई जो होती हैं.
निचले स्तर के कर्मचारियों को अक्सर ये देखा जाता हैं कि अपने - अपने मोहल्ले में हफ्ता वसूली करते हैं. अगर किसी ने हफ्ता देने में जरा भी देर किया तो, उसकी तो खैर नहीं. कुछ ही देर में वो विजिलेंस विभाग को बुला कर के छापा डलवा देंगे.
जी सही कह रहा हूँ. मेरे मोहल्ले में आज ऐसा ही हुआ हैं. मेरा पडोसी बेचारा पुरे एक साल से हफ्ता दे रहा था. पिछले महीने नहीं दे पाया . आज उसके घर में छापा पड गया.
और जुरमाना लगा पुरे पचीश हजार (२५०००).
आखिर क्यों लोग चोरी करते हैं, और लोग चोरी करवाते क्यों हैं.
जूनियर इंजिनियर हो या लाइन में. सब के सब इस चोरी में लिप्त होते हैं.
7 comments:
चोर-चोर मौसरे भाई [सरकार और बिज़ली कर्मचारी]
भाइयो का प्यार बहिन जी तक जाता है .
क्या बात हे जी...
बहुत ही विचारणीय पोस्ट....सबके बधे रेट है. नीचे वाला भी तो ऊपर तक पहुचता है इसलिए पता तो जो सरकार चला रहे है उन्हें भी है . मगर पब्लिक बेचारी को तो हर तरफ से मरना है.
सृजन शिखर पर -- इंतजार
We need guard for he guardians.
सरकारी अफसरों से बड़ा चोर है क्या कोइ?
पर लोगों में भी एक जिम्मेदारी होनी चाहिए....
nice post.
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