Friday, August 13, 2010

मंहगाई सोनिया खा गई- तारकेश्वर गिरी.

शीला कि लीला देख - जटा धारी बैठे हैं चुप-चाप ,
कि महंगाई सोनिया खा गई
महारानी कि प्रतिभा हो गई बेकार ,
कि मंहगाई सोनिया खा गई।



माया कि माया हैं अपरम्पार - जटा धारी बैठे हैं चुप -चाप,
कि मंहगाई सोनिया खा गई।
खेल - खेल में खेल गए अरबो - कलमाड़ी कि हालत हो गई ख़राब,
कि मंहगाई सोनिया खा गई।

14 comments:

honesty project democracy said...

मंहगाई डायन सोनिया गाँधी खा गई गरीबों की रोटी और चूस गयी उनका खून ...अब तो कोई करिश्मा ही करेगा इस डायन का सर्वनाश ...

Taarkeshwar Giri said...

Jam ke virodh kariye, isko khud bhi padhiye auro ko bhi padhaiye

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

गिरी जी, हालांकि आपने लिखी सिर्फ चंद लाइने ही है मगर बढ़िया लिखी है इसे और आगे बढाए, जोड़ने को बहुत कुछ है !

Taarkeshwar Giri said...

Godiyal Ji Namashkar

Filhal ise hi chalne de te hain baki agli kadi aur jyada masala dal denge

Udan Tashtari said...

कटु सत्य!

Unknown said...

आम जनता जो भी कमात है इटालियन एंटोनिया डायन खाय जात है।

Taarkeshwar Giri said...

Kya bat hai Sunil Accha sabadh diya hai apne

Taarkeshwar Giri said...

Aur aap is samay hain kidhar

राज भाटिय़ा said...

अजी इसे सर पे बिठाया किस ने है.... पहले उसे पकडॊ

VICHAAR SHOONYA said...

गिरी साहब लगता है कि दिल्ली के दर्द ने आपको कवि बना दिया तभी तो लगातार दो कविताये हमें पढने को मिली हैं. देखे ये दर्द कैसे कैसे गुल खिलाता है.

विवेक रस्तोगी said...

हमारी जेब से निकलकर सीधे ईतेलियन मिडम के पेट में ही जा रहा है।

कैंसर के रोगियों के लिये गुयाबानो फ़ल किसी चमत्कार से कम नहीं (CANCER KILLER DISCOVERED Guyabano, The Soupsop Fruit)

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

?
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सपने भी कुछ कहते हैं।
साहित्यिक चोरी का निर्लज्ज कारनामा....

शिवम् मिश्रा said...

एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !

योगेन्द्र मौदगिल said...

theek hai bhai....sadhuwaad...