शीला कि लीला देख - जटा धारी बैठे हैं चुप-चाप ,
कि महंगाई सोनिया खा गई ।
महारानी कि प्रतिभा हो गई बेकार ,
कि मंहगाई सोनिया खा गई।
माया कि माया हैं अपरम्पार - जटा धारी बैठे हैं चुप -चाप,
कि मंहगाई सोनिया खा गई।
खेल - खेल में खेल गए अरबो - कलमाड़ी कि हालत हो गई ख़राब,
कि मंहगाई सोनिया खा गई।
14 comments:
मंहगाई डायन सोनिया गाँधी खा गई गरीबों की रोटी और चूस गयी उनका खून ...अब तो कोई करिश्मा ही करेगा इस डायन का सर्वनाश ...
Jam ke virodh kariye, isko khud bhi padhiye auro ko bhi padhaiye
गिरी जी, हालांकि आपने लिखी सिर्फ चंद लाइने ही है मगर बढ़िया लिखी है इसे और आगे बढाए, जोड़ने को बहुत कुछ है !
Godiyal Ji Namashkar
Filhal ise hi chalne de te hain baki agli kadi aur jyada masala dal denge
कटु सत्य!
आम जनता जो भी कमात है इटालियन एंटोनिया डायन खाय जात है।
Kya bat hai Sunil Accha sabadh diya hai apne
Aur aap is samay hain kidhar
अजी इसे सर पे बिठाया किस ने है.... पहले उसे पकडॊ
गिरी साहब लगता है कि दिल्ली के दर्द ने आपको कवि बना दिया तभी तो लगातार दो कविताये हमें पढने को मिली हैं. देखे ये दर्द कैसे कैसे गुल खिलाता है.
हमारी जेब से निकलकर सीधे ईतेलियन मिडम के पेट में ही जा रहा है।
कैंसर के रोगियों के लिये गुयाबानो फ़ल किसी चमत्कार से कम नहीं (CANCER KILLER DISCOVERED Guyabano, The Soupsop Fruit)
?
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सपने भी कुछ कहते हैं।
साहित्यिक चोरी का निर्लज्ज कारनामा....
एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !
theek hai bhai....sadhuwaad...
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