पहले तो गेंहू का पौधा पानी पीता था , मगर अब पूरा का पूरा गेंहू ही पानी पीने लगा है। पानी भी इतना पी गया की पूरा का पूरा गेंहू पानी -पानी हो गया है। एक तरफ गेंहू पानी पी रहा था तो दूसरी तरफ लोग उसे पानी पीता हुआ देख रहे थे। गेंहू भी बेचारा क्या करता उसकी क्या गलती ।
एक तरफ मायावती की सरकार तो दूसरी तरफ मायावती के समझदार अधिकारी। मायावती दलित समाज को सिर्फ आगे बढाने मैं लगी हुईं है तो अधिकारी मायावती की दौलत को।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले मैं २५ करोण का गेंहू बरसात के पानी मैं भीग गया। मायावती और उनके अधिकारी वर्ग का क्या वो तो मजे से चटकारे ले लेकर खाते रहेंगे मगर उस दलित समाज का क्या होगा जिसके मुंह से रोटी अधिकारीयों ने छीन ली है , उन बेचारो का क्या दोष .
मुझे तो ये लग रहा है की ये सब सरकार की मिली जुली भगत है, पहले तो बारिश के मौसम मैं पंजाब से गेंहू मंगवाया गया फिर उसे दिखाने के लिए खुले मैं रखा गया।
कंही ऐसा तो नहीं की आधे से ज्यादा गेंहू पहले ही कंही और बेच दिया गया हो। और दिखाने के लिए बाकि गेंहू को पानी पीने के लिए छोड़ दिया गया हो।
एक तरफ मायावती की सरकार तो दूसरी तरफ मायावती के समझदार अधिकारी। मायावती दलित समाज को सिर्फ आगे बढाने मैं लगी हुईं है तो अधिकारी मायावती की दौलत को।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले मैं २५ करोण का गेंहू बरसात के पानी मैं भीग गया। मायावती और उनके अधिकारी वर्ग का क्या वो तो मजे से चटकारे ले लेकर खाते रहेंगे मगर उस दलित समाज का क्या होगा जिसके मुंह से रोटी अधिकारीयों ने छीन ली है , उन बेचारो का क्या दोष .
मुझे तो ये लग रहा है की ये सब सरकार की मिली जुली भगत है, पहले तो बारिश के मौसम मैं पंजाब से गेंहू मंगवाया गया फिर उसे दिखाने के लिए खुले मैं रखा गया।
कंही ऐसा तो नहीं की आधे से ज्यादा गेंहू पहले ही कंही और बेच दिया गया हो। और दिखाने के लिए बाकि गेंहू को पानी पीने के लिए छोड़ दिया गया हो।
6 comments:
विचारणीय लेख.
यहां दिल्ली में भी तो हर साल हजारों टन गेंहू सडता रहता है।
घेवरा स्टेशन के पास FCI के गोदामों में।
प्रणाम
आप सब लोग अगर ऎसा सारी जनता को बताये तो बहुत अच्छा होगा, जिन्हे भी पता हो वो अपने अपने ब्लांग मै लिखे, ओर जो ब्लांग पढए वो आगे बताये, यह माया क्या सारी माया अपने संग ले जायेगी? इस के कर्म ही इस के संग जायेगे सो कोई भुल से ही अच्छा कर्म कर ले यह अभी तक तो इस ने दलितो का खुन ही पिया है, आप ने बिलकुल सही लिखा धन्यवाद
अच्छा लेख
अन्तिम बात सत्य हो सकती है...
akhiri baat bilkul sahi hai
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