लेकिन सवाल ये है की जब अल्लाह सबको एक ही नज़र से देखता है तो बाकि लोग और धर्मो को क्यों मानते हैं। क्यों न सभी लोग अल्लाह की बंदगी करे। क्यों कोई यहूदी बना पड़ा है तो कोई इसाई और कोई हिन्दू और बहुत से मतों और भगवानो को मानने ।
शायद पुराने ज़माने मैं स्थिति कुछ और रही हो । और उसी स्थिति को दिखाने के लिए लाया हूँ पवित्र कुरान के एक पन्ने की कोपी।
आप पवित्र कुरान के इस पन्ने को पढ़कर ये अंदेशा लगा सकते हैं की उस ज़माने में धर्म परिवर्तन क्यों जरुरी था।
5 comments:
Akhir kyon jaruri tha us samay dharm parivartan.
shayad aaj se 1400 sal pahale Arab Samaj main is tarah ki bato ki jarurat rahi ho.
गिरी साहब, ये पूछो कि जब सब उसी अल्लाह की ही देन है तो फिर अल्लाह यह क्यों कहता है अपने इन भक्तों को कि काफिरों को मार दो ?
आप देश की बात करे
giri sahab apka blog follow karna chahta hun rasta dikhlaiye.
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