Wednesday, March 17, 2010

डॉ अनवर जमाल - नमस्कार.

जमाल साहेब आपको मेरा नमस्कार, आप ने मेरे जबाब के लिए इतना इंतजार किया उसके लिए धन्यवाद्

पहली बात तो ये की हम सब इन्सान बनने से पहले वानर ही थे दूसरी बात ये की हनुमान जी सिर्फ हिन्दुस्तानी ही नहीं थे बल्कि वो पूरी दुनिया के लिए पुजयनीय हैं
दूसरी बात ये की आपने तो ठेका ले रखा है हिन्दू धर्म ग्रंथो के बारे मैं अनाप शनाप बकने के लिए क्योंकि आप का कुरान इसकी इजाजत देता है , मगर मेरा धर्म और मेरे धर्म ग्रन्थ इसकी इजाजत कभी भी नहीं देते की मैं कभी भी किसी धर्म के या धर्म ग्रन्थ के बारे अपशब्द कहूँ आप कभी सीता माता के बारे तो कभी भगवन राम के बारे मैं या हिन्दू औरतो के बारे मैं कुछ भी बोल देते हैं क्योंकि आपका कुरान इसकी इजाजत देता है हमारा धर्म नहीं

और आप ये भूल जाते है की कुरान सिर्फ अरबी संस्कृत के ऊपर आधारित है कुरान के अन्दर जो नियम और तरीके बताये गए हैं वो आज से १४ सौ साल पहले की जरुरत रही है आज दुनिया बहुत आगे निकल चुकी , हमें देखिये हम ने अपने आप को समय के हिसाब से बदला hai ।

17 comments:

DR. ANWER JAMAL said...

@ Bhartiya Sanskriti Ke Mahan Purodha
aur mere dil men bas chuke
Aadarniya Bhai Tarkeshwar ji
sadar pranaam.
Maine mata sita ji ya ram ji ke bare kabhi kuchh ghalat nahin kaha .
Balki jo hindu bhai ghalat salat baten kehte hain unka virodh aur khandan kiya hai.
ab main Hanuman ji ke bare men kuchh nahin kehna chahta
kyun ki main to apko sahi bat bataunga aur aap use bhi burai samjhenge.
vaise is par hindu scholar ek mat nahin hain ki hanuman ji sachmuch koi bandar the.
kuchh ki ray apse alag hai .
bahar hal ye gyan ki baten hain inka koi ant to hai nahin, hoti hi rahengi.
Thanks for reply.

DR. ANWER JAMAL said...

@ Adamya sahas aur purusharth ke swami
prakashswarup atma ke ansh
mere bandhu aadarniya Tarkeshwar ji
sabhi scientist bhi is par sahmat nahin hain ki manav ki utpatti vanar se hui hai.
wo ek concept hai.
koi final judgement nahin.

DR. ANWER JAMAL said...

@ Apko copy karke mera prashn bhi yahan rakhna chahiyye tha taki log samajh sakte ki mera sawal kya tha.
ya phir link hi de dete.
sabhi ko suvidha rehti.

DR. ANWER JAMAL said...

DEkhi bhrata shree
apko hum kitna pyar karte hain.
apko maine 1 vote diya hai aur 4 comments.
Aur dura vote apko kaliyug ke blogawtar mere sarathi ji ne diya hai.
Jabki apko kisi hindutwa vadi abhi tak na to vote diya hai aur na hi comment.
Sach bataiyye ki aapko kaun pyar karta hai?
hum jaise samtavadi ya un jaise varnvadi?

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

Giri sahaab kyon inhe itne bhaav dete ho, look at this:
7:54. Your Guardian-Lord is Allah, Who created the heavens and the earth in six days, and is firmly established on the throne (of authority): He draweth the night as a veil o`er the day, each seeking the other in rapid succession: He created the sun, the moon, and the stars, (all) governed by laws under His command. Is it not His to create and to govern? Blessed be Allah, the Cherisher and Sustainer of the worlds!

41:9. Say: Is it that ye deny Him Who created the earth in two Days? And do ye join equals with Him? He is the Lord of (all) the Worlds.
41:10. He set on the (earth), mountains standing firm, high above it, and bestowed blessings on the earth, and measure therein all things to give them nourishment in due proportion, in four Days, in accordance with (the needs of) those who seek (Sustenance).
41:12. So He completed them as seven firmaments in two Days, and He assigned to each heaven its duty and command. And We adorned the lower heaven with lights, and (provided it) with guard. Such is the Decree of (Him) the Exalted in Might, Full of Knowledge.

Now add em up... 2+4+2=8 days.... Ha Ha Ha Ha Ha...

Unknown said...
This comment has been removed by the author.
Unknown said...

giri sahab aap to mujhe educated maloom dete hai,phir bhi aap is baat se sehmat hai ke insaan pehle vaanar tha,mera sawal ye hai, to ab vaanar insan kyon nahi ban rahe ? ye process bandh kyon ho gaya.baki aap khud samajhdar hai.agar aap ko bura lage to maafi chahta hoon.

DR. ANWER JAMAL said...

@ Blogvani ko Hindu Nav varsh ki Mangal Kamnayen.
ब्लॉगवाणी क्या है ? क्या यह चिठ्ठों का एक एग्रीगेटर है ? या इस के अलावा कुछ और भी है ?
ब्लॉगवाणी दरअस्ल एक विचार है । विचार लोगों को जोड़ने का , बिछुड़ों को मिलाने का , फ़ासलों को मिटाने का , तंग ज़हन लोगों को विराट विश्व से एकाकार करने का ।
ब्लॉगवाणी एक परिवर्तन का जनक है जिसकी ऋणी न केवल भारत जाति बल्कि विश्व भर की मानव जाति सदा रहेगी ।
ब्लॉगवाणी वेब जगत में धरती माता और भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधि है ।
जो भारत में एक बार आ गया तो बस आ गया । इसी का होकर रह गया । उसकी कहीं जाने की तमन्ना ही ख़त्म हो गयी ।
ब्लॉगवाणी विश्वव्यापी है इसे सभी मुल्कों में सभी जातियों और सभी रूचियों के लोग देखते हैं ।
ब्लॉगवाणी निष्पक्ष है और हरेक संकीर्णता से मुक्त भी । मैं इसका सुबूत भी हूं और गवाह भी। मैं अपनी हर नमाज़ में ब्लागवाणी के निर्माता और प्रबंध तन्त्र के सदस्यों और उनके सभी मुताल्लिक़ीन के लिए हर सच्चे सुख और ज्ञान वृद्धि की दुआ करता हूं और यह दुआ मेरी आत्मा की गहराई से निकलती है ।
ब्लॉगवाणी सदा फले फूले । प्रभु परमेश्वर से मेरी यही कामना है ।
आप भी कहिये आमीन
या फिर तथास्तु ।

DR. ANWER JAMAL said...

@ Urjawan aur Tejasvi Bandhu
Dekha apne apko vote nahin kiya apke aur waise apke khayrkhwah bante hain.

Taarkeshwar Giri said...

Anwar bhai maine kaha na ki hamara dharm kisi dharm ki burai ki ijajat nahi deta. Kuch log hain jo aapke munh nahi lagn chahte hain kyonki unka manan hai ki aap apni HUD se bhi aage ja kar ke apne logo ki burai karte hain.

Rahi bat VOTE ki to chinta mat kariye, milega.

Mere pass farji ID to hai nahi jo khudi VOTE karta rahun.

zeashan haider zaidi said...

@पी.सी.गोदियाल जी,
आपने कुरान में ऐसी कोई गलती नहीं ढूंढी है जिसपर आप खुश हो सकते हों. माँ के पेट में बच्चा नौ महीने में पूर्ण होता है. लेकिन अगर आप उसके अलग अलग अंगों के बनने की अवधि जोड़ने बैठ जाएँ तो वह नौ महीने से कहीं ज्यादा आएगी. आशा है आप मेरी बात समझ गए होंगे.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

आदरणीय़ महानुभाव भैंस और बीन में जो सम्बन्ध है वही..........

Mohammed Umar Kairanvi said...

Tarkeshwar Giri जी आपकी बातों से प्रभावित होकर, अनवर जमाल खान साहब अपना तरीका बदल रहे हैं ऐसा उन्‍होंने मेल द्वारा बताया है, यह है प्‍यार से बात करने की ताकत, इसका श्रेय आपको जायेगा, कल देखते हैं

Taarkeshwar Giri said...

Sriman Umar Bhai aur Anwar Bhai, Namashkar. Mujhe badi hi kushi hogi ki ham sab bhai bandhu ek sath milkar ke kisi bhi mudde par sarthak bahas kari jay.

महेश कुमार वर्मा : Mahesh Kumar Verma said...

कुर-आन किसी भी धर्म या धर्म ग्रन्थ के प्रति अपशब्द कहने की इजाजत कभी नहीं देता है.

http://popularindia.blogspot.com/

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

@ जीशान जैदी जी , मेरे भाई, बच्चा पेट में तो नौ ही महीने रहता हैं न वह भी सम्पूर्ण, फिर अलग-अलग अंग कहाँ तैयार होते है ? भाई तर्क दो तो ज़रा ढंग के दो अन्यथा हकीम जमाल की तरह टी आर पी बढाने के लिए आप भी हिन्दू धर्म का सहारा लेकर कुछ भी कूदा करकट लिख डालो !

zeashan haider zaidi said...

गोदियाल जी, माँ के पेट में बच्चे के कुछ अंग पहले बनना शुरू होते हैं कुछ बाद में. कुछ के पूर्ण होने में कम समय लगता है और कुछ में ज्यादा. और कुल मिलाकर पूरा बच्चा नौ महीने में तय्यार होता है. इसी तरह पूरी दुनिया छः दिन (पृथ्वी वाले छ दिन नहीं!) में तय्यार हुई, अब इस दुनिया के अन्दर कुछ चीज़ों के बनने में चार दिन लगे, कुछ में दो दिन तो किसी में तीन दिन. आपकी समीकरण किसी भी तरह से दुरुस्त नहीं. हाँ अगर कुरान में कहीं ये आ जाए की दुनिया के अन्दर कोई ऐसी चीज़ भी बनी जिसमें छः दिन से ज्यादा लगे तो फिर उसे आप गलत कह सकते हैं.