औरतो का सबसे बड़ा दुश्मन- कल्बे जव्वाद। इन श्रीमान जी का नाम भी मुझे कट- पेस्ट कर के लिखना पड़ा, धन्य हो । जय हो काशी वाले बाबा की।
तो बात ये है की भारत वर्ष मैं औरत जाती को माँ और देवी के रूप मैं पूजा जाता है और सबसे बड़ी बिडम्बना भी ये है की पुरे संसार मैं औरत जाती का दुश्मन भी भारत वर्ष मैं ही रहता है। भारत वर्ष जंहा पर कदम - कदम पर माँ के रूप मैं अलग - अलग जगह अलग -अलग रूप की पूजा की जाती है , उसी माँ के देश मैं , उसी का एक सपूत आज कितनी घिनौनी बात कर रहा है, धिक्कार है ऐसे सपूत पर और उस सपूत की शिक्षा पर।
धर्म की आड़ मैं जो शब्द कल्वे साहेब ने किये हैं उस शब्द को उन्ही के समाज के लोग पचाने पर लगे हुए हैं। कंहा गए वेदों मैं विज्ञानं की खोज करने वाले और कंहा गए कुरान के गडितीय चमत्कार को दुनिया के सामने रखने वाले मेरे भाई बंधू।
दरअसल गलती कल्वे साहेब की नहीं है , गलती है तो उस अरबी परंपरा की जो १४०० साल बाद आज भी भारत वर्ष मैं फल फूल रही है। और कल्वे साहेब जैसे लोग उसमे खाद पानी डाल रहे हैं।
तभी तो मैं कहता हूँ की भारतीय संस्कृत को मत भूलो , उसे अपना लो, भारतीय संस्कृत दुनिया की सबसे पुरानी सामाजिक व्यस्था है जो आज भी अपने गौरव को संजोये हुए है।
जय माता दी। जय हो काशी वाले बाबा तुम्हारी लीला तुम्ही जानो।
तो बात ये है की भारत वर्ष मैं औरत जाती को माँ और देवी के रूप मैं पूजा जाता है और सबसे बड़ी बिडम्बना भी ये है की पुरे संसार मैं औरत जाती का दुश्मन भी भारत वर्ष मैं ही रहता है। भारत वर्ष जंहा पर कदम - कदम पर माँ के रूप मैं अलग - अलग जगह अलग -अलग रूप की पूजा की जाती है , उसी माँ के देश मैं , उसी का एक सपूत आज कितनी घिनौनी बात कर रहा है, धिक्कार है ऐसे सपूत पर और उस सपूत की शिक्षा पर।
धर्म की आड़ मैं जो शब्द कल्वे साहेब ने किये हैं उस शब्द को उन्ही के समाज के लोग पचाने पर लगे हुए हैं। कंहा गए वेदों मैं विज्ञानं की खोज करने वाले और कंहा गए कुरान के गडितीय चमत्कार को दुनिया के सामने रखने वाले मेरे भाई बंधू।
दरअसल गलती कल्वे साहेब की नहीं है , गलती है तो उस अरबी परंपरा की जो १४०० साल बाद आज भी भारत वर्ष मैं फल फूल रही है। और कल्वे साहेब जैसे लोग उसमे खाद पानी डाल रहे हैं।
तभी तो मैं कहता हूँ की भारतीय संस्कृत को मत भूलो , उसे अपना लो, भारतीय संस्कृत दुनिया की सबसे पुरानी सामाजिक व्यस्था है जो आज भी अपने गौरव को संजोये हुए है।
जय माता दी। जय हो काशी वाले बाबा तुम्हारी लीला तुम्ही जानो।
7 comments:
नाम सुधार लें...
कलवे जव्वाद नहीं.....कलवे जल्लाद....
लड्डू बोलता है...इंजीनियर के दिल से....
http://laddoospeaks.blogspot.com
कल्वे साहेब,जव्वाद...जल्लाद...जो भी हो, सानू की,लेकिन कहा कया यह भी तो बताते....
आदरणीय भाटिया जी , प्रणाम।
कलवे साहेब ने कहा है की औरत जाती सिर्फ बच्चा पैदा करने के लिए होती , अल्लाह ने उसको और किसी काम के लिए नहीं बनाया है। तो महिलावो को आरक्षण क्यों । कलवे साहेब ने महिलावो को आरक्षण दिए जाने का विरोध किया है। और कहा है की औरत जाती सिर्फ बच्चा पैदा करने के लिए होती है।
अरे ओर लोग फ़िर भी उस की बात मानते है, शायद यह कोई फ़तवा देने वाला ही होगा, ओर ज्यादा क्या कहे....आप ्का धन्यवाद यह सब बताने के लिये
kalb-e-javvad jee!aurat sirf bachche paida karne ke liye hoti
hai.t.v. ke screen par aap ko chillate dekha.kya aap ko itna bhi malum nahin ke islam mein aurton ka kya muqam hai?ek naam ko hi samne rakhen hazrat khadija(raz.an)us zamane ki sabse badi business woman aur paighamber mohammad(saw)ki wife aur har mazahib ki tareekh ko padhiye ke aurton ko kitna bada darja dya gaya hai.itne kareeh lafz
ek dadhi rakhe chehre ki zoban se sun kar hairat hui. yeh kaise "musalman"hain?
KHURSHEED HAYAT
(URDU SHORT STORY WRITER)
जहां तक महिला आरक्षण विधेयक का सवाल है मैं महिलाओं का सम्मान करता हूँ पर लोक सभा, विधान सभा या स्थानीय निकाय के चुनाव में किसी भी प्रकार से धर्म, जाति या लिंग के आधार पर आरक्षण का मैं जोरदार विरोध करता हूँ।
महिला आरक्षण क्यों?
औरत सिर्फ बच्चा पैदा करने के लिए है, इस बात से मैं सहमत नहीं हूँ. यदि किसी का यह मानना है तो यह उनकी मुर्खता ही है. रही आरक्षण की बात तो मैं धर्म, जाति या लिंग के आधार पर आरक्षण का विरोध करता हूँ.
आरक्षण नीति : उचित या अनुचित
महिला आरक्षण क्यों?
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