Tuesday, February 2, 2010

शिव + सेना = अकेले ठाकरे जिंदाबाद.

ना शिव रहे सेना अकेले ठाकरे जिंदाबाद का नारा लगा रहे हैं ठाकरे के परिवार के लोग और उनके पालतू गुण्डेशिव जी ने तो उनका साथ छोड़ ही दिया क्योंकि ठाकरे साहेब ने उत्तर भारतियों के खिलाफ आग जो उगलनी शुरु कर दी है, अब बाबा भोले नाथ ठहरे उत्तर भारतीय, क्योंकि वो रहते हैं अमर नाथ की गुफा मैं या कैलास पर्वत पर या काशी मैंऔर जब भोले जी साथ छोड़ गए तो उनके सैनिक क्या करेंगेरह गए अकेले ठाकरे और उनका परिवार, कुछ काम तो है नहीं, मंदिर मुद्दा ठप पड़ा है, मराठी मुस्लमान अब कोई दंगा कर नहीं रहे हैं अब बेचारो के पास कोई काम तो है नहीं, सोचा की हम मराठी मानुष खाली कैसे बैठ जाये, चलो कुछ तो करे
और इसी धुन मैं पूरी मुंबई मैं मराठी सिखने का ककहरा बटवा दियाऔर चिल्लाने लगे , ठाकरे साहेब जिंदाबाद.

अरे बेवकुफो अगर नफरत करनी है तो किसी विदेशी भाषा से करोहिंदी तो हमारी आन -बान और शान है

6 comments:

अज्जु कसाई said...

nice post

सहसपुरिया said...

कोई है जो इन लोगो के दो जूते मारकर इन्हे देश से निकाले, इनके होते हुए किसी बाहरी दुश्मन की क्या ज़रूरत है

अविनाश वाचस्पति said...

अपनी जय जयकार करना

सबसे कठिन काम है

और ठाकरे कर रहे हैं

कठिन काम।

अब चाहे हों अकेले
अकेले ही बनेंगे मेले

क्‍यों रहें वेल्‍ले।

Padm Singh said...

अपनी अपनी ढपलियाँ अपना अपना राग

क्षेत्रवाद के नाम पर, भाल लगाया दाग

भाल लगाया दाग, भारती मैया रोती

इस से अच्छा होता यदि मै बांझन होती

Smart Indian said...

अरे बेवकुफो अगर नफरत करनी है तो किसी विदेशी भाषा से करो।
क्यों भई, बिना नफरत/दंगा/फसाद के क्या रोटी हज़म नहीं होती है?

Pushpa Bajaj said...

सुना जाता है ठाकरे साहब के परिजन अंग्रेजी स्कूल में बिदेशों में पढ़ते है !
क्या यही मराठा मानुस की असलियत है !