हैं ना मजेदार मुद्दा , कभी आपने सोचा है की क्या सचमुच भारतीय पेटू होते है। मुझे तो ये सच लगता है, आखिर हो भी क्यों नहीं, इतने पकवान जो है, भारत मैं दक्षिण भारत का टेस्ट अलग, उत्तर भारत का टेस्ट अलग, पूर्वी भारत का अलग और तो और चांदनी चौक की गलियों का टेस्ट अलग। भारतीय पेटू तो होंगे ही।
और शायद मंहगाई भी इसी लिए बढ़ रही है। लोगो ने आपने भोजन पर बिलकुल भी नियंत्रण नहीं रखा है , दबा कर के खाए जा रहे है। लोगो का वजन बढता जा रहा बीमारिया बदती जा रही है मगर स्वाद है की जीने नहीं देता।
एक रोटी काम खावो मेरे देश वाशियों, चाय पीनी काम कर दो मेरे भारत के नौजवानों शायद चीनी सस्ती हो जाये।
और शायद मंहगाई भी इसी लिए बढ़ रही है। लोगो ने आपने भोजन पर बिलकुल भी नियंत्रण नहीं रखा है , दबा कर के खाए जा रहे है। लोगो का वजन बढता जा रहा बीमारिया बदती जा रही है मगर स्वाद है की जीने नहीं देता।
एक रोटी काम खावो मेरे देश वाशियों, चाय पीनी काम कर दो मेरे भारत के नौजवानों शायद चीनी सस्ती हो जाये।
6 comments:
जी होते हैं अमेरिकन और भारतीय दोनों
कसम से, हमें देख कर भले ही लगे मगर हैं नहीं... :)
उड़न जी आप तो बिलकुल भी पेटू नहीं हो सकते , जरुर डॉक्टर ने मना कर रखा होगा.
हम तो बिलकुल भी पेटू नहीं :-)
हम तो बिलकुल भी पेटू नहीं :-)
हम जब भारत आते है तो हम भी पेटू बन जाते है, आप की बात से सहमत है
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