हर्ष वर्धन और उनकी दिल्ली , कैसे तुलना कर सकते हैं आज की तारीख मैं आप, है कोई तरीका शायद नही और होगा भी नही , तब की बात और थी और आज कल की तो पूछिये ही मत । जिस समय (११ वीं सदी ) महाराज हर्ष वर्धन जी ने दिल्ली की नीवं रखी हो गी ये तो बिल्कुल बी नही सोचा हो गा की मेरी दिल्ली का आज (२१ वीं सदी ) मैं ये हाल हो गा , आज के लोग दिल्ली को किस तरह से लूट रहे हैं ये देख कर के कितनी दुखी होगी महाराज हर्ष वर्धन की आत्मा।
दिल्ली तो पुरे १० बार लुटी है आज और लुट रही है तो क्या नै बात है
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1 comment:
ओहो मैने सोचा यह बतंगड़ के लेखक भाई हर्षवर्धन और दिल्ली की बात हो रही है...:)
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