सबसे बड़ी सांप्रदायिक राजनीतिक पार्टी और सरकार .
आज कल या आज से काफी पहले से हमारे देश में जब भी कोई चुनाव की बात आती है तो सांप्रदायिक और अ सांप्रदायिक सरकार या राजनीतिक पार्टियों के बारे में जोर शोर से बहस चालू हो जाती है.
देश की सबसे बड़ी सांप्रदायिक पार्टी भाजपा ( बाकि राजनीतिक पार्टियों की नज़र से) है, जिसने राम मंदिर के नाम पे राजनीती की शुरुवात की और बाबरी मस्जिद का ढांचा तुडवा दिया . अयोध्या से गुजरात लौट रहे कार सेवको पर ट्रेन मैं हुए हमले के बाद गुजरात में दंगा फैला कर के तमाशा देखा , जिसमे लगभग 800 मुस्लिम और लगभग 300 हिन्दू मारे गये.
आज कल या आज से काफी पहले से हमारे देश में जब भी कोई चुनाव की बात आती है तो सांप्रदायिक और अ सांप्रदायिक सरकार या राजनीतिक पार्टियों के बारे में जोर शोर से बहस चालू हो जाती है.
देश की सबसे बड़ी सांप्रदायिक पार्टी भाजपा ( बाकि राजनीतिक पार्टियों की नज़र से) है, जिसने राम मंदिर के नाम पे राजनीती की शुरुवात की और बाबरी मस्जिद का ढांचा तुडवा दिया . अयोध्या से गुजरात लौट रहे कार सेवको पर ट्रेन मैं हुए हमले के बाद गुजरात में दंगा फैला कर के तमाशा देखा , जिसमे लगभग 800 मुस्लिम और लगभग 300 हिन्दू मारे गये.
उसे भी पहले राम मंदिर का विवादित ढांचा गिराते समय मुलायम सिंह की सरकार में लगभग 1000 हिन्दू मारे गए थे जिसका कोई सरकारी दस्त वेज ही नहीं बचा , क्योंकि अयोध्या में मीडिया के घुसने पे ही प्रतिबन्ध लगा दिया गया था .
थोडा और पीछे जांए तो 1984 श्रीमती इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद कांग्रेस सरकार ने सिर्फ दिल्ली मैं ही 3000 सिखों का क़त्ल करवा दिया .
समस्या ये है की सारी पार्टियाँ ही भ्रष्ट और सांप्रदायिक हैं, भरोसा करे तो किस पर, ममता बनर्जी ने जिस समय कांग्रेस की सरकार से अपना समर्थन वापस लिया था उस समय मुलायम भी ममता के साथ थे और मायावती भी, लेकिन C B I की डर से दोनों पीछे हट गए ,
गुजरात दंगो में मारे गए मुसलमानों की सबकी चिंता है , लेकिन मारे गए हिंदुवो और सिखों की किसी को भी नहीं .
अब ममता और मुलायम जी मिल करके तीसरे मोर्चे का सपना देख रहे हैं तो कांग्रेस अपने तीसरे टर्म का,
डर है तो सिर्फ नरेन्द्र मोदी का .
2 comments:
vichar to kiya hi jana chahiye ki aakhir inka dar kaise .sarthak prastuti
बहुत गंभीर मसला है।
Post a Comment