जिंदगी तो सभी जीते हैं , जियो मगर थोड़ा हट के। अपना शौक है , घूमना और स्वादिस्ट भोजन।
Thursday, June 9, 2011
हिन्दू देवी देवतावो के नग्न चित्र बनाने वाला अल्लाह को प्यारा हो गया.
हिन्दू देवी-देवतावो का मजाक उड़ाने वाले मकबूल मिंया अल्लाह को प्यारे हो गये. इनकी कलाकारी के चक्कर मैं भारत के कुछ हिस्से मैं इनका विरोध होने लगा और जब जान पर बन आई तो क़तर के नागरिक बन गये.
भारत के प्रधान मंत्री को बहुत तकलीफ हुई हैं कि मिंया मकबूल उनका साथ छोड़ गये. खैर हम अल्लाह से दुआ करते हैं कि मिंया मकबूल को अच्छी तामिल दे और अगले जन्म में किसी भी धर्म का मजाक ना उडाये.
भारत के प्रधान मंत्री को बहुत तकलीफ हुई हैं कि मिंया मकबूल उनका साथ छोड़ गये. खैर हम अल्लाह से दुआ करते हैं कि मिंया मकबूल को अच्छी तामिल दे और अगले जन्म में किसी भी धर्म का मजाक ना उडाये. Are dusara janm islaam men hota hee nahi hai GIRI JI, usaka bacha hua kaam ye kongresi kar denge . chinta na kijiye........
बाबा रामदेव मीडिया को अपनी सारी संपत्ति का व्यौरा दे रहे है. अब अगर इटली वाली मे दम है तो वो भी अपने सैकड़ो ट्रस्टो का ब्यौरा दे. नही तो इस पवित्र भूमि भारत को छोड़ दे.
ठीक कहा आपने पंडितजी। मगर खजुराहो और अन्य मंदिरों में उन्हीं देवियों की नग्न मूर्तियाँ बनाने वाले, धार्मिक ग्रंथों में देवियों के स्तनों और शरीर के अन्य हिस्सों का सैक्सी वर्णन करने वाले और न जाने कौन कौन क्या इसके पहले भगवान को प्यारे नहीं हुए ? अब वो मुस्लिम होते तो वो भी अल्लाह को प्यारे हो जाते। हुसैन साहब को समझना जिद्दी बच्चों के बस का नहीं। कुछ हमें अब दकियानूसियत से उबरना भी चाहिये। क्या खयाल है ?
अरे किलर झपाटा, तेरे को ये नहीं पता कि खजुराहो में किस देवी की तस्वीर हैं। खजुराहो में किसी देवी देवता की तस्वीर नहीं हैं, बल्कि उस समय के इंसानों की मानसिकता और सोच का चित्रण है। ठीक उसी तरह जैसे हम आज कहीं खासकर किसी शौचालय की दीवार पर कोई भी अश्लील चित्र बना देते हैं पेन आदि से। खजुराहो के चित्र प्राचीन हैं और प्राचीन चीजें हमारी धरोहर होती हैं। इसलिये हमें अपनी उन धरोहरों पर गर्व है। मुल्ला हुसैन तो सीधे हिन्दू देवी-देवताओं के साथ भारत माता को भी नंगा करने पर लगा पडा था। बढिया हुआ मर गया।
सहमत हूं आपके लेख से। मैकबुल हो या खजुराहो के मूर्तिकार दोनों ही राजे-महाराजे और धनी लोगों की अय्याशी के लिए मूर्तियां और चित्र बनाते आए हैं। इनके कारण ही आज महान वैदिक धर्म में मूर्ति घुसेड़ दी गई है। पूर्वजों में अच्छे लोगों के साथ बुरे भी थे। यह ध्यान रखा जाए तो सारी बात को समझा जा सकता है।
दरअसल, वह कांग्रेसी मानसिकता का ही आदमी था. जब उसे हिट होने के लिए अपनी कलाकारी पर भरोसा नहीं रहा तो लगा हिन्दू देवी देवताओं के नग्न चित्र बनाने. वह एक अच्छा चित्रकार था, इसमें कोई शक नहीं, और किसी को भी शक नहीं, लेकिन उन्होंने इसका इस्तेमाल सिर्फ अपने आर्थिक फायदे के लिए किया, सिर्फ चर्चा पाने के लिए किया. खुदा उसकी आत्मा को शांति दे.
11 comments:
badhiya h...
vaise bhi kuch logon k parti simpaithy nahi hoti...
भारत के प्रधान मंत्री को बहुत तकलीफ हुई हैं कि मिंया मकबूल उनका साथ छोड़ गये. खैर हम अल्लाह से दुआ करते हैं कि मिंया मकबूल को अच्छी तामिल दे और अगले जन्म में किसी भी धर्म का मजाक ना उडाये. Are dusara janm islaam men hota hee nahi hai GIRI JI,
usaka bacha hua kaam ye kongresi kar denge . chinta na kijiye........
अल्लाह मियाँ से दुआ है कि उनको दुबारा भारत न भेजे.
पाकिस्तान ठीक रहेगा.
बाबा रामदेव मीडिया को अपनी सारी संपत्ति का व्यौरा दे रहे है.
अब अगर इटली वाली मे दम है तो वो भी अपने सैकड़ो ट्रस्टो का ब्यौरा दे.
नही तो इस पवित्र भूमि भारत को छोड़ दे.
अच्छी श्रृद्धांजलि !
अच्छी आशा !
ये पंक्तियां मिरर रूप हैं। जिससे आपके गहरे व्यक्तित्व की हाई सोच का संकेत मिलता है और वह भी मात्र अंश भर।
पाकिस्तान और कश्मीर समस्या के बारे में क्या सोचते हैं ‘इल्मी मुसलमान‘ ? - Dr. Anwer Jamal
सब चैनल पढ़ रहे हैं...
ठीक कहा आपने पंडितजी।
मगर खजुराहो और अन्य मंदिरों में उन्हीं देवियों की नग्न मूर्तियाँ बनाने वाले, धार्मिक ग्रंथों में देवियों के स्तनों और शरीर के अन्य हिस्सों का सैक्सी वर्णन करने वाले और न जाने कौन कौन क्या इसके पहले भगवान को प्यारे नहीं हुए ?
अब वो मुस्लिम होते तो वो भी अल्लाह को प्यारे हो जाते।
हुसैन साहब को समझना जिद्दी बच्चों के बस का नहीं।
कुछ हमें अब दकियानूसियत से उबरना भी चाहिये।
क्या खयाल है ?
अरे किलर झपाटा, तेरे को ये नहीं पता कि खजुराहो में किस देवी की तस्वीर हैं। खजुराहो में किसी देवी देवता की तस्वीर नहीं हैं, बल्कि उस समय के इंसानों की मानसिकता और सोच का चित्रण है। ठीक उसी तरह जैसे हम आज कहीं खासकर किसी शौचालय की दीवार पर कोई भी अश्लील चित्र बना देते हैं पेन आदि से। खजुराहो के चित्र प्राचीन हैं और प्राचीन चीजें हमारी धरोहर होती हैं। इसलिये हमें अपनी उन धरोहरों पर गर्व है।
मुल्ला हुसैन तो सीधे हिन्दू देवी-देवताओं के साथ भारत माता को भी नंगा करने पर लगा पडा था। बढिया हुआ मर गया।
सहमत हूं आपके लेख से। मैकबुल हो या खजुराहो के मूर्तिकार दोनों ही राजे-महाराजे और धनी लोगों की अय्याशी के लिए मूर्तियां और चित्र बनाते आए हैं। इनके कारण ही आज महान वैदिक धर्म में मूर्ति घुसेड़ दी गई है। पूर्वजों में अच्छे लोगों के साथ बुरे भी थे। यह ध्यान रखा जाए तो सारी बात को समझा जा सकता है।
itni ghrana kyon ????
दरअसल, वह कांग्रेसी मानसिकता का ही आदमी था. जब उसे हिट होने के लिए अपनी कलाकारी पर भरोसा नहीं रहा तो लगा हिन्दू देवी देवताओं के नग्न चित्र बनाने. वह एक अच्छा चित्रकार था, इसमें कोई शक नहीं, और किसी को भी शक नहीं, लेकिन उन्होंने इसका इस्तेमाल सिर्फ अपने आर्थिक फायदे के लिए किया, सिर्फ चर्चा पाने के लिए किया.
खुदा उसकी आत्मा को शांति दे.
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