Tuesday, November 30, 2010

बलात्कारी तांत्रिक बाबा के कारनामे.: ----- तारकेश्वर गिरी.

लो जी अभी एक बवाल ख़त्म हुआ नहीं कि एक पार्टी और आ गई बलात्कारियों कि सूचि में. और वो भी धर्म के नाम पर.

इनका नाम हैं बलात्कारी जावेद नदीम . अभी -अभी दूर के दर्शन से पता चला हैं . एक तांत्रिक बाबा ने सबसे पहले एक औरत को अपने चुंगल में तंत्र-विद्या का भय दिखा कर के फंसाया. उसके बाद तांत्रिक ने औरत कि बच्चियों के साथ यौन सम्बन्ध बनाया और वो भी पुरे चार साल से.

देर से ही सही एक लड़की कि हिम्मत जागी तो उसने ये दर्दनाक वाकया समाज के सामने रखा.

अब शुरू होती हैं बहस. कि गलत कौन हैं. में खुद इस वाकये पर येही कहूँगा कि ऐसे हरामी तांत्रिक को जनता के हवाले कर देना चाहिए. लेकिन गलती इसमें समाज कि भी हैं.

अगर आज ये समाज पढ़ा लिखा होता तो शायद किसी तांत्रिक के चक्कर में पड करके अपनी इज्जत नहीं गंवाता.

और मैं आप सबसे भी येही अनुरोध करता हूँ कि किसी भी तांत्रिक के चक्कर मैं ना पड़े.

14 comments:

S.M.Masoom said...

तार्केश्वेर जी.ज़रा ग़ौर से देखिएं, यह पढ़े लिखे , पैसे वाले लोग है जो ऐसे तांत्रिकों के चक्कर मैं आ जाते हैं. बेटे को ठीक करवाने के चक्कर मैं बेटियां गँवा दी.
बाबागिरी एक बड़ा अंधविश्वास है. इसके चक्कर मैं क्यों और कैसे लोग आ जाते हैं, मैं आज तक नहीं समझ पाया..

Taarkeshwar Giri said...

jo baba apna jeewan to sudhar na saka wo dusaro ka kya sudharega

संजय भास्‍कर said...

एक सामाजिक मुद्दा उठाने के लिए धन्यवाद

VICHAAR SHOONYA said...

अरे गिरी साहब ध्यान दें इन बाबाओं के चंगुल में तो आजकल पढेलिखे लोग ही ज्यादा फसते हैं. देखे पुत्तापति वाले सत्य श्री साई बाबा जी के कितने सारे पढ़े लिखे चेले हैं.

Tausif Hindustani said...

अनपढ़ या कम पढ़े लिखे लोग ऐसे बाबाओं के चक्कर में आजाते हैं और ऐसे तांत्रिक बाबा हर धर्म में होते हैं इन्हें तो नंगे सड़क पर दौड़ा दौड़ा कर पीटो तभी कुछ सुधार आयेगा, बिना मार के ये नहीं सुधरने वाले , इनकी तस्वीर हर चौराहे पर लटका दो

कडुवासच said...

... saarthak sandesh !!!

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

पाखंड से दूर रहना ही अच्छा है.. पर्थी के सत्य सांई बाबा ने कई सामाजिक हित के कार्य किये हैं.. और ऐसे कार्य जिनके लिये राज्य सरकारों ने भी हाथ खड़े कर दिये थे..

Shah Nawaz said...

ऐसे पाखंडी बाबाओं को जुटे मारने चाहिए... यह लोग लोगों को फांसने के लिए दिखावे के तौर पर कुछ जनहित के कार्य करते हैं, और उसकी आड़ में उलटे धंधे चलते हैं. केवल शिक्षा होना ही नहीं अपितु उचित शिक्षा होना आवश्यक है, जो अंधविश्वास के खिलाफ लोगों में जाग्रति लाने में सक्षम हो. वर्ना लोग आसानी से भ्रामक प्रचार में फंस जाते हैं.

Taarkeshwar Giri said...

Siksha se hi Andhvishwash ko door kiya jaa sakta hai.

Aur Aaaj ke jamane main ye ek jaruri bhi hai

DR. ANWER JAMAL said...

@ गिरी साहब ! शिक्षा से कुछ भी नहीं होगा । आप और मैं इंदिरा गांधी वल्द नेहरु से ज्यादा तो शिक्षित और जहाँदीदा नहीं हो सकते . वह भी तांत्रिकों की पूजा करती थीं ।
उन्होंने क्या गंवाया होगा ?
यह न तो वह बताकर गईं और न ही कोई आज तक जान पाया है ।

आप अगली पोस्ट तांत्रिक चंद्रास्वामी पर लिखिएगा , आप काँग्रेस के खिलाफ लिखते ही हैं ।

DR. ANWER JAMAL said...

समस्या का हल मुझसे जानें मेरे ब्लाग पर
रहता है जिसके दिल में प्यार सदा
वह करता है जग पर उपकार सदा


हैवाँ भी करते हैं अपनों से प्यार
इंसाँ ही गिराता है भेद की दीवार सदा

मख़्लूक़ में सिफ़ाते ख़ालिक़ का परतौ
इश्क़े मजाज़ी से वा है हक़ीक़ी द्वार सदा

विराट में अर्श है जो, सूक्ष्म में क़ल्ब वही
यहीं होता है रब का दीदार सदा

किरदार आला, ज़ुबाँ शीरीं है अमित तेरी
ऐसे बंदों का होता जग में उद्धार सदा
............
मख़्लूक़ - सृष्टि , ख़ालिक़ - रचयिता , इश्क़े - मजाज़ी लाक्षणिक प्रेम जो किसी लौकिक वस्तु से किया जाए , हक़ीक़ी - सच्चा , हैवान पशु , शीरीं - मीठा

ZEAL said...

अंधविश्वास जाने में सदियाँ लगेंगी अभी । बहुत से मासूम बलि चढ़ेंगे इन अज्ञान्ताओं का।

Ayaz ahmad said...

गिरी जी आपने अच्छा मुद्दा उठाया

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

giri bhai...
mere blog par aane ka shukriyaa...
sahi kaha aapne....ye sab tantrik bekaar hain...waise hum padhe likhe log hain...humein khud samajh honi chahiye ki ye sab fake hai..

aate rahiyega!