Wednesday, August 18, 2010

आपकी सैलेरी तो बढ़ जाएगी , हमारी कौन बढ़ाएगा- तारकेश्वर गिरी.

ये लो जी नया मुद्दा , बिलकुल ताजा - ताजा हैं, लेकिन सबसे पहले नमस्कार।
अब सारे M P लोग अपनी - अपनी सैलेरी बढ़ाने के जुगाड़ में लग गए हुए हैं। लेकिन में इन साहेब लोगो से ये पूछना चाहता हूँ कि भाई या बहेन जी आप लोगो को सैलेरी कि जरुरत हैं किस लिए। गाड़ी मुफ्त मिली हुई हैं, पेट्रोल और ड्राईवर भी मुफ्त का ही हैं। दो चार बन्दूक धारी गार्ड भी मुफ्त के ही हैं। खाना घर पर कभी बनता ही नहीं। और जिस दिन घर पर खाने का मूड हुआ उस दिन आस-पास के रेस्तरो का मालिक यूँ भी मुफ्त में भिजवा देगा। बच्चे मुफ्त में पढ़ते हैं। ट्रेन और हवाई जहाज में टिकेट लगता नहीं। बस में तो, दो सीट आपके लिए सदियों से रेजेर्व हैं .
चुनाव के दौरान आपके क्षेत्र का व्यापारी चंदा लेकर के पहुँच ही जाता हैं। कपडे वो सिल्वा के दे देता हैं जिसका आपने कभी कोई टेंडर पास करवा दिया हो।
फिर तीन गुना सैलेरी कि डिमांड क्यों, मेरे देश के कर्णधारो ।
अरे कभी हमसे पूछिए , हम किस के पास जा करके धरना दे । कौन बडायेगा हमारी सैलेरी। अरे हमें तीन गुना नहीं चाहिए हमें आधा गुना ही बढ़ी मिल जाये तो भी हम काम चला लेंगे।

13 comments:

अविनाश वाचस्पति said...

बस आपका काम ही तो नहीं चलना चाहिये।

फ़िरदौस ख़ान said...

विचारणीय...बेहद प्रासंगिक सवाल है...

Taarkeshwar Giri said...

MERE DESH KE NETA GAN , KHUB MAJO LE

Taarkeshwar Giri said...

maje lo

Taarkeshwar Giri said...

maje lo

Unknown said...

जनता की चिन्ता किसे है सबको अपनी-अपनी पड़ी है।

Shah Nawaz said...

सरकार आपका काम चल गया तो फिर नेताओं को कौन पूछेगा? असल मेहनत तो यही है कि आम जनता का काम ना हो बल्कि "काम तमाम" हो जाए. ;-)

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

"आपकी सैलेरी तो बढ़ जाएगी , हमारी कौन बढ़ाएगा"
---आपको जरूरत क्या पडी है सैलरी बढवाने की. आप तो बस चने खाईये और वो भी उधार लेकर :)

राज भाटिय़ा said...

क्या बात है जी. मेरे पास सच मै इस बात का जबाब नही कि इन कमीनो को जो अपने आप को जनता का सेवक बताते है, सेलरी बढाने की क्या जरुरत है..... लानत है ऎसे सेवको पर

Anonymous said...

सामयिक सवाल

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

अच्छी पोस्ट

आभार

मैं परेशान हूँ--बोलो, बोलो, कौन है वो--
टर्निंग पॉइंट--ब्लाग4वार्ता पर आपकी पोस्ट


उपन्यास लेखन और केश कर्तन साथ-साथ-
मिलिए एक उपन्यासकार से

Satish Saxena said...

मुझे लगता आज की सबसे अच्छी पोस्ट यह ही है ! शुभकामनायें !

Ayaz ahmad said...

वाकई अच्छी पोस्ट