अगर कोई इन्सान प्यार करता है तो ऐसा तभी हो पाता है जब उसके अन्दर सब्र (सहनशीलता) नाम की चीज विद्दमान हो। सहनशीलता ही इन्सान को पुरे जीवन में सुख और समृधि प्रदान करती है।
हम सभी लोग वेस्ट निजामुद्दीन के उस स्थान पर पहुँच गए, अन्दर घुसते ही देखा की मौलाना साहेब एक कुर्सी पर बैठे हुए हैं। बिलकुल शांत स्वभाव , शांत वातावरण । तभी कुछ लोग मेरे पास आये , अनवर जमाल जी ने सबसे मेरा परिचय करवाया , उन्ही में से एक थे श्रीमान रजत मल्होत्रा जी , जो हर समय मौलाना जी के साथ थे। मैंने जब चारो तरफ नजर दौड़ा करके देखा , तो हर तरफ मुझे और २ या तीन लोगो को छोड़ कर के बाकि सभी मुस्लिम समुदाय के लोग ही नजर आये। लेकिन सबसे आश्चर्य की जो बात थी वो ये की मौलाना जी की क्लास में महिलाये बिना बुर्के की थी, कुछ महिलावो ने तो जींस तक पहन रखा था। लेकिन उनके अन्दर शालीनता और लज्जा कूट - कूट कर के भरी दिख रही थी । शाहनवाज भाई ने मेरी तरफ बड़े ही आश्चर्य से देखा और कहा , गिरी भाई .... इधर तो बुर्के का रिवाज ही नहीं है। परेशान तो में भी हो गया था , की एक मौलाना की क्लास में बिना बुरका पहने औरते बैठी हुई हें।
खैर थोड़ी देर में मौलाना जी की आन लाइन क्लास का दौर शुरू हुआ।
उनका विषय था सब्र (सहनशीलता) :- उन्होंने कहा की भारत की आज़ादी के दौरान महात्मा गाँधी जी ने सहनशीलता (सब्र) का परिचय दिया और उसका नतीजा ये है की आज हम आजाद हें। उसी दौरान उन्होंने पाकिस्तान के बारे में कहा की , पाकिस्तानी जनता और पाकिस्तानी नेतावो में सब्र (सहनशीलता) नाम की चीज नहीं है। इसी वजह से वो लोग कश्मीर को लेकर के अब तक चार बार हिंदुस्तान पर आक्रमण कर चुके हें। और नतीजा पाकिस्तान कर्ज के बोझ से दब गया है। पाकिस्तान अगर भारत के साथ मिलकर के चलता तो आज भारत और पाकिस्तान दोनों के बीच अच्छा खासा ब्यापार होता।
तलाक के ऊपर बोलते हुए मौलाना ने कहा की अगर किसी वजह से आपको अपनी बीबी को तलाक देना पड़े तो सब्र से काम ले । गुस्से में इन्सान दूसरो के साथ -साथ अपना भी नुकसान करता है। तलाक हमेशा गुस्से और नासमझी का नतीजा होता है। अगर aapne एक बार तलाक बोल दिया है तो दूसरी बार तलाक शब्द का इस्तेमाल कम से कम एक महीने बाद करे। इस से आपको और आपकी पत्नी को सोचने का वक्त मिल जायेगा और शायद तीसरी बार तलाक ना बोलना पड़े।
बाकि कल फिर।
आपको ये लेख कैसा लग रहा है बताइयेगा जरुर।
आज मेरी shadi की shalgirah bhi hai, aur mujhe unko mandir le kar ke jana hai. isliye baki kal. unka mijaj garam na hojaye.
23 comments:
aapko badhai....
हमें तो बाद में पता चल वरना हम भी जरुर पहुँचते |
मौलाना जी ने सब्र रखने के बारे में सही कहा | इसलिए तो कहावत है "सब्र का फल मीठा होता है "
पाठ के शीर्षक पर ध्यान दें , प्यार का संदेह या प्यार का सन्देश !
लिखकर भी बधाई।
ऐसे आयोजनों की सूचना तो पहुंचा दिया करें। कोशिश करेंगे पहुंचने की।
आपको शादी की वर्षगाँठ की बधाई
मौलाना साहब से मिलने की तमन्ना है ! कृपया शीर्षक ठीक करें !
हमें तो बहुत बढिया लग रहा है, आज आपकी शादी की सालगिरह भी है इस लिये तोहफा हमें देना चाहिये था लेकिन nice post का तोहफा आपने हमें दिया, शुक्रिया
हे स्टार ब्लागर ! आपको आज के मुबारक दिन पर मुबारकबाद , सॉरी अब दिन कहाँ अब तो रात है , खैर आज की तो रात भी बड़ी मुबारक रात है. आप की हर रात आज के जैसी ही आनंददायक हो , ऐसी हम मालिक से कामना करते हैं . मालिक आपको हरेक इम्तेहान में कामयाब करे , खुदा आपके झंडे को सलामत रखे .
@ जनाब सतीश जी ! आपकी ख़्वाहिश का अहतराम करते हुए जल्दी ही प्रोग्राम बनाया जायेगा . इसी मौक़े दीगर साहिबान की मुराद भी मालिक पूरी कर देगा .
@ भाई गिरी जी ! जब आप शीर्षक ठीक करें तब मौलाना का नाम भी ठीक कर लीजियेगा . मौलाना वहीदुद्दीन खान नाम है उनका .
और भाई साहब आप मेरी तरह अपने पेज पर भी वोट देने की सुविधा हम जैसे प्रेमियों को ज़रूर दें . हम चाहकर भी आपको वोट नहीं दे पा रहे हैं .
आपका प्यार काबिल ए तारीफ़ है और मौलाना का इल्म .
आपका प्यार काबिल ए तारीफ़ है और मौलाना का इल्म .
गिरी जी, सहनशीलता की ताकत की वजह से ही तो ब्लॉग जगत में अमन है. वर्ना हंगामा करने के लिए लोग हमेशा ही आतुर रहते हैं. वैसे कई बातें लाजवाब थी उनके व्याख्यान में.
और हाँ आपको शादी की सालगिरह बहुत-बहुत मुबारक हो. क्या करें हमें तो आज पता चला. खैर देर आयद, दुरुस्त आयद
तारकेश्वर जी, आपको शादी की सालगिरह और मौलाना साहब से मिलने, दोनों की बधाई. दोनों ही सब्र का पैगाम देते हैं.
बहुत अच्छा लग रही है जी यह श्रंखला
आपको और भाभी को सालगिरह की हार्दिक शुभकामनायें
प्रणाम
मौलाना वहीदुद्दीन खान Padma Bhushan (public affairs) से मिलकर आप इतने खुश होंगे और दूसरे ब्लागर्स भाई भी उनसे मिलना चाहेंगे यह तो किसी ने सोचा भी न होगा, अगली दिल्ली में ब्लागर्स मीट वहीं हो जाये तो कैसा रहे?
आप को व भाभीजी ढेर सारी बधाइयाँ!!
आप बस भाभीजी की मिजाजपूरसी करें,सब्र से काम लें,"सब्र का फल मीठा होता है "
हमारा क्या है?,कल पढ़ लेंगें।
सब्र का सबक!
तारकेश्वर जी को
हमारी तरफ से भी तहेदिल से मुबारकबाद
बैठक पर हमने एक सीरीज़ चलाई थी...जब मैं बरेली में एक सेमिनार से लौटा था तो उसी पर..'मुसलमानों पर बहस ज़रूरी है'...तब भी हमने कई बातें सामने रखी थीं...आज दिल्ली के बुद्धिजीवी मुसलमानों से मिलकर और अच्छा लगा.....
Sabhi logo ko Thanks
Shaadi ki salgirah ki shubh kamnaein
shadi की shalgirah ki badhai .............
सहनशीलता ही इन्सान को पुरे जीवन में सुख और समृधि प्रदान करती है।
nice post
आईये पढें ... अमृत वाणी।
आपको शादी की वर्षगाँठ की बधाई
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