लोग हैं की कमा कमा के थक जा रहे हैं, और हम हैं की कमाने के चक्कर मैं ही थक जा रहे हैं, आखिर थके भी क्यों नही कमाने जो आए हैं । कमाई तो देखिये, कमाई है चाहे वो धन -दौलत हो या रुपया पैसा या इज्जत या मान - सम्मान। सब मेहनत से ही मिलता है, लेकिन आखिर किंतनी मेहनत करनी पड़ेगी । लोग इतना ज्यादा पैसा -रुपया कैसे कमा लेते हैं,
एक बात ये भी देखने में आती है की जो लोग ज्यादा मेहनत करते हैं वो लोग कम पैसा कमाते है और जो लोग कम मेहनत करते हैं वो लोग ज्यादा पैसा-रुपया कमाते है। आखिर लोग क्यों ? लेकिन ये बात भी पुरी तरह से सही नही है क्योंकि जो लोग बुलंदियों पर पहुँच गए हैं उन लोगो से पूछे तो सचमुच लगता है की उन लोगो ने भी अपने -अपने ज़माने मैं हमसे कहीं बहुत ज्यादा मेहनत की तब आज जा कर के वो लोग मजे ले रहे हैं,
लेकिन ये बात भी सही है की हम ख़ुद भी तो अपने समझ से पुरी तरह से लगे रहते हैं, सुबह से दोपहर और दोपहर से शाम लेट घर पहुचना मगर नतीजा वही रोज वाला -सोरी बॉस।
लेकिन ये बात भी सही है की हम ख़ुद भी तो अपने समझ से पुरी तरह से लगे रहते हैं, सुबह से दोपहर और दोपहर से शाम लेट घर पहुचना मगर नतीजा वही रोज वाला -सोरी बॉस।
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