Tuesday, June 30, 2009

कुत्ता भौंकता है

मेरा अपना कुत्ता आज कल इतना जोर-जोर से भौंकता है की बस पूछिये मत मेरी नजर बार- बार अपने दरवाजे पर जाती है की कोई आ गया क्या। कुत्ते तो भौकने के लिए ही होते हैं मगर आज कल जो मेरा कुत्ता भौंक रहा है उस से मेरी परेशानी बढ जाती है और माथे पर से पसीने की नदी बहने लगती है। हमेशा डर लगा रहता है की अब कौन आ गया, फिर सोचता हूँ की मैंने तो आज किसी को बुलाया भी नही था । लेकिन क्या करे डर तो डर है । खैर ? । दिक्कत एक और है की मेरे घर के सामने से सड़क जाती है और जब सड़क जायेगी तो उस पर लोग भी जायेंगे। कुछ पैदल चलने वाले जब मेरे घर के बिल्कुल करीब से चलते है तो फिर मेरे कुत्ते को दिक्कत होती है और भौकना चालू कर देता है और फिर क्या, मेरे माथे पर पसीने की लकीर।
मैं आजकल सचमुच बहुत बड़ी परेशानी से गुजर रहा हूँ , परेशानी भी येसी की किसी को क्या बताई जाय लेकिन क्या करूँ टेंशन लेते लेते सर मैं दर्द हो गया तो सोचा की कुछ लिखा जाय। इसीलिए बैठ गया कुर्सी खिंच कर के कम्पूटर जी के सामने। दरअसल दिक्कत ये है की मुझे ३५ से ४० हजार रूपया किसी को देना है और उसी को आजकल -आजकल करते -करते मेरा दिमाग ख़राब हो गया है की क्या करूँ , जिस कंपनी में मैं नौकरी कर रहा हूँ उस कंपनी में मेरी सैलरी ठीक ठाक है, मगर मेरे लाला जी की हालत ठीक नही है इस लिए उन्होंने मेरी तीन महीने की पगार रोक रखी है, मागने पर कहते हैं बस बेटा कुछ दिन और रुक जा।
बस इसी टेंशन में मैं भी लोगो को टेंशन दिए जा रहा हूँ आजकल करके , और उसी चक्कर में जब मेरा कुत्ता भौंकता है तो मेरी नजर मेरे दरवाजे पर जाती है और आ जाती है पसीने की लकीर.

4 comments:

अविनाश वाचस्पति said...

चूहा पिता पुत्र संवाद :-
सामने से बिल्‍ली को आता देखकर चूहा पिता ने कुत्‍ते की भाषा में भौंका तो बिल्‍ली भाग गई। अब पिता ने चूहा पुत्र को कहा कि विदेशी भाषा सीखने के काफी लाभ होते हैं। पुत्र ने गांठ बांध ली कि वो भी कुछ विदेशी भाषाएं अवश्‍य सीखेगा।

आप पसीने की लकीर के फकीर मत बनें। जिसका उधार चुकाना है उस मांगने वाले को अपने लाला जी के पास भेज दें और सीधे पसीने की लकीरें लाला जी को ट्रांसफर कर दें।

परमजीत सिहँ बाली said...

अविनाश जी का सुझाव अच्छा है।

Udan Tashtari said...

आप भी सबसे यही कहा करो-बस बेटा कुछ दिन और रुक जा।!!

imnindian said...

mai aap k blog par kabhi nahi aayee,par aapka dard aam bhartiyo ka dard hai . jo mehnat karte hai uneh salary nahi milti,jo beimani karte hai wo malai khaa rahe hai...
Madhavi Shree