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Tuesday, January 11, 2011

पुरुष प्रधान देश हैं भारत, महिला प्रधान नहीं हैं. - -- तारकेश्वर गिरी.

जी मैं तो येही सुनता आया हूँ आज तक, कि भारत पुरुष प्रधान देश हैं, और येही वजह हैं कि भारत में महिलावो कि स्थिति चिंताजनक हैं. ये आवाज खास करके उन महिलावो कि तरफ से आती हैं, जो अपने आप को समाज मैं कुछ ज्यादा ही बुधजिवी समझती हैं.

मैं पिछले कुछ दिनों से काफी परेशान रहा कि आखिर इसकी वजह क्या हैं. आखिर क्यों भारत ही पुरुष प्रधान देश हैं, बाकि देश क्यों नहीं. क्यों भारत मैं महिलावो कि स्थिति चिंताजनक हैं.

पिछले कुछ दिनों से मैं DISCOVERY CHANNEL देखने पर ज्यादा जोर दे रहा था. वंहा जाकर देखा तो ये पाया कि भारत ही नहीं अपितु पूरा विश्व पुरुष प्रधान देश हैं, और येही नहीं पूरा जीवित संसार ही पुरुष प्रधान देश हैं.

एक बबर शेर जंगल मैं अपने एरिया पर नियंत्रण रखता हैं, उसकी टीम मैं मादा सहयोगियों कि शंख्या काफी होती हैं. लेकिन क्या मजाल कि कोई शेरनी किसी और के एरिया मैं चली जाय. ये तो एक उदहारण था. चाहे जल मैं रहने वाले प्राणी हो या आकाश मैं उड़ने वाले पक्षी, या धरती पर रहने वाले जीवित प्राणी, हर जगह आपको नर प्रधान ही मिलेगा. या कह ले कि पुरुष प्रधान ही मिलेगा.

ऐसा क्यों हैं ये मुझे नहीं पता.

रही बात इंसानी बस्तियों कि तो पुरे दुनिया मैं सदैव पुरुषो का ही वर्चश्व रहा हैं. लेकिन भारत उनमे से अलग हैं. हमारे ऋषि मुनियों ने नारी को देवी का दर्जा दिया, नारी के कई रूप दिखाए और हर रूप मैं नारी कि पूजा कि.

सनातन धर्म को छोड़कर के दुनिया के शायद ही किसी धर्म ने नारी पूजा पर जोर दिया हो. या नारी को सम्मान दिया हो. दुर्गा, काली हो या माता चामुंडा जिन्हें शक्ति के रूप मैं जाना और पूजा जाता हैं, विद्या कि देवी सरस्वती हो या धन कि प्राप्ति के लिए लक्ष्मी . गंगा हो या यमुना , सरस्वती हो या नर्मदा, कंही ना कंही भारतीय समाज इस बात कि तरफ इशारा करता हैं कि भारत सिर्फ पुरुष प्रधान देश ही नही अपितु महिला प्रधान देश भी हैं.

भारत के अन्दर जन्म लेने वाली महिलावो मैं सावित्री हो या गार्गी, ये अगर किसी और देश मैं अपने ज़माने मैं पैदा हुई होती तो शायद इतना सम्मान नहीं मिलता. या अगर आप कि ऐसी गैर भारतीय महिला को जानते हो जो आज से १००० साल से भी पहले उपलब्धि प्राप्त कर चुकी हों. शायद नहीं.

इतने के वावजूद लोग क्यों कहते हैं कि भारत सिर्फ पुरुष प्रधान देश हैं. .......

खैर जाते जाते एक बात आप सब से कहना चाहूँगा कि आप अपनों बच्चो को BIKE तो दें मगर आधी रात को सड़क पर स्टंड करने के लिए नहीं. पूरी नज़र रखे. कंही किसी कि नज़र ना लग जाये.

10 comments:

  1. भारत भले ही पुरुष प्रधान हो, मगर इस वक़्त एक महिला ही देश की प्रधान है...

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  2. फिरदौश जी, बिलकुल सही कहा आपने. भारत के कई राज्यवो मैं महिला शासन हैं, और शायद ये सत्य हैं कि पहली बार अगर किसी महिला ने शासन कि डोर आपने हाथो मैं लिया था तो वो थी -- रानी लक्ष्मी बाई और रजिया सुल्ताना.

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  3. सुब्हान अल्लाह !
    अर्थात परमेश्वर पवित्र है ।

    मधुमक्खी के छत्ते में मादा का ही राज चलता है , नर का नहीं । इसी तरह और भी बहुत से जीव हैं ।

    एक अत्यंत शोधपरक लेख आपने हिंदी विश्व को दिया है , सभी पढ़े और अनपढ़ या अधपढ़े हिंदी नर नारियों की ओर से मैं आपका शुक्रिया अदा करता हूं और बाइक वाली बात से सहमत होता हूं ।

    जय श्री अनादि अनंत राम
    हो गया अपना काम

    अर्थात मालिक के नाम से शुरू किया और उसी पर तमाम ।

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  4. फिरदौस जी की बात में वजन है। आपने भी श्रम तो बहुत किया है जानकारी सहेजने में। अब इसे दूसरी तरफ मोड़ कर तस्‍वीर का दूसरा पहलू भी दिखलाइये।


    इंटरनेट पर क्रांति का सूत्रपात : खटीमा हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग सम्‍मेलन के जीवंत प्रसारण को देखें

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  5. दो टिप्पणी को जोड़ दें तो यह बात सामने आती है " मगर इस वक़्त एक महिला ही देश की प्रधान है और "मधुमक्खी के छत्ते में मादा का ही राज चलता है , नर का नहीं "
    तर्केश्वेर जी आप क्या मधुमक्खी के छत्ते में बैठे है.. ?

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  6. फिरदौस जी की बात में वजन है

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  7. MAtlab ki Hamari bat main WAJAN nahi hai.

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  8. तारकेश्‍वर जी, आपकी सलाह बिलकुल सही है। बच्‍चों को बाइक देने से पहले उनकी आवश्‍यकता को समझने की जरूरत है और साथ ही कायदे से चलने की नसीहत भी जरूरी है।

    ---------
    बोलने वाले पत्‍थर।
    सांपों को दुध पिलाना पुण्‍य का काम है?

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  9. बिलकुल सही कहा आपने

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  10. शोधपरक लेख !

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