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Sunday, January 16, 2011

अवैध जगह पर मंदिर हो या मस्जिद , सबको गिरा देना चाहिए. - तारकेश्वर गिरी.

मंदिर हो या मस्जिद अगर अवैध हो तो सबको गिरा देना चाहिए।

अवैध रूप से बनाई गई कोई भी धार्मिक ईमारत को क़ानूनी मान्यता नहीं मिलनी चाहिए. कुछ असामाजिक लोगो के द्वारा रातो रात धार्मिक भवन बना देने से पूरा का पूरा समाज परेशान हो जाता हैं.
आज की तारीख मैं कुकुरमुत्ते की तरह जगह -जगह धार्मिक स्थल मिल जायेंगे। किसी भी सरकारी जमीन पर कब्ज़ा करना हो तो एक मंदिर या मस्जिद बनवा दी जायगी. उसमे प्रमुख भूमिका होती पोलिस की. बाकि तो बेवकूफ भीड़ आपने आप ही संभाल लेगी.

खास कर के सफ़ेद पोश , सफ़ेद पोश वो लोग जो आपने आप को ये समझते हैं कि राजनीती उनके बाप की बपौती हैं. DDA के द्वारा निजामुद्दीन मैं अवैध रूप से बनाई गई मस्जिद गिरा दी गई तो श्रीमान बुखारी खुदी नमाज़ पढने चले गये. वैसे बुखारी साहेब ने भले ही उस मस्जिद की कभी शक्ल ना देखि हो. श्रीमान मुलायम सिंह को माखन लगाता देख भला शीला जी कैसे चुप रह सकती हैं आखिर बात जो ठहरी उनके मोहल्ले कि। वो तो भला हो भगवान का कि शिव जी सेना अभी तक शांत हैं नहीं तो वो भी अब तक जय भोले -भंडारी का नारा लगाते पुष्प विहार (दिल्ली) मैं पहुँच जाते जंहा पर DDA ने एक मंदिर भी तोड़ दिया हैं।
लेकिन हैं तौबा मचाने से जनता को क्या मिलता हैं। जनता जनार्दन को खुद ही सोचना चाहिए कि जब मंदिर या मस्जिद सरकारी जमीन पर बनेगे तो अवैध तो कहलायेंगे ही।
लेकिन वाह रे शील जी और दिल्ली के L G महोदय. आप लोगो ने तो कोर्ट को भी अपने-अपने बाप कि जमीदारी समझ रखा हैं।
और रही बात नमाज पढने वाली भीड़ कि तो चाहे भले ही वो कभी भी नमाज ना पढ़ती हो मगर विवादित जगह पर जरुर नमाज अदा करेंगे। और उसी तरह घर मैं तो कभी पूजा पाठ कि नहीं, माँ -बाप कि सेवा तो कभी करी नहीं चल देते हैं हर -हर महादेव का नारा लगाते हुए विवादित जमीन पर अपना अधिकार दिखाने।

14 comments:

  1. अवैध जगह पर मंदिर हो या मस्जिद , सबको गिरा देना चाहिए. - तारकेश्वर गिरी

    बिलकुल सही कहा तारकेश्वर भाई... फ़ालतू की राजनीती कर रहे हैं धार्मिक नेता लोग... ऐसे धार्मिक स्थलों को हटाना ही बेहतर काम है.

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  2. शाहनवाज भाई से सहमत हूँ ! बढ़िया सुझाव

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  3. आप से सहमत हुं भाई, ओर जो लोग इस के समर्थन मे आये कि इन्हे ना तोडा जाये उन्हे भी साथ मे .... भारत मे हर दो कदम पर ऎसे धंधे खुले हे, जहां अकल के अंधे अपना ओर दुसरो का समय ही नष्ट करते हे

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  4. "अवैध जगह पर मंदिर हो या मस्जिद , सबको गिरा देना चाहिए "

    तर्केश्वेर जी ,शाहनवाज़ साहब ,राज भाटिया जी. ख़ुशी हुई देख के कि सभी एक बात कह रहे हैं. इसी कारण आप सब से सहमत हूँ.

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  5. मंदिर , मस्जिद , मज़ार , थान या कुछ और हर चीज़ ज़रूर गिरा दी जाये लेकिन लोग ऐसा कब करने देते हैं ?
    हो सकता मुसलमान कट्टर होते हों लेकिन जब भाई मोदी जी ने अपने एरिया में मंदिर ढाने शुरू किये तो हिन्दू भाईयों की सारी समझदारी लुप्त हो गयी और उनकी आस्था जाग गयी .
    हिन्दू हो या मुसलमान , आज हरेक को अपनी मान्यताओं और आचरण को लोकहितकारी बनाना होगा वरना लोग उनकी नुक्सानदेह कुश्ती को देखकर नास्तिक बनते चले जायेंगे .
    ऐसा कुछ करना चाहिए की लोग अपनी मान्यताओं के साथ जियें लेकिन देश के कानून का भी पालन करना सीखें .
    आपकी पोस्ट अच्छी लगी , राज जी से सहमत हूँ और दीगर से भी हूँ लेकिन बाद में .
    क्योंकि आज तक कभी मैं राज जी का नाम लेकर सहमति न जता सका .
    http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/01/like-cures-like.html

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  6. अनवर भाई मैं कभी गुजरात नहीं गया. आप गये होंगे तो आप को पता होगा. मैं बात इंसानियत कि कर रहा हूँ.

    अगर कोई धर्म या कोई धार्मिक तरीका इंसानियत का दुश्मन बन जाय तो वो कभी भी धर्म नहीं हो सकता. ऐसे धर्म से तो दुरी ही अच्छी हैं, बल्कि दुरी ही क्यों ऐसे धर्म से नफरत करनी चाहिए. मेरी पोस्ट में गुजरात या मोदी का कोई जिक्र नहीं था. रही बात गुजरात में मोदी कि तो गुजरात कि जनता मुझसे और आप से अच्छा जानती हैं. और में जंहा तक जनता हूँ गुजरात के बारे में तो ये कि - गुजरात दिल्ली और उत्तर प्रदेश से ज्यादे खुशहाल हैं.

    आप अपनी राय सिर्फ मेरी पोस्ट पर दे.

    आपकी राय का इंतजार रहेगा..........

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  7. आ ग़ैरियत के पर्दे इक बार फिर उठा दें
    बिछड़ों को फिर मिला दें, नक्शे दूई मिटा दें
    सूनी पड़ी है मुद्दत से दिल की बस्ती
    आ इक नया शिवाला इस देस में बना दें
    दुनिया के तीरथों से ऊंचा हो अपना तीरथ
    दामाने आसमां से इसका कलस मिला दें
    हर सुब्ह उठके गाएं मन्तर वो मीठे मीठे
    सारे पुजारियों को ‘मै‘ पीत की पिला दें
    शक्ति भी शांति भी भक्तों के गीत में है
    धरती के बासियों की मुक्ति प्रीत में है

    http://vedquran.blogspot.com/2011/01/absolute-peace.html

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  8. Kindly visit http://ahsaskiparten-sameexa.blogspot.com/2011/01/blog-post_23.html

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  9. गिरी जी एक बार फिर एक सुन्दर पोस्ट - बधाई।

    और जो लोग गुजरात मे मंदिर ढहाने पर हिन्दुओं के विरोध की बात कर रहे हैं, उनकी जानकारी के लिए हिन्दुओं ने सिर्फ विरोध किया था, मुसलमानों ने बडौदा मे दंगे किए थे - अब हिम्मत है तो मुसलमानों की सदा से लुप्त समझदारी पर टिप्पणी कर के दिखा।

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  10. तारकेश्वर जी आपको ऐसा भ्रम कब से हो गया कि मेरे गांडु गुरु अनवर जमाल अपने मकसद से भटक रहे हैं लेखनी में? वो एकदम अपने सुनिश्चित मार्ग पर बढ़ रहे हैं, और उनकी जिन बातों को आप हिन्दु लोग ठीक से समझने मे असमर्थ हैं उनको खोल कर समझाने के लिए ही मैने (और अपने गांडु गुरु की गांड मारने के लिए) अपना ब्लॉग बनाया है। कृपया पधारें - http://ahsaskiparten-sameexa.blogspot.com/

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  11. Requesting all to visit my blog once at least.

    Thanks.

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