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Wednesday, November 24, 2010

हाय रे दिल्ली कि ठंडी। -तारकेश्वर गिरी.

अरे बाप रे वो तो भला हो श्रीमती जी का जो सुबह घर से निकलते ही गाड़ी मैं स्वेटर रख दिया था । आज सुबह से ऑफिस में ही रह गया क्योंकि कंही बाहर जाना ही नहीं था। आज तो जुखाम और सर्दी ने भी मेरा बुरा हाल कर रखा हैं, छींक -छींक के भी बुरा हाल हो चूका हैं।

और हो भी क्यों नहीं , खाली जींस कि पैंट और टी शर्ट पहनूंगा तो येही होगा। बाकि शाम को देखते हैं कि क्या दवामिलती हैं.

8 comments:

  1. सर जी सर्दी का समय तो आ ही गया है, इसलिए हम तो गर्म कपड़ों का जुगाड़ करके चलते हैं....

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  2. ऊनी कपड़े पहने और नहाते समय भी गर्म कपड़े ही पहनें :)

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  3. bade hi najuk mijaj hai zanab kuh liya karo jayse khaat ka paya aadhe gilas pani ke sath sone ke baad our uthne se pahle

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  4. हैं!!! अभी से?
    मैं तो अभी भी रात को नौ बजे ठण्डे पानी से नहाकर नाइट ड्यूटी करने जाता हूं। वो भी बिना स्वेटर के।
    कमाल है, यार कैसे आदमी हो?

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  5. lagata hai meet khana suru nahi kiya .
    bhai meet n sahi kuch badaam kha liya karo kuch to garmi ka ahsas hoga .
    bhai hum dono log dharam badalana chahate hai kisi ka abhi tak to koie pagam hi nahi aaya ki hamara dharam sab se aacchha hai.

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  6. ज़ालिम कौन Father Manu या आज के So called intellectuals ?
    एक अनुपम रचना जिसके सामने हरेक विरोधी पस्त है और सारे श्रद्धालु मस्त हैं ।
    देखें हिंदी कलम का एक अद्भुत चमत्कार
    ahsaskiparten.blogspot.com
    पर आज ही , अभी ,तुरंत ।
    महर्षि मनु की महानता और पवित्रता को सिद्ध करने वाला कोई तथ्य अगर आपके पास है तो कृप्या उसे कमेँट बॉक्स में add करना न भूलें ।
    जगत के सभी सदाचारियों की जय !
    धर्म की जय !!

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