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Tuesday, September 21, 2010

पूरा का पूरा ब्रह्माण्ड सिर्फ ३ परा आधारित हैं.-तारकेश्वर गिरी.



इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए इसमें कुछ नया जोड़ने कि कोशिश करूँगा, लेकिन जोडूंगा वही जो तर्क संगत होगा। जैसा कि में पहले ही बता चूका हूँ कि संख्या ३ का हमारे जीवन पर कितना महत्वपूर्ण असर हैं। हर चीज या हर वास्तु तीन से शुरू हो करके तीन पर ही ख़त्म हो जाती हैं।


उसी को आगे बढ़ाते हुए आज फिर कुछ नया सा, हमारे हिंदुस्तान में ऋषि -महर्षि लोगो को ये बात पहले से ही पता थी। और यही वजह रही हैं कि वेदों में तीन लोको का विवरण मिलता हैं।
संख्या -३
  • तीनो लोक, - पृथ्वी, आकाश और पाताल।
  • त्रिकोणीय (गणितीय चमत्कार)
  • तीन प्रमुख ग्रह- खुद पृथ्वी, और उसके नजदीक सूरज और चाँद ( जो आसानी से देखे जा सकते हैं)।
  • तीन विश्वयुद्ध - १ महाभारत , २ प्रथम विश्वयुद्ध, और ३। दूसरा विश्वयुद्ध।( अब और कोई भी विश्व युद्ध नहीं होगा)।

चलते चलते :- बिजुली के पंखे में तीन पत्तिया, बिजुली के तीन तार और तीन फेस। भारत के झंडे में तीन रंग, भारत के पास तीन सेना ( नौ सेना, थल सेना और वायु सेना) । छोटे छोटे मोहल्ले में तीन मंजिल ईमारत। तीन कमरों का मकान, भारत में तीन प्रमुख व्यक्ति १- राष्ट्रपति, २- प्रधान मंत्री, ३- सर्वोच्च न्यायलय के मुख्या न्यायाधीश ।

पढ़ते रहिये और आनंद लेते रहिये : अभी जारी रहेगा। बहुत मसाला पड़ा हैं, तीन पे।


4 comments:

  1. सबसे बडा रहस्य
    बरमूडा त्रिकोण

    प्रणाम

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  2. काला रंग हटाने के लिये हार्दिक आभार

    प्रणाम स्वीकार करें

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  3. Namashkar Sohil JI, Apaka sahyog lagatar mil raha hai.

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  4. Is vishya par agar kuch aur jankari de sake to dijiyega.

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