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Monday, September 20, 2010

पूरा कापूरा ब्रह्माण्ड सिर्फ तीन पर आधारित हैं- पार्ट -२- तारकेश्वर गिरी.

अगर पूरा विश्व सिर्फ तीन शब्द में निहित हैं तो इसका मतलब ये भी होगा कि जरुर कंही ना कंही वो तत्वा भी इसी शब्द में छुपा होगा जिसके पीछे पूरी दुनिया के वैज्ञानिक भाग रहे हैं या ये कह ले कि वो सच जो अभी तक लोगो के सामने नहीं आया हैं।

अपनी तीन शब्दों वाली श्रृखला को आगे बढ़ाते हुए आज कुछ और नए उदहारण आप के सामने रखने जा रहा हूँ :

  • ॐ नम: शिवाय : - कुल तीन शब्द।
  • अल्लाह हो अकबर :- कुल तीन शब्द।
  • कुरान : - इसमें तीन अक्षर ।
  • पुराण : - इसमें तीन अक्षर।

पूरी धरती पर सिर्फ तीन तरह कि मानव जाती रहती हैं

  • १- वो लोग जो पूर्वी एशिया और उत्तरी एशिया के देशो में रहते हैं जिनका कद छोटा और चेहरा गोले होता हैं।
  • २- वो लोग जो मध्य एशिया में रहते हैं जिनका कद लम्बा चेहरा गोरा या गेन्हुया और चेहरा लम्बा ( जिनको आर्य भी कह सके हैं।) पूरा का पूरा यूरोप, अरब, इराक, इरान और भारतीय महादीप के कुछ हिस्से में।
  • ३- वो लोग जो पृथ्वी के दक्षिणी हिस्से में रहते हैं , कद लम्बा या छोटा लेकिन, रंग काला , - साउथ इंडिया , अफ्रीका और भी निचले हिस्से।

लाइट चली गई बाकि कड़ी शाम को

7 comments:

  1. बढिया श्रंखला है जी

    प्रणाम

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  2. ॐ भी अ उ म
    तीन अक्षरों से मिलकर बना है जी

    धरम और विज्ञान में भी 3-3 अक्षर हैं

    प्रणाम

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  3. @ तारकेश्वर गिरि जी

    बन्धु, अगर हो सके तो काला बैकग्राऊण्ड बदल दें। आभार होगा
    काला बैकग्राऊण्ड आंखों पर बहुत जोर डालता है। मुझे तो पढने में परेशानी होती है, क्या किसी और पाठक को भी हो रही है?

    प्रणाम

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  4. बहुत बढिया शोध .. तीन की बडी महिमा है !!

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  5. मुझे तो इस बैकग्राऊण्ड से पढ़ने में कोई परेशानी नहीं हो रही

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  6. लगे रहिये...


    अगर हो सके तो काला बैकग्राऊण्ड बदल दें। आभार होगा..

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  7. Abhi to bahut kuch baki hai teen ke bare main

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