जापानी बुखार (एन्सेफलीटीस) मूलतः पूर्वी उत्तरप्रदेश और पश्चिम बिहार में अपना प्रकोप दिखता है वो भी खाश करके 6 महीने से लेकर 15 साल तक के बच्चों के ऊपर / मानसून के समय जापानी बुखार के जिम्मेदार मच्छर बहुत ही ज्यादा मात्रा में पैदा होते हैं और छोटे बच्चो को अपना शिकार बनाते हैं.
बच्चो को मच्छरों से बचाये ; क्योंकि अब मच्छर ही नहीं राजनेता भी खून चूसते हैं.
बच्चो को मच्छरों से बचाये ; क्योंकि अब मच्छर ही नहीं राजनेता भी खून चूसते हैं.
1978 से आजतक लगभग 50000 लोगो की जान अब तक इस भयंकर बीमारी से जा चुकी है, लेकिन इस इसका मतलब ये नहीं हुआ की ये आम बात है और इस पर ध्यान देने की जरुरत भी नहीं. हर रोज हमारा देश नई नई बुलंदियों को छू रहा है, मगर गरीबो के लिए अपवाद है, राजनेता चाहे किसी पार्टी के हो सत्ता से बाहर जब तक रहते हैं तब तक तो ईमानदार और कर्तव्यपरायण बने रहते हैं, सत्ता मिलते मिलते ही सब भूल जाते हैं.
आज जितनी बयानबाजी सत्ता पक्ष और विपक्ष की तरफ से की जा रही है, दुखद है बयानबाजी की बजाय ये ध्यान दिया जाय की अब कोई नया मरीज नहीं बनेगा , उसका इलाज खोजा जाये.
राजनेता लोगो के हिसाब से गरीब जनता सिर्फ वोट देने और मरने के लिए पैदा होते हैं, खून चाहे मच्छर चूसे या राजनेता उस से कोई फर्क नहीं पड़ता। मंदिर मैं जा कर दान पुण्य करके अपने पापो से मुक्ति पाने से तो अच्छा है की पूर्वी उत्तरप्रदेश और पश्चिमी बिहार की गरीब जनता को मच्छरदानी दान की जाय , जिस से उनके बच्चे बीमार ना हो।