C . W.G. ( कामेन वेल्थ गेम) , नहीं अब इसका नाम बदल गया हैं, नया नाम हैं "कुत्ते वाला गेम"। क्योंकि अब दिल्ली में सिर्फ कुत्ते बाजी हो रही हैं, कंही शीला का कुत्ता तो कंही सोनिया का तो कंही मनमोहन जी का। लेकिन खीर ले गया लड्मारी का कुत्ता , ओह सोरी कलमाड़ी का कुत्ता।
दिल्ली तो बिलकुल कुत्ते के गेम के लिए तैयार बैठी हैं। देखते हैं कि अभी कितने कुत्ते मैदान में आते हैं। लेकिन शायद ये गिनती अगले महीने ही होगी।
लगता है धर्मेद्र को भेजना होगा दिल्ली , तभी , यह कुत्ते वाला गेम ख़त्म होगा..
ReplyDeleteजब हम ब्रिटेन के आगे कुत्ते बन ही गए हैं तो गेम तो कुत्तों वाला ही हुआ ना?
ReplyDeleteDekhate hain ki kitne kutte kya - kya khate hain
ReplyDeleteIS GAME KI POLE BHI KUTTE HI KHOLENGE
ReplyDeleteSAB MIL KARKE APAS MAIN LADENGE "KUTTE" KI TARAH
ReplyDeleteअजीत गुप्ता जी से सहमत ।
ReplyDeleteजब हम ब्रिटेन के आगे कुत्ते बन ही गए हैं तो गेम तो कुत्तों वाला ही हुआ ना?
अजित जी की बात से सहमत है, पता नही क्यो हम इन गोरो के जुते चाटने को तेयार है, लानत है इन नेताओ पर जो इज्जत नाक की चीज से लाखॊ कोसो मील दुर है, साथ मे देश की इज्जत भी खराब कर रहे है
ReplyDeletePuri Dilli ko Kutta bana diya hai, kuch Netao ne
ReplyDeleteभारत की एकता अखंडता का जीवंत उधारण यहाँ पढ़ें
ReplyDeleteशर्मनाक स्थितियाँ हो गई हैं.
ReplyDeleteआखिर गुलामी के प्रतीक इन खेलों का क्या औचित्य है ?
ReplyDeleteगिरी जी बहुत ही बढिया तमाचा है आपका यह post इन नेताओं पर, लेकिन ये सब बेशरम हैं।
ReplyDeleteआपके ब्लॉग पर लगे हमारीवाणी के कोड में आपके ब्लॉग पते के साथ http:// नहीं लिखा है और www लगा हुआ है, आपसे अनुरोध है, कि www हटा कर इसकी जगह http:// लगा लें, जिससे की आपका ब्लॉग समय पर अपडेट होने लगे.
ReplyDeleteधन्यवाद!
टीम हमारीवाणी