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Friday, September 10, 2010

बारिश को बंद करने का कारगर उपाय. - तारकेश्वर गिरी.


कॉमन वेल्थ गेम जैसे जैसे नजदीक आ रहा हैं , बारिश और तेज होती जा रही , शीला जी मुश्किल दिन प्रति दिन बढती जा रही। तो मैंने सोचा कि क्यों ना शीला जी कि मदद कि जाय।


मै ०३/०९/१० तो आपने दोस्तों के साथ तेज बारिश में घुमने निकला , और वो भी पौड़ी गडवाल। ( घुमाने कि कोशिश बाद में करूँगा अभी नहीं। अभी तो शीला जी को सलाह दे रहा हूँ)


पुरे रास्तेकि बारिश जगह - जगह सड़क पर छोटे -छोटे पहाड़ के टुकड़े, रास्ता बंद और वो भी चार से पांच घंटे के लिए आनंद लेते हुए हम पौड़ी से २४ किलोमीटर पहले कांस खेत नामक गाँव में पहुंचे रास्ते भर बारिश और रत को भी बारिश।


सुबह होते ही मेरे गड्वाली मित्र ने झाड़ू उठाया और घर कि दिवार पर खड़ा कर दिया मैंने पूछा ये क्या तो उसने जबाब दिया किया इस से थोड़ी देर में ही बारिश रुक जाएगी॥


और सचमुच पुरे दिन बारिश नहीं हुई।


तो में भी शीला जी को सलाह दे रहा हूँ कि आपने घर कि छत पर एक झाड़ू खड़ा कर दे जब तक कॉमन वेल्थ गेम ख़त्म ना हो जाये।

12 comments:

  1. सारे दिल्ली के झाडू तो पहले ही शीला जी की छत से ले कर रसोई तक भरे पडे है, अब इंदर देवता ही इन्हे सजा देने पर ऊतारू हो तो यह झाडू देवता कया कर लेगे बाबा....

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  2. ha ha ha . Thank Bhatiya ji.

    Lekin Ab to Sheela Ji Ko bas Diilli Walo ke Jhadu ki hi jarurat hai.

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  3. जनाब बारिश को ख़त्म करने का जुगाड़ तो बता दिया जरा कॉमनवेल्थ के भ्रस्टाचार को ख़त्म करने का भी बता दीजिये ....

    एक बार हमें भी पढ़े -
    ( खुद को रम भगवन को भंग धतुरा ....)
    http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_09.html

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  4. पहले तो बारिश नहीं हो रही थी और अब हो रही हैं तो लोग शोर मचा रहे हैं

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  5. जनाब गजेन्द्र जी.

    गेम ख़त्म होने दीजिये फिर देखिये तमाशा , एक - एक करके सबकी पोल खुलेगी, फिर सबको हिस्सा मिलेगा, फिर सारे शांत हो जायेंगे.

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  6. Nice post .
    अल्लाह से दुआ है कि यह ईद ना केवल हिंदुस्तान में बल्कि पूरे आलम में चैन-अमन एवं खुशियां लेकर आए....... आमीन!

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  7. गिरी साहब बहुत बढ़िया उपाय सुझाया है आपने.................

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  8. हा हा हा..... मजेदार सलाह है भाई....


    ईद की दिली मुबारकबाद कुबूल फरमाएं!

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  9. तारकेश्वर जी दिल्ली मे तो बारिश नही भी होगी तब भी फजीहत पक्की है, निर्माण कार्य की गुणवत्ता के विषय मे तो प्रतिदिन ही पढने को मिल रहा है। उसके लिये कौन सा झाडु खडा करेंगे?

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