शीला कि लीला देख - जटा धारी बैठे हैं चुप-चाप ,
कि महंगाई सोनिया खा गई ।
महारानी कि प्रतिभा हो गई बेकार ,
कि मंहगाई सोनिया खा गई।
माया कि माया हैं अपरम्पार - जटा धारी बैठे हैं चुप -चाप,
कि मंहगाई सोनिया खा गई।
खेल - खेल में खेल गए अरबो - कलमाड़ी कि हालत हो गई ख़राब,
कि मंहगाई सोनिया खा गई।
मंहगाई डायन सोनिया गाँधी खा गई गरीबों की रोटी और चूस गयी उनका खून ...अब तो कोई करिश्मा ही करेगा इस डायन का सर्वनाश ...
ReplyDeleteJam ke virodh kariye, isko khud bhi padhiye auro ko bhi padhaiye
ReplyDeleteगिरी जी, हालांकि आपने लिखी सिर्फ चंद लाइने ही है मगर बढ़िया लिखी है इसे और आगे बढाए, जोड़ने को बहुत कुछ है !
ReplyDeleteGodiyal Ji Namashkar
ReplyDeleteFilhal ise hi chalne de te hain baki agli kadi aur jyada masala dal denge
कटु सत्य!
ReplyDeleteआम जनता जो भी कमात है इटालियन एंटोनिया डायन खाय जात है।
ReplyDeleteKya bat hai Sunil Accha sabadh diya hai apne
ReplyDeleteAur aap is samay hain kidhar
ReplyDeleteअजी इसे सर पे बिठाया किस ने है.... पहले उसे पकडॊ
ReplyDeleteगिरी साहब लगता है कि दिल्ली के दर्द ने आपको कवि बना दिया तभी तो लगातार दो कविताये हमें पढने को मिली हैं. देखे ये दर्द कैसे कैसे गुल खिलाता है.
ReplyDeleteहमारी जेब से निकलकर सीधे ईतेलियन मिडम के पेट में ही जा रहा है।
ReplyDeleteकैंसर के रोगियों के लिये गुयाबानो फ़ल किसी चमत्कार से कम नहीं (CANCER KILLER DISCOVERED Guyabano, The Soupsop Fruit)
?
ReplyDelete--------
सपने भी कुछ कहते हैं।
साहित्यिक चोरी का निर्लज्ज कारनामा....
एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
ReplyDeleteआपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !
theek hai bhai....sadhuwaad...
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