इतिहास गवाह है, की भारत पर सदियों से विदेशी आक्रमण होते रहे है, चाहे वो पुर्तगाली हो या ढच या फ़्रांसिसी या अंग्रेज या मुसलमान , सबने भारत में आ कर के अपना अपना उल्लू सीधा किया है, मकसद सबका एक ही था भारत को लूटना और हो सके तो भारत पर अपना अधिकार जमाना। और सबने किया भी पुर्तगाली, ढच और फ़्रांसिसी ज्यादा सफलता प्राप्त नहीं कर पाए लेकिन अंग्रेजो ने बाजी मारी और भारत की किश्मत ही बदल दी।
लेकिन मुसलमान राजावो की नियत में कुछ और ही था , वो तो भारत को दुबई बनाना चाहते थे , भारत में मुसलिम राज्य की स्थापना के साथ -साथ भारत में मुस्लिम आतंक की स्थापना करने में भी सफल रहे , चाहे वो जजिया कर हो या सरकार में हिन्दुवों की भागीदारी, दोनों में मुस्लिम सम्राटो ने भारत के मूल निवाशियों को बाकि समाज से अलग करने की पूरी कोशिश की ।
आखिर ऐसी क्या वजह है, की सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम सम्राटो ने पुरे उत्तरी भारत में फैले हुए प्रमुख हिन्दू मंदिरों को अपना निशाना बनाया और उनको मश्जिद या मकबरों में बदल दिया। बात सिर्फ अयोध्या , काशी और मथुरा की ही नहीं है, ऐसे हजारो मंदिरों को मुस्लिम सम्राटो ने अपना निशाना बनाया। आप लोग आगरा का ताज महल ले लें , दिल्ली की कुतुबमीनार को ही ले लें , दिल्ली की कुतुबमीनार में आज भी साफ -साफ नजर आता है की ये किसी ज़माने में हिन्दू मंदिर था।
आखिर मुसलमान सम्राटो ने ही ऐसा क्यों किया हिंदुस्तान के साथ। अंग्रेजो, पुर्त्गालियो या फ्रंसिसियौं ने तो ऐसा नहीं किया।
लेकिन मुसलमान राजावो की नियत में कुछ और ही था , वो तो भारत को दुबई बनाना चाहते थे , भारत में मुसलिम राज्य की स्थापना के साथ -साथ भारत में मुस्लिम आतंक की स्थापना करने में भी सफल रहे , चाहे वो जजिया कर हो या सरकार में हिन्दुवों की भागीदारी, दोनों में मुस्लिम सम्राटो ने भारत के मूल निवाशियों को बाकि समाज से अलग करने की पूरी कोशिश की ।
आखिर ऐसी क्या वजह है, की सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम सम्राटो ने पुरे उत्तरी भारत में फैले हुए प्रमुख हिन्दू मंदिरों को अपना निशाना बनाया और उनको मश्जिद या मकबरों में बदल दिया। बात सिर्फ अयोध्या , काशी और मथुरा की ही नहीं है, ऐसे हजारो मंदिरों को मुस्लिम सम्राटो ने अपना निशाना बनाया। आप लोग आगरा का ताज महल ले लें , दिल्ली की कुतुबमीनार को ही ले लें , दिल्ली की कुतुबमीनार में आज भी साफ -साफ नजर आता है की ये किसी ज़माने में हिन्दू मंदिर था।
आखिर मुसलमान सम्राटो ने ही ऐसा क्यों किया हिंदुस्तान के साथ। अंग्रेजो, पुर्त्गालियो या फ्रंसिसियौं ने तो ऐसा नहीं किया।