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Friday, March 12, 2010

मिस्टर हुसैन और डॉ अनवर जमाल।

दोनों एक थाली के चट्टे-बट्टे हैं, एक उम्र की सारी हदे पार कर चूका तो दूसरा अपने लिए अभी से कब्र खोदने के लिए तैयार हैहुसैन हिन्दू देवी की नग्न तस्वीर बनता है तो श्रीमान अनवर जमाल हिन्दू देवी देवतावो की छवि ख़राब करने पर तुले हुए हैंहुसैन तो हिंदुस्तान छोड़ करके भाग चूका है , देखते हैं की श्रीमान अनवर जमाल साहेब अपनी दौड़ कंहा तक लगते हैं

मैं अपने सभी धर्मो के भाई -बहेन ब्लोगेर से अनुरोध करता हूँ की किसी भी धर्म के प्रति गंदे शब्दों का इस्तेमाल करने वाले ब्लोगेर श्रीमान अनवर जमाल साहेब का विरोध करे, नहीं तो श्रीमान अनवर जमाल साहेब आने वाले समय मैं मुसलमानों और हिंदुवो के बीच एक और नई दिवार खडी कर देंगेहिंदुस्तान मैं सभी लोगो को आजादी है कुछ भी बोलने की मगर इसका मतलब ये कभी नहीं की किसी भी धर्म का मजाक उड़ाया जाय ।

आखिर क्या मिलता है किसी और धर्म की बुराई करके , क्या श्रीमान अनवर जमाल साहेब पाकिस्तान से मदद ले रहे हैं या सउदी अरब से।

6 comments:

  1. विचार हमारे व्यक्तित्व का आइना है. सिमित सोच वाले लोग एक मुकाम से आगे नहीं जा पाते है. हमारे शास्त्रों में कहा गया है "यदा यदा ही वाक्य मुच्च्यती बाणम, तदा तदा ही जाती कुल प्रमाणम्" यानि जैसे जैसे आप अपने वाक्यों के बाण छोड़ते है वैसे वैसे ही आप अपने आप को दुसरो के सामने परिभाषित करते है, कि आप स्वयं क्या हो ? अफ़सोस इस बात का होता है की आज लोग इस तरह के कुतर्क को चटखारे ले कर पढ़ते और देखते है और इसलिए ये अनर्गल लिखने या कला के नाम पर बेतुका नंगा प्रदर्शन करने वाले लोग इसे जारी रखते है.

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  2. गिरी साहब सही कहा, इनकी मानसिकता ही यही है की बस कुछ भी करके सुर्ख़ियों में आये ! मैं तो पाठको से यही निवेदन करूंगा की इन विकृत मानसिकताओं को दरकिनार करे, इन्हें भाव देने की कोई जरुरत ही नहीं !

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  3. ना तो श्रीमान अनवर जमाल हिन्दू देवी देवतावो की छवि ख़राब कर सकते है, ओर ना ही हुसेन हमारे देवी देवताओ की बेज्जती कर सकते है, क्योकि जो हमारे देवी देवताओ की छवि खराब करना चाहाता है वो जाने अंजाने मै उस ऊपर वाले को ही गालिया दे रहा है, जो हम सब का है, बाकी ऎसे लोगो की मान्सिकता ही ऎसी है, इन्हे संस्कार ही ऎसे मिले है कि यह इन बातो के सिवा कुछ ओर सोच ही नही सकते, अगर मै किसी को मां बहिन की गाली दे रहा हुं तो वो गाली मै अपनी मां ओर बहिन को भी दे रहा हुं.
    इस लिये इन की चर्चा ही छोडो

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  4. कोई धर्म बुरा नहीं होता हाँ दूसरों के धर्म को अपनी बुद्धि के हिसाब से पारिभाषित करके लोग लोग अपनी मूर्खता और जहरीला स्वभाव जरूर जाहिर करते हैं !!

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  5. कोई धर्म बुरा नहीं होता. यह बात सच है.किन्तु इस्लाम व इसाइयत धर्म कहाँ हैं.

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