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Sunday, May 24, 2009

संगीता पुरी जी और उनके पाठको के लिए

मेरा ये लेख संगीता सूरी जी के ब्लॉग : क्‍या पाठक ज्‍योतिष की वैज्ञानिकता को सिद्ध करने में मेरी मदद करेंगे ?????
बहुत बढ़िया लिखा है आपने , मेरे नजर में तो साइंस और ज्योतिष दोनों अपनी अपनी जगह पर उचित हैं,
साइंस आज का पढ़ा जाने वाला लोकप्रिय सुब्जेक्ट है और ज्योतिष को लोग पार्ट टाइम ले रहे है ज्योतिष पर ज्यादा ध्यान दे तो सचमुच ज्योतिष आगे निकले जाएगा।

संगीता जी ज्योतिष को सिद्ध करने की जरुरत नही है, ज्योतिष तो खुद मैं एक पेर्फक्ट सुब्जेक्ट है / जिसने पुरी दुनिया को जानकारी दिया है/ हमारे देश के पूर्वजो ने आज से हजारो साल पहले इतना गहन आध्यनकिया था, जिसका फायदा आज पुरी दुनिया उठा रही है, सूर्य की पृथ्वी से दुरी, पृथ्वी कितने चक्कर पुरे साल मैं लगाती है , चंद्रमा और तारो का रहस्य, कब कौन सा मौषम , दिशावों की जानकारी , मैथ की jankari और बहुत से एक्साम्प्ले है जो ज्योतिष को सही बताएँगे ,
क्या साइंस बता पायेगा की हमारे हाथ और पैर की अंगुली मैं सिर्फ़ तीन पार्ट क्यों होते हैं और हमारे हाथ मैं भी तीन पार्ट क्यों होते हैं और हमारे पुरे शरीर पर भी तीन पार्ट क्यों होते हैं /

आप सबको अच्छी तरह से पता है की हमारा देश ज्योतिष पर ही टिका हुआ है , हमारे देश नो जो अपनी सभ्यता हजारो सालो से बचा रखी वो भी ज्योतिष की देन है

9 comments:

  1. वास्‍तव में मैं वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखती हूं , पर यह नहीं मानती कि विज्ञान आज के युग की चीज है ,मुझे हर पुरानी परंपरा , काम करने की हर पुराने पद्धति , हर बात में अंधविश्‍वास की जगह मुझे विज्ञान का ही पुट नजर आता है। जैसे मां बाप की बातों को बुरी बताते हुए बच्‍चे लाख तर्क दे दें , पर वह बुरी लगते हुए भी बच्‍चों के भलाई के लिए ही होती है , उसी तरह परंपरा में भी अंधविश्‍वास का पुट होते हुए एक अच्‍छाई छिपी होती है। मैं मानती हूं कि हर मामले में आज के वैज्ञानिक की तुलना में पुराने जमाने के वैज्ञानिक अधिक दूरदर्शी थे , पर मै किसी और को इसे मानने को बाध्‍य नहीं कर सकती। मैने तो अपने रिसर्च हेतु पाठकों से 25 अगस्‍त से 5 सितंबर 1967 तक या उसके आसपास जन्‍म लेनेवाले सभी स्‍त्री पुरूष के 2003 से 2009 तक के कष्‍टमय समय की जानकारी इकट्ठा करने मात्र के लिए यह लेख लिखा था ,पर पाठकों को मेरा विचार दुराग्रहपूर्ण कैसे लगा , यह मै नहीं समझ सकी । पूरे आलेख में मेरा एक भी वाक्‍य ऐसा नहीं है , जिससे यह साबित किया जा सके कि मै ज्‍योतिष को लोगों को विज्ञान कहने को बाध्‍य कर रही हूं , हां , पर मेरे लिए यह विज्ञान है और रहेगा , क्‍योंकि मै इसके रहस्‍य को समझ चुकी हूं।

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  2. aapne bilkul sahi kaha mai to sangeeta ji ke age natmastak hoon unke jyotish se hi nahin unki karmathhta se bhi prabhavit hoon unko bahut bahut badhai aur shubhkamnayen aapka bhi aabhar unka utsah badhane ke liye

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  3. आप को अपनी समझ पर कायम रहना चाहिए। लेकिन इस सोच पर समय समय पर पुनर्विलोकन भी करते रहना चाहिए। एक बात और जान लेनी चाहिए कि विज्ञान की परिभाषा क्या है। हो सकता है कि ज्योतिष को विज्ञान न मानने वाले लोगों और आप की विज्ञान की परिभाषा भिन्न भिन्न हो।

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  4. Jyotish bhi ek vigyaan hai...
    ...bus iska gyata nahi mila aaj tak...

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  5. बहुत ही अच्छा लिखा है ऐसे ही लिखते रहिए। हम भी लिखते हैं हमारे लेख पढ़ने के लिए आप नीचे क्लिक कर सकते हैं।
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  6. आप बहुत अच्छा लिखते है. धन्यवाद. मेरे भी लेख पड़कर बताये आपको कैसे लगे.
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  7. UGC has decided that UG / PG final year students of any university cannot pass the exam without the UG / PG final year and semester exams should be completed by 30 September. To pass the final year students have to take the exam. If a state or union territory feels that it is not possible for them to conduct the examination, then they can contact UGC
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  8. आपका ज्योतिष को लेकर दृष्टिकोण बिलकुल सही है ? में आपके मत से बिलकुल सहमत हूं| आपके ब्लॉग की तरह में भी एक विभिन्न विषय पर लिखता हूं| मेरे भी लेख पड़कर बताये आपको कैसे लगे.
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