tag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post9094066619428382641..comments2024-03-26T14:48:50.155+05:30Comments on काम की बातें: दुसरे धर्मो का मजाक उड़ना इस्लामिक लेखको की आदत सी बन गई हैTaarkeshwar Girihttp://www.blogger.com/profile/06692811488153405861noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-32441591360605973032010-03-11T19:25:36.811+05:302010-03-11T19:25:36.811+05:30यदि कोई इस प्रकार का लेखन कर रहा है तो हमारे पास ए...यदि कोई इस प्रकार का लेखन कर रहा है तो हमारे पास एक ही इलाज है कि एक दो बार जाने पर ही पता चल जाता है कि कैसा ब्लॉग है तो फिर वहाँ मुड़कर क्यों जाया जाए? ब्लॉग पाठकों के कारण जीवित रहते हैं। जब उन्हें यह खाद पानी मिलनी बन्द हो जाए तो वे भी खत्म हो जाते हैं।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-51666282707329710172010-03-11T11:58:11.380+05:302010-03-11T11:58:11.380+05:30गिरी साहब , इनको भी वही ट्रीटमेंट सूट करता है जो ...गिरी साहब , इनको भी वही ट्रीटमेंट सूट करता है जो ये दूसरों के साथ करते है ! अभी कल ही नाइजीरिया में मुसलमानों द्वारा ५०० से अधिक ईसाईयों की हत्या पर लिखे गए एक लेख पर इनके एक महाज्ञानी की टिपण्णी शायद आपने पढी हो! कैसे जनाव उसे सही ठहराने की कोशिश कर रहे थे ! ये भूल गए की जो कुछ वहाँ मुसलमानों ने ईसाईयों के साथ किया अगर वह सही है तो जो कुछ गोधरा के बाद गुजरात में हुआ वह भी तो १००% सही था ! लगे रहिये और ईंट का जबाब पत्थर से दीजिये क्योंकि ये रहम करने लायक लोग नहीं है !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-26472850828000027182010-03-11T11:34:40.698+05:302010-03-11T11:34:40.698+05:30बंधु यही तो फर्क हैं....हिंदु कभी किसी को नीची नजर...बंधु यही तो फर्क हैं....हिंदु कभी किसी को नीची नजर से नहीं देखता पर इस्लाम तो बना ही दूसरे के विध्वंष से हैं....पाकिस्तान से लेकर सऊदी अरब तक इनके जलवे देखे जा सकते ैहंमिहिरभोजhttps://www.blogger.com/profile/03752193400673132647noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-44430782975756512652010-03-11T10:55:58.753+05:302010-03-11T10:55:58.753+05:30भाई गिरी जी, मैं इन लोगों को कम से कम 340 बार समझा...भाई गिरी जी, मैं इन लोगों को कम से कम 340 बार समझा चुका हूं, कि भई "अपना घर देखो कि उधर कितने फ़टे हुए कपड़े लटके हैं, हमारे घर में क्यों झाँकते हो, हम अपने गन्दे कपड़े खुद धो लेंगे…"। लेकिन नहीं साहब, अपनी TRP बढ़ाने के चक्कर में वेद, गीता, रामायण पर हमले करेंगे, नाम ले-लेकर पोस्टें लिखेंगे…। कितने ही तर्क दे लो, कुतर्क पर कुतर्क किये जायेंगे, या पोस्ट के विषय से हटकर कोई बकवास करेंगे…।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-58678194686113436662010-03-11T10:41:45.856+05:302010-03-11T10:41:45.856+05:30जो दुसरी माहिला को बुरी नजर से देखता है, उसका अपनी...जो दुसरी माहिला को बुरी नजर से देखता है, उसका अपनी पत्नी के प्रति प्रेम भी सौ प्रतिशत दिखावा ही होता है.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-70128968598866122182010-03-11T10:01:38.167+05:302010-03-11T10:01:38.167+05:30बिल्कुल ठीक कह रहे हैं. इनके अंदर सहिष्णुता है ही ...बिल्कुल ठीक कह रहे हैं. इनके अंदर सहिष्णुता है ही नहीं और हमें भी अब ऐसी ही नीति अपनानी पड़ेगी. सठे साठ्यं समाचरेत.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-36153725891025365392010-03-11T09:33:15.193+05:302010-03-11T09:33:15.193+05:30जिसने सही अर्थ में धर्म को धारण किया है उसे अपने ध...जिसने सही अर्थ में धर्म को धारण किया है उसे अपने धर्म का पालन करना चाहिए और साथ ही अन्य सभी धर्म का समान रूप आदर करना आना चाहिए. हर धर्म में कुछ अच्छी और कुछ कम अच्छी बाते है. इसलिए दुसरे के धर्म में बुराई देखने की बजाये व्यक्ति को अपने धर्म की कुरीतियों का विरोध करना आना चाहिए जिससे सकारात्मक दिशा में एक सभ्य समाज का निर्माण हो सके और उस धर्म की आने वाली पीढ़ी उन बुरइयो से बच सके.Bhavesh (भावेश )https://www.blogger.com/profile/14963074448634873997noreply@blogger.com