tag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post7486563764616327403..comments2024-03-26T14:48:50.155+05:30Comments on काम की बातें: हिन्दू इतना उग्र क्यों होता जा रहा है ? -तारकेश्वर गिरी.Taarkeshwar Girihttp://www.blogger.com/profile/06692811488153405861noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-23475592882287846002010-07-18T22:05:02.541+05:302010-07-18T22:05:02.541+05:30तारकेश्वर जी इस देश मे हिन्दुओं की संख्या है ही कि...तारकेश्वर जी इस देश मे हिन्दुओं की संख्या है ही कितनी - १५ % मुस्लिम, ५% ईसाई, शेष ८०% मे सिख, बौद्ध, जैन, secular (शर्मनिरपेक्ष), communist इत्यादि का बोलबाला है। स्वयं को हिन्दु कहने वले तो मात्र १०% भी हो तो बडी बात होगी। उस पर भी हिन्दु वस्तुतः उग्र नहीं हो रहा है, यह वास्तविकता की अपेक्षा मीडिया का गढा हुआ एक कुप्रचार है, ताकि वो दूसरों के दोषों को ढकने का काम इसकी आड मे बखुबी कर सकें। आप ही बताईए हिन्दु अगर सच मे उग्र हो गया होता तो क्या अमरनाथ कि यात्रा में पडने वाले विघ्न का उत्तर शेष भारत के मुस्लिमों को नही चुकानी पडती? हिन्दु यदि उग्र हुआ होता तो मरदूद फालतु हुसैन को पाँव पकड कर बार बार वापस आने के लिये कहने की सभी दलों मे होड क्यों होती?<br /><br />अब प्रश्न उठता है कि समस्त दल हिन्दु विरोधी कैसे हो गये, बहुत सरल सी बात है, हिन्दुओं का वोट एक जुट नही है, आपने स्वयं भी इस और इंगित किया है। दूसरा कारण स्पष्टतः भारत वर्ष को अस्थिर करने के लिये विदेशों से आने वाला धन है। यह धन चाहे चर्च के माद्धयम से आता हो, अरब देश से अथवा साम्यवादी चीन से। और यह बात इन सब को मालूम है कि यह देश तभी तक एकजुट है जब तक हिन्दु है। अर्थात हिन्दुओं पर आघात करो तथा पाकिस्तान, चीन इत्यादि का हित साधन अपने आप होगा।<br /><br />आपने जो तीन हिन्दु प्रतिक्रिया (हाँ यह क्रिया नही थी) के उदाहरण दिये है उस पर थोडा सा - गुजरात दंगो में जितने मुस्लिम मरे हिन्दु उससे कोई कम नही मरे, पर उनके लिये कोई तीस्ता सीतलवाड या अरुंधति रॉय नही है<br /><br />बाबरी ढ़ाचे मे कभी नमाज़ नहीं पढी गई, और इस ढाचे के गिरने पर बवाल करने वाले तब अपनी बीवीयों के पल्लू मे क्यों छुप गये थे जब हजरत बल दरगाह कश्मीरी उग्रवादियों ने अपने बचने के लिये रास्ता बनाने के उद्देश्य से उडा दिया था?<br /><br />अपने बचाव मे बेचारा हिन्दु कहां कोइ कदम उठाता है, वो तो बेचारा इस गफलत मे जीता है कि जैसे वो सर्व धर्म समभाव में विश्वास रखता है समस्त धर्मावलंबी भी वैसे ही होंगे।<br /><br /><br /><br />और अंत मे - मीडिया फतवों से या मुस्लिम आतंकवाद से डरता है या नहीं मालूम नही पर मीडिया अपने व्यावसायिक हित बहुत अच्छी तरह पहचानता है, और मीडिया वही परोसता है जो उसको मलूम है कि बिकेगा, क्योंकि मीडिया खुद भी बिका हुआ हैAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-75390594522503248152010-07-18T20:03:34.527+05:302010-07-18T20:03:34.527+05:30इसी तरह इंदिरा गाँधी स्वर्ण कप जीतने वाली टीम की स...इसी तरह इंदिरा गाँधी स्वर्ण कप जीतने वाली टीम की सदस्य विश्वासी पूर्ति की रुचि बचपन से ही खेलों के लिए थी. खस्सी टूर्नामेंट देखने जाने वाली पूर्ति कहती हैं, “उस वक़्त बस एक ही बात दिमाग़ में आती थी कि टूर्नामेंट जीतने पर एक दिन तो भरपेट खस्सी-भात खाने को मिलेगा.” http://webcache.googleusercontent.com/search?q=cache:CRULXG1wVWgJ:www.bbc.co.uk/hindi/sport/story/2004/06/040611_jharkhand_hockey.shtml+%E0%A4%AC%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A5%87+%E0%A4%96%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A5%80&cd=7&hl=en&ct=clnk&gl=inबकरे खस्सी करने वाले टोबाटेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/10981597872893653530noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-2270379046424680102010-07-18T09:06:48.648+05:302010-07-18T09:06:48.648+05:30ईंट का ज़वाब पत्थर से देना ही पड़ेगा,,,,,, चल छोड़ ...ईंट का ज़वाब पत्थर से देना ही पड़ेगा,,,,,, चल छोड़ यार वाली प्रवृत्ति ने हिन्दू समाज का बहुत बड़ा अहित किया हैAmit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-27431938817294312842010-07-18T07:45:35.714+05:302010-07-18T07:45:35.714+05:30तारकेश्वर जी,
" Tit for tat " का ज़मान...तारकेश्वर जी,<br /><br />" Tit for tat " का ज़माना है। जैसा लोग करेंगे वैसा जवाब मिलेगा । अगर बाकि धर्म के लोग आतंकवाद मचायेंगे , तो उनको जवाब देना समय की मांग है। अन्याय सहना , अन्यार करने से भी बड़ा जुर्म है।<br /><br />यदि शराफत से लोगों को बात समझ न आये, तो उन्हें आइना दिखा ही देना चाहिए।<br /><br />आपके इस लेख से पुर्णतः सहमत हूँ और दिल से प्रशंसा करती हूँ। <br /><br />Divya [zeal]ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-55726776386164721452010-07-17T22:27:01.130+05:302010-07-17T22:27:01.130+05:30अगर मीडिया इतनी ही जागरूक है तो क्यों नहीं सजा हुई...अगर मीडिया इतनी ही जागरूक है तो क्यों नहीं सजा हुई लालू यादव को क्यों बची हुई हैं मायावती. क्यों खुले घूम रहे हैं मुलायम यादव. क्या हुआ बोफोर्स दलाली का.<br /><br />मीडिया बिक गई हैTaarkeshwar Girihttps://www.blogger.com/profile/06692811488153405861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-73378335366250540712010-07-17T22:23:49.185+05:302010-07-17T22:23:49.185+05:30निखिल आनंद गिरी जी,
ऐसे कितने रिपोर्टर हैं जो संज...निखिल आनंद गिरी जी,<br /><br />ऐसे कितने रिपोर्टर हैं जो संजय काक और आनंद पटवर्धन जैसे लिखते हैं और दिखाते हैं, शायद आप ये भूल गए हैं कि कुछ साल पहले दिल्ली में एक महिला अध्यापिका के खिलाफ ऐसे ही स्टिंग आप्रेसन किया गया था, जिसको पुरे समाज, बल्कि कहे ले कि पुरे अंधे समाज ने जम कर के पीटा था और खूब बेइजती कि गई थी.<br /><br />आपका मीडिया मायावती पर क्यों नहीं बोलता है जिसने दलितों के नाम पर १३०० करोंड रूपया मूर्तियों पर खर्च कर दिया है. आप का मीडिया शीला शिक्षित पर क्यों खामोश रहता है जिसने DTC बसों के सौदों में करोणों रुपये कि दलाली खाई है.<br /><br />बुरा मत मानियेगा, आप के इलेक्ट्रोनिक मीडिया के बहुत सारे रिपोर्ट ऐसे हैं जो आय से ज्यादे सम्पति रखते हैं , उनके घरो पर सीबीआई छापा क्यों नहीं मारती है.<br /><br />क्या सचमुच मीडिया स्वतंत्र है ?---------------- शायद कुछ लोग सिर्फ . और वो कुछ लोग जिन्हें मौका नहीं मिला.Taarkeshwar Girihttps://www.blogger.com/profile/06692811488153405861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-82928453065525428772010-07-17T20:53:24.334+05:302010-07-17T20:53:24.334+05:30शानदार पोस्टशानदार पोस्टJanduniahttps://www.blogger.com/profile/06681339283219498038noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-45688795315753327102010-07-17T20:30:37.842+05:302010-07-17T20:30:37.842+05:30कल हिंदूवादी संगठन आरएसएस ने एक न्यूज़ चैनल पर हमल...कल हिंदूवादी संगठन आरएसएस ने एक न्यूज़ चैनल पर हमला बोल दिया....वजह थी अजमेर ब्लास्ट में हिंदूवादी नेताओं का नाम आने की खबर चलाना....क्या ये उग्रता कहीं से जायज़ है....<br /><br />मीडिया कश्मीर का मुद्दा नहीं उठाता तो आज भी स्वर्ग समझने वालों की कमी नहीं है.....आपने अभी मीडिया का दायरा समझा नहीं है....सिर्फ आपके घर में चलने वाला टीवी ही मीडिया नहीं है...कभी संजय काक की डॉक्यूमेंट्री जश्ने आज़ादी मिले तो देखिएगा ज़रूर....या फिर आनंद पटवर्धन की 'राम के नाम'..फिर आपके विचार और खुल जाएंगे....Nikhilhttps://www.blogger.com/profile/16903955620342983507noreply@blogger.com