tag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post6874172236723267558..comments2024-03-26T14:48:50.155+05:30Comments on काम की बातें: क़ुरबानी मैं जानवर ही क्यों.-जरुरत है रिवाज बदलने कीTaarkeshwar Girihttp://www.blogger.com/profile/06692811488153405861noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-2486669014679299772009-12-04T22:14:22.796+05:302009-12-04T22:14:22.796+05:30भई आपको ये भी नहीं पता कि कुरबानी तो बडे पुण्य का ...भई आपको ये भी नहीं पता कि कुरबानी तो बडे पुण्य का काम है...आपको तो इन ज्ञानियों से कुछ सीख लेनी चाहिए !<br />फलानी फलानी किताब में लिखा है....इसलिए ये बिल्कुल सही काम है :(Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-86126635030812863982009-12-04T20:50:18.588+05:302009-12-04T20:50:18.588+05:30qurbani jeev jatya nahi...qurbani jeev jatya nahi...सलीम खानhttps://www.blogger.com/profile/07860962964037823039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-25152814302074334732009-12-04T12:36:53.383+05:302009-12-04T12:36:53.383+05:30फिल्म और फोटू पर आज भी प्रतिबंध है, सऊदी अरब में ...फिल्म और फोटू पर आज भी प्रतिबंध है, सऊदी अरब में एक भी सिनेमा नहीं है, फोटू केवल आवश्यकता के लिए खिंचवाया जा सकता है जैसे पासपोर्ट बनवाना, नोकरी के लिए आवेदन आदि, बुर्के का रिवाज पर असर है, उतना भी नहीं कि एसे धार्मिक रूप में खत्म कर दिया गया हो, अल्लाह ने 1400 वर्ष पूर्व जो कुरआन में जो कह दिया वह न बदला है न बदलेगा, न कोई समर्थ है उसे बदलने में, कुरआन में शायद बुर्के नहीं परदे बारे में आया है, परदे और इस्लाम बारे में उपयोगी 250 प्रष्ठ की पुस्तक<br />''इस्लाम में पर्दा और नारी की हैसियत''<br /><a href="http://www.islamhouse.com/p/223546" rel="nofollow">डायरेक्ट पुस्तक लिंक</a><br /><br />कुरबानी बारे में अधिक जानकारी निम्न इस्लाम की 74 भाषाओं की वेबसाइट से ली जा सकती है,<br />http://www.islamhouse.comMohammed Umar Kairanvihttps://www.blogger.com/profile/06899446414856525462noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-87465317814233875612009-12-04T12:32:45.381+05:302009-12-04T12:32:45.381+05:30उसके कितने भयंकर प्रमाण सामने आये, इसके विपरीत इस्...उसके कितने भयंकर प्रमाण सामने आये, इसके विपरीत इस्लाम धर्म ने नारी को क्या सम्मान दिया, उसकी नेचर के अनुकूल उसके लिये जीवन में क्या कार्य-क्षेत्र निर्धारित किये, उसके के रहन-सहन के क्या आचार नियमित किये तथा सामाजिक जीवन में मर्द और औरत के बीच संबंध का किस प्रकार एक संतुलित व्यवस्था प्रस्तुत किया जिसके समान कोई व्यवस्था नहीं। विशेष कर नारी के परदा (हिजाब) के मुद्दे को विस्तार रूप से उठाया गया है और इसके पीछे इस्लाम का उद्देश्य क्या है? उसका खुलासा किया गया है, तथा जो लोग नारी के परदा का कड़ा विरोध और उसका उपहास करते हैं, इसके पीछा उनका उद्देश्य क्या है और यह किस प्रकार उनके रास्ते का काँटा है, इस से भी अवगत कराया गया है। कुल मिलाकर वर्तमान समय के हर मुसलमान बल्कि हर बुद्धिमान को इस पुस्तक का अध्ययन करना चाहिए।<br />http://www.islamhouse.com/p/223546Mohammed Umar Kairanvihttps://www.blogger.com/profile/06899446414856525462noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-49514331389816635602009-12-04T12:32:33.591+05:302009-12-04T12:32:33.591+05:30पुस्तक ''इस्लाम में परदा और नारी की हैसिय...पुस्तक ''इस्लाम में परदा और नारी की हैसियत''..संछिप्त विवरण: सामूहिक जीवन में औरत और मर्द का संबंध किस तरह होना चाहिए, यह इंसानी सभ्यता की सब से अधिक पेचीदा और सब से अहम समस्या रही है, जिसके समाधान में बहुत पुराने ज़माने से आज तक दुनिया के सोचने-समझने वाले और विद्वान लोग परेशान हैं, जबकि इसके सही और कामयाब हल पर इंसान की भलाई और तरक्क़ी टिकी हुई है। इतिहास का पन्ना पलटने से पता चलता है कि प्राचीन काल की सभ्याताओं से लेकर आज के आधुनिक पिश्चमी सभ्यता तक किसी ने भी नारी के साथ सम्मान और और न्याय का बर्ताव नहीं किया है! वह सदैव दो अतियों के पाटन के बीच पिसती रही है। इस घोर अंधेरे में उसको रौशनी एक मात्र इस्लाम ने प्रदान किया है, जो सर्व संसार के रचयिता का एक प्राकृतिक धर्म है, जिस ने आकर नारी का सिर ऊँचा किया, उसे जीवन के सभी अधिकार प्रदान किये, समाज में उसका एक स्थान निर्धारित किया और उसके सतीत्व की सुरक्षा की.. <br />इस पुस्तक में इतिहास से मिसालें दे कर यह स्पष्ट किया गिया है कि दुनिया वालों ने नारी के साथ क्या व्यवहार किया औरMohammed Umar Kairanvihttps://www.blogger.com/profile/06899446414856525462noreply@blogger.com