tag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post4256517756413857867..comments2024-03-26T14:48:50.155+05:30Comments on काम की बातें: मुझे अपना धर्म बदलना हैं, -तारकेश्वर गिरी.Taarkeshwar Girihttp://www.blogger.com/profile/06692811488153405861noreply@blogger.comBlogger40125tag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-55554811385241524482010-11-26T19:11:45.299+05:302010-11-26T19:11:45.299+05:30bhai phle dhrm ko smjh to lo bina bat kuchh bhi mu...bhai phle dhrm ko smjh to lo bina bat kuchh bhi munh utha kr kah dene se kam ni chlta bap to bap hi rhega hr kisi ko bap kaise khte fir skte hain bhla <br />dhrm aur mt me bahut bda antr hai sb se pahle is bhed ko jan le aap ke pita shri ne bhi bahut koshish ki hogi ki aap poorn roopen srv smrth bne pr koi bhi apne bap ke kahne me poori trh nhi chlta to vh us ka beta nhi rhta aisa nhi hai aur n hi aisa krne us ka bap bdl jata hai <br />jra aap hi bta den ki vastvik dhrm kya hai mere vichar me manviyta se bda dhrm koi nhi hai aur yh hi bhartiy yani hindoo vichar dhra hai baki kisi bhi mt me aisa nhi hai main yh dave se kah rha hoon ho to aap bta den main aap ka anuyayi ho jaunga <br />hm apne dosh n dekh kr auron ke dosh dekh kr apne dosh hi bdha rhe hain is se adhik kuchh nhi haivedvyathithttps://www.blogger.com/profile/02253588002622732897noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-52068467020727879062010-11-24T16:26:35.704+05:302010-11-24T16:26:35.704+05:30... kyaa baat hai !!!... kyaa baat hai !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-54209091644058083722010-11-24T08:49:49.318+05:302010-11-24T08:49:49.318+05:30चाँद है जेरे कदम सूरज खिलौना हो गया
हां , मगर इस ...चाँद है जेरे कदम सूरज खिलौना हो गया <br />हां , मगर इस दौर में किरदार बौना हो गया .<br /> <br />यह शेर आज पहले से बढ़कर सार्थक है .<br /><br />* हम तो सबके ब्लाग पर हाजिरी देते हैं और कमेंट भी परंतु ...well wisherhttps://www.blogger.com/profile/14701799242506003351noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-48845428127448661712010-11-23T16:20:02.340+05:302010-11-23T16:20:02.340+05:30क्यूँ न ये तथाकथित धर्म छोड़ दिया जाये ... आप ने जो...क्यूँ न ये तथाकथित धर्म छोड़ दिया जाये ... आप ने जो भी लिखा है वो सब एक ही धर्म में मिलेंगे ... इंसानियत !Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-29875438475007118772010-11-23T08:24:06.092+05:302010-11-23T08:24:06.092+05:30Neeraj ji kaisi rahi apki Badri Nath Ki yartraNeeraj ji kaisi rahi apki Badri Nath Ki yartraTaarkeshwar Girihttps://www.blogger.com/profile/06692811488153405861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-86249115940211368452010-11-22T21:15:31.252+05:302010-11-22T21:15:31.252+05:30भाई किस चक्कर में पड रहे हो? एक चक्कर कुल्लू-मनाली...भाई किस चक्कर में पड रहे हो? एक चक्कर कुल्लू-मनाली का लगाकर आओ। वापस आकर पल-पल का धारावाहिक छापो। जब दो-तीन महीने बाद धारावाहिक खत्म होने लगे तो एक चक्कर कहीं का फिर लगा दो। और फिर धारावाहिक।<br />बस, लगे रहो, लगे रहो। <br />यही उत्तम धर्म है- घुमक्कडी धर्म। सभी नौ की नौ बुराइयां दूर हैं घुमक्कडी धर्म में।नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-63709449315750427602010-11-22T20:39:24.048+05:302010-11-22T20:39:24.048+05:30बढ़िया है ...मेरे धर्म में आ जाओ ...सबसे अच्छा हैबढ़िया है ...मेरे धर्म में आ जाओ ...सबसे अच्छा हैSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-72379790399593679362010-11-22T20:16:07.068+05:302010-11-22T20:16:07.068+05:30एक धर्म है एसा पशु धर्म ,जहा कुछ गड़बड़ नही है
...एक धर्म है एसा पशु धर्म ,जहा कुछ गड़बड़ नही है <br /><br />क्या कोई जानवर ये सोचता है कि ये जो सामने जानवर है किस धर्म का है ,इसने वेद या कुरान पड़े है कि नही <br />यहाँ लोग अपने घर की अंधरी की चिंता छोड़ दुसरे के घरो में उजाले की चिंता में है<br />कमाल के और महान लोग है ये जो हिन्दू धर्म को रास्ता दिखा रहे है ???????Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-63064139950116432252010-11-22T19:43:26.755+05:302010-11-22T19:43:26.755+05:30अरे यहाँ तो पूरी 'धर्म संसद लगी हुई है...... ह...अरे यहाँ तो पूरी 'धर्म संसद लगी हुई है...... हमको तो पूर्वीय ब्लॉग से मालूम हुवा..<br /><br /><br />मैं भी कुछ कहना चाहता हूं... :)<br />मेरा मानना ये है की आपने कई धर्मो का उल्लेख किया... पहले आपको धर्म की परिभाषा बतानी चाहिए अगर, अगर आप 'हिंदू' को धर्म कहते हो... आप नहीं कहते - ये पोस्ट के अंत में आपने लिख दिया.<br />दूसरी बात, आप बात कर रहे हैं, पूजा पद्धति या फिर पंथ की.....<br />ये भारत वर्ष के सभी नागरिकों का वैक्तियक मामला है कि वो किस पद्धति से पूजा पाठ करते हैं.<br /><br />और जहाँ तक मेरा मसला है....... मैं भी बदलने के तैयार हूं अपनी पूजा पद्धति : पर शर्त एक है की 'कुर्बानी' के दिन कुत्तों की कुबानी दी जाए.......<br /> क्या है की हिन्दुस्तान में कुत्तों ने बहुत गद्दर मचा रखा है - रात को सोने नहीं देते ... भोंकते रहते हैं :)दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-41415922680122529672010-11-22T18:01:07.985+05:302010-11-22T18:01:07.985+05:30ब्लॉग युद्ध - अमित बनाम अनवर जमाल
ये ब्लॉग युद्ध ...ब्लॉग युद्ध - अमित बनाम अनवर जमाल<br /><br />ये ब्लॉग युद्ध लड़ा जा रहा है उस देश में जहाँ 45 लाख का एक बकरा बिकता है, बकरों का 3-4 लाख में बिकना भी यहाँ कोई बड़ी बात नहीं है, ध्यान दीजिये उस देश में जहाँ आज भी हर दूसरा बच्चा कुपोषण का शिकार है !<br /><br />पात्र परिचय - <br /><br /><br />हिंदी ब्लॉग एक आसमान पर चमकते हुए एक सितारे का नाम है डा. अनवर जमाल !<br /><br />http://meradeshmeradharm.blogspot.com/2010/11/blog-post.html<br />22 November 2010 5:47 PM <br /> मेरा देश मेरा धर्म said...<br />Read full post @<br /><br />http://meradeshmeradharm.blogspot.com/2010/11/blog-post.html<br />22 November 2010 5:48 PMAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-57309938362662690142010-11-22T17:17:04.227+05:302010-11-22T17:17:04.227+05:30गिरी भाई मुझे
ऐसा खाना खाना है जिसके खाने से लेट्...गिरी भाई मुझे <br />ऐसा खाना खाना है जिसके खाने से लेट्रिंग न आती हो<br />ऐसी पोस्ट पढनी है जो किसी भाषा में न लिखी गयी हो<br />मुझे ऐसी फिल्म देखनी है जिसमें कोई हीरो हिरोईन न हो<br />ऐसा गाना सुनना है जिसमें कोई गीत न हो<br />ऐसे घर में रहना है जिसमें घरवाली नHaLaaaL हलालhttps://www.blogger.com/profile/01594659123965014949noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-67775004362330772202010-11-22T17:14:36.842+05:302010-11-22T17:14:36.842+05:30गिरि भाई, कमियां किसी भी धर्म में नहीं होतीं, उसे ...गिरि भाई, कमियां किसी भी धर्म में नहीं होतीं, उसे मानने वाले लोगों में होती हैं। पर यही बात लोगों को समझ में नहीं आती।<br /><br />---------<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">ग्राम, पौंड, औंस का झमेला। </a><<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">विश्व की दो तिहाई जनता मांसाहार को अभिशप्त है।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-77105366424535674102010-11-22T16:46:14.360+05:302010-11-22T16:46:14.360+05:30गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि 'स्वधर्म...गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि 'स्वधर्मे निधन श्रेय परधर्मो भयावह।' अतः आपको अपना धर्म नहीं बदलना चाहिए इसके विपरित हिन्दु धर्म पर जो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष प्रहार हो रहे है उनके प्रति समाज के लोगो को जाग्रत करना चाहिएरामदास सोनीhttps://www.blogger.com/profile/01823504717777508844noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-86902004030737493492010-11-22T16:34:34.695+05:302010-11-22T16:34:34.695+05:30समस्या का समाधान तब तक सम्भव नहीं जब तक कि धर्म का...समस्या का समाधान तब तक सम्भव नहीं जब तक कि धर्म का विकल्प धर्म को समझना बंद न किया जाए।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-35009378381356093952010-11-22T12:50:37.728+05:302010-11-22T12:50:37.728+05:30सच का मार्ग सदैव एक होता है , इश्वर भी एक होता है...सच का मार्ग सदैव एक होता है , इश्वर भी एक होता है , उसी इश्वर के तलाश में सदैव हमें रहना चाहिए , <br />अगर एक व्यक्ति माल चुरा कर दान करें तो उसका कोई महत्व नहीं है , क्यों की वो चोरी का माल है ,<br />उसी प्रकार हम जब तक सत्य के धर्म पर न हों तो हमारे किसी भी अच्छे कार्य का कोई महत्व नहीं ,<br />इस लिए हमें सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए <br />dabirnews.blogspot.comTausif Hindustanihttps://www.blogger.com/profile/13794797683013534839noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-89439559904842022342010-11-22T11:13:30.219+05:302010-11-22T11:13:30.219+05:30धर्म पूछ रहे हैं या सम्प्रदाय?
ब्लॉगर का धर्म है ब...धर्म पूछ रहे हैं या सम्प्रदाय?<br />ब्लॉगर का धर्म है ब्लॉगिंग करना<br />माँ-बाप के लिये पुत्र धर्म का पालन करें<br />बच्चों के लिये पितृधर्म का पालन करें<br />पत्नि के लिये पति धर्म का पालन करें<br />इन्सानियत के लिये मानवधर्म का पालन करें<br />आपका धर्म आप खुद हैं<br />जन्म से किसी सम्प्रदाय में फेंक दिये जाने को धर्म नहीं कह सकते।<br />हाँ जिस सम्प्रदाय का मार्ग आपको रुचिकर लगे उस पर चलें। हर संप्रदाय के अपने नियम हैं, अपने तरीके हैं जीवन को जीने के।<br /><br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-61368394723967331472010-11-22T08:39:11.564+05:302010-11-22T08:39:11.564+05:30Fir Kyon Log Dharm Badalte hai.Fir Kyon Log Dharm Badalte hai.Taarkeshwar Girihttps://www.blogger.com/profile/06692811488153405861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-75468026597200659462010-11-22T08:28:30.410+05:302010-11-22T08:28:30.410+05:30@ जनाब गिरी साहब ! आपके लिए एक छोटा सा इल्मी तोहफा...@ जनाब गिरी साहब ! आपके लिए एक छोटा सा इल्मी तोहफा है मेरे ब्लाग पर ।<br /><br />देखें -<br />ahsaskiparten.blogspot.comDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-22254171772413338112010-11-22T08:11:20.471+05:302010-11-22T08:11:20.471+05:30kyo naa ek apanaa nayaa dharm banaayekyo naa ek apanaa nayaa dharm banaayedhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-60729703894242513052010-11-22T08:10:52.814+05:302010-11-22T08:10:52.814+05:30:-)
उपरोक्त सारी अच्छाइयाँ हर धर्म में हैं, किन्त...:-)<br /><br />उपरोक्त सारी अच्छाइयाँ हर धर्म में हैं, किन्तु किसी भी धर्म के अनुयाइयो में पूर्णत: नहीं हैं.<br /><br /><br />वैसे गिरी साहब सिर्फ किसी धर्म का लेबल लगा लेने भर से कोई उस धर्म का मानने वाला नहीं हो जाता. आज के समय आप किसी भी धर्म के धार्मिक व्यक्ति को देखकर उसके धर्म के बारे में राय नहीं बना सकते हैं. <br /><br /><a href="http://premras.com" rel="nofollow">प्रेमरस.कॉम</a>Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-69715488539186926082010-11-22T01:07:17.970+05:302010-11-22T01:07:17.970+05:30अरे.. आपने मॉडरेशन तक नहीं लगाया ?
आख़िर कैसे टुटपु...<i><br />अरे.. आपने मॉडरेशन तक नहीं लगाया ?<br />आख़िर कैसे टुटपुँजिया ब्लॉगर हैं, आप ?<br />यह तो मुफ़्त में लग जाता है,<br />और हमारा भाव बढ़ जाता है ।<br /></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-79575804239741617352010-11-22T01:06:54.253+05:302010-11-22T01:06:54.253+05:30सर्वोच्च ईश्वरीय सत्ता में आस्था रखते हुये,
पल प्र...<i><br />सर्वोच्च ईश्वरीय सत्ता में आस्था रखते हुये,<br />पल प्रतिपल अपनी मानवीयता का ध्यान रखिये,<br />रात में सोने से पहले अपने अन्तर्मन से अपने कृत्यों की ज़वाबदेही पेश करिये,<br />आपको किसी धर्म की आवश्यकता ही न पड़ेगी, जब मैल नहीं तो साबुन की खोज क्यों ?<br />धर्म आपसे बना है, जिसे उसके स्वयँभू ठेकेदार चला रहे हैं... पर आप स्वयँ किसी धर्म की देन नहीं हैं, यह तो एक सँयोग मात्र है । <br /></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-12256831244249692342010-11-21T23:45:45.216+05:302010-11-21T23:45:45.216+05:30गिरी जी आप धर्म को मानने वालो को क्यों घसीट रहे है...गिरी जी आप धर्म को मानने वालो को क्यों घसीट रहे है ? अगर आप को प्रश्न पूछना है तो इस तरह से क्यों नहीं पूछते है कि :-<br /> 1. वो धर्म जिसमे लोगो को झूठ ना सिखाता हो.<br /> 2. वो धर्म जिसमे ईमान हो.<br /> 3. वो धर्म जिसमे सबकी इज्जत हो.<br /> 4. वो धर्म जो किसी को हत्या करने कि इजाजत नहीं देता है.<br /> 5. वो धर्म जिसमे चोरी डकैती कि शिक्षा न हो.<br /> 6. वो धर्म जिसमे कोई बलात्कार न हो.<br /> 7. वो धर्म जिसमे कोई ठग या घुसखोर न सिखाता हो.<br /> <br /> ८. वो धर्म जिसमे सिर्फ और सिर्फ इंसानियत हो.<br /><br /><br />तो मै यही कहूँगा कि आप सही धर्म में पैसा हुए है और आप को और धर्मो को स्वीकार करने के बारे में छोड़ देना चाहिए| अपने पुण्य कर्मो को आगे बढ़ाते रहे और इश्वर से प्रार्थना करे कि जब भी मानव रूप में आप का पुनर्जन्म हो तो आप एक हिंदु के रूप में ही जन्म ले |<br /><br />धन्यबाद|अजय सिंहhttps://www.blogger.com/profile/07164579856433226697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-19286841176401775042010-11-21T23:39:17.875+05:302010-11-21T23:39:17.875+05:301, भारतीय नागरिक जी से पूरी तरह सहमत ।
2, कमी कभी ...1, भारतीय नागरिक जी से पूरी तरह सहमत ।<br />2, कमी कभी धर्म नहीं होती इसीलिए धर्म में कभी कमी नहीं होती । कमी होती है इनसान में जो धर्म के बजाए अपने मन की इच्छा पर या परंपरा पर चलता है और लोगों को देखकर जब चाहे जैसे चाहे अपनी मान्यताएँ खुद ही बदलता रहता है । <br />3, जिसके पास धर्म होगा वह न अपने मन की इच्छा पर चलेगा और न ही परंपरा पर , वह चलेगा अपने मालिक के हुक्म पर , जिसके हुक्म पर चले हमारे पूर्वज ।<br />4, धर्म बदला नहीं जा सकता क्योंकि यह कोई कपड़ा नहीं है ।<br />5, जो बदलता है उस पर धर्म वास्तव में होता ही नहीं है ।<br />6, अब आप बताइए कि नृत्य और हर पल आप उस मालिक के आदेश पर चलते हैं या अपनी इच्छाओं पर ?<br />तब पता चलेगा कि वास्तव में आपके पास धर्म है भी कि नहीं ?DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8590804667452023378.post-18332784137725510162010-11-21T22:47:53.281+05:302010-11-21T22:47:53.281+05:30बहुत सुन्दर आप बधाई के पात्र हैबहुत सुन्दर आप बधाई के पात्र हैसूबेदारhttps://www.blogger.com/profile/15985123712684138142noreply@blogger.com