आम आदमी कि हिम्मत अब इतनी बढ़ गई हैं कि वो संसद में बैठे महान सांसदों को भी गाली देने लगे हैं. अरे आदमी को हमेशा अपनी औकात में रहना चाहिए. पैजामे का नाडा पैजामे के अन्दर ही ठीक लगता हैं.
अब किरण बेदी जी हो या ओम पुरी साहेब इनकी समाज में उतनी इज्जत कंहा हैं जितनी कि लालू प्रसाद यादव जैसे सांसदों कि हैं. इतना सारा चारा खा कर के और तारकोल पी कर के भी संसद में जमे हुए हैं और वो सुना हैं कि स्टेंडिंग कमिटी के मेम्बर भी हैं.
मनीष तिवारी जी कितना मीठा बोलते हैं , ये तो पूरा देश जनता हैं, कपिल सिब्बल साहेब का ज्ञान समुद्र कि लहरों कि तरह उछाल मारता हैं ये भी कम महान थोड़े हैं. जंगल का राजा गीदड़ तो खैर आज कल शांत हैं.
चलिए खैर, अब तो किरण बेदी जी को और ओम पुरी जी को संसद कि गरिमा को ठेस पहुचाने के जुर्म में संसद में पेश किया ही जायेगा , लेकिन जनता कि गरिमा भी कुछ होती हैं क्या? ?????????.
मनीष तिवारी जी को और कपिल साहेब को खुले चौराहे पे छोड़ दिया जाय.............ऐसा होना चाहिए आखिर उन्होंने भी तो जनता कि भावनावो का मजाक उडाया हैं.
बहुत ही अच्छा लिखा है.
ReplyDeleteअनुपम खेर की जगह ओमपुरी कर लें।
ReplyDeleteप्रणाम
कहीं यह आम आदमी खास बनना तो नहीं चाहता ?
ReplyDeletehan bhai...bhala aam aadmi ki koi garima to hoti nahi...?
ReplyDeletejai ho neta ki...
आम आदमी कैसे कुछ कह सकता..
ReplyDeleteआम जन को इस पर बोलने का अधिकार नहीं है...
ReplyDelete42 साल से लोकपाल को बंधक बना कर रखे सांसदो के लिए जो ओमपुरी और किरन बेदी ने कहा वह सही कहा।
ReplyDeleteबेहतर...
ReplyDeleteओमपुरी नहीं हो पाया अभी तक....?
गलती के लिए क्षमा , अब सुधार कर दिया हैं.
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