स्वामी रामदेव का अनशन टूटने से पहले ही सोनिया गाँधी पुरे परिवार सहित स्वीटजर लैंड में छुट्टियाँ मनाने चली गई हैं.
अब बाबा का डर कहें या बदनामी का , हमारे जैसे लोग तो येही सोचेंगे कि मौका मिला हैं तो खजाने को ठिकाने ही लगा आयें. भारत कि जनता को दिग्गी बाबु जैसे मुंहफट के हवाले कर दिया कि तुम संभालो मोर्चा हम संभाले आते हैं सबका खज़ाना.
विश्वस्त सूत्रों से पता चला हैं कि सोनिया गाँधी अपने पुरे परिवार सहित (प्रियंका और रोबेर्ट सहित) ८ जून को प्राइवेट जहाज से ज्यूरिख [स्विट्जरलैंड ] चले गये हैं.
आखिर मसला भी तो गंभीर हैं, इधर जयललिता जी ने और भाज़पा ने चिदंबरम को घेरे में लेलिया हैं. बेचारे गृह मंत्री पुरे हकलान हुए पड़े हैं, कि कंही ससुरा इस्तीफा ना देना पड जाये.
उधर स्वामी रामदेव भी आराम करके कुछ उर्जा जुटाने में लगे हुए हैं.
देखते हैं कि मनमोहन जी कब बोलते हैं.
अब छुट्टी मनाने तो कोई भी जा सकता है इसमें क्या आपत्ति है.
ReplyDeleteअभी कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री अम्बिका सोनी ब्रिटेन गयी थी वही से वे एक सप्ताह गायब हो गयी s.गूरुमुर्ती ने सुचना अधिकार के तहत पूछ तो गृहमंत्रालय का जबाब था की यह सुचना देश हित में नहीं है इस नाते गाढ़ी परिवार का ही सर्बाधिक धन स्विज बैंक में है वह सब मैनेज हो रहा है.
ReplyDeleteये इटालियन डकैत भारत से लूटा गया खजाना ठिकाने लगाने की हर संमभब कोशिश कर रही है लेकिन कहाबत है न कि वकरे की मां आखिर कब तक खैर मनाएगी।
ReplyDeleteएक न एक दिन तो अंजाम भुगतना ही पड़ेगा
छुटटी मनाने नही अपना काला धन एडजस्ट करने गयी है.
ReplyDeleteकोई जुगाड निकालिए गिरि भाई, हम लोग भी चलें...
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ब्लॉग समीक्षा की 20वीं कड़ी...
आई साइबोर्ग, नैतिकता की धज्जियाँ...
मेरा बिना पानी पिए आज का उपवास है आप भी जाने क्यों मैंने यह व्रत किया है.
ReplyDeleteदिल्ली पुलिस का कोई खाकी वर्दी वाला मेरे मृतक शरीर को न छूने की कोशिश भी न करें. मैं नहीं मानता कि-तुम मेरे मृतक शरीर को छूने के भी लायक हो.आप भी उपरोक्त पत्र पढ़कर जाने की क्यों नहीं हैं पुलिस के अधिकारी मेरे मृतक शरीर को छूने के लायक?
मैं आपसे पत्र के माध्यम से वादा करता हूँ की अगर न्याय प्रक्रिया मेरा साथ देती है तब कम से कम 551लाख रूपये का राजस्व का सरकार को फायदा करवा सकता हूँ. मुझे किसी प्रकार का कोई ईनाम भी नहीं चाहिए.ऐसा ही एक पत्र दिल्ली के उच्च न्यायालय में लिखकर भेजा है. ज्यादा पढ़ने के लिए किल्क करके पढ़ें. मैं खाली हाथ आया और खाली हाथ लौट जाऊँगा.
मैंने अपनी पत्नी व उसके परिजनों के साथ ही दिल्ली पुलिस और न्याय व्यवस्था के अत्याचारों के विरोध में 20 मई 2011 से अन्न का त्याग किया हुआ है और 20 जून 2011 से केवल जल पीकर 28 जुलाई तक जैन धर्म की तपस्या करूँगा.जिसके कारण मोबाईल और लैंडलाइन फोन भी बंद रहेंगे. 23 जून से मौन व्रत भी शुरू होगा. आप दुआ करें कि-मेरी तपस्या पूरी हो
सही कह है देश में जो काला धन के प्रति उबाल है उससे डर कर इधर उधर करने गए होगे
ReplyDeletejanta ki neend haram aur neta karte vishram......badhiya aalekh .badhai
ReplyDeleteReally nice writing. Keep it up dear.
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